Friday, March 29, 2024

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो -1: आर्यन खान मामले में 25 करोड़ की वसूली के आरोपों की जांच शुरू

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा तीन अक्टूबर को मुंबई के तट के पास, गोवा जा रहे एक क्रूज़ पोत पर छापेमारी के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तारी के बाद इस मामले में 25करोड़ रूपये की वसूली के प्रयास के आरोप लग रहे हैं। एक ओर अडानी के मुन्द्रा पोर्ट से 21हजार करोड़ मूल्य के 30 टन ड्रग्स (नशीले पदार्थ) पकड़े जाने पर अभी तक न तो पोर्ट के मालिक गौतम अडानी से न ही मुन्द्रा पोर्ट पर तैनात उनकी कम्पनी के आला अधिकारियों से एनसीबी या देश की किसी जांच एजेन्सी ने औपचारिक पूछताछ की है वहीं आर्यन खान के पास से एक ग्राम ड्रग्स तक की बरामदगी न होने के बावजूद तीन हफ्तों से बाम्बे के आर्थर रोड जेल में निरुद्ध करके रखा गया है और ड्रग पैडलर तक का आरोप बिना किसी सबूत के एनसीबी अधिकारीयों द्वारा लगाया जा रहा है। दरअसल बॉलीवुड वसूली का सॉफ्ट टारगेट है जहां दाउद,रवि पुजारी और अन्य माफिया तत्वों द्वारा जबरन वसूली की जाती है तो भला एनसीबी कैसे पीछे रहती। एनसीबी का नाम अब नारकोटिक्स कंट्रोल (वसूली) ब्यूरो बनता जा रहा है।

मुंबई पुलिस की एक वकील सुधा द्विवेदी ने एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और पांच दूसरे लोगों के के खिलाफ क्रूज पर ड्रग मामले में कथित रूप से जबरन वसूली के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है । वकील सुधा द्विवेदी ने लिखित शिकायत एमआरए मार्ग पुलिस थाने और संयुक्त पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंभे और राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यालयों में भी दी है। द्विवेदी ने शिकायत में वानखेड़े तथा प्रभाकर सैल और के. पी. गोसावी सहित पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है।

इस बीच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा क्रूज ड्रग्स मामले में एक गवाह द्वारा किए गए उन दावों की निगरानी जांच का आदेश देने के बाद जांच शुरू हो गयी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अभिनेता शाहरुख खान के बेटे और आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए एजेंसी के कुछ अधिकारियों सहित मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और अन्य द्वारा 25 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की बोली लगाई गई। उत्तरी क्षेत्र के एनसीबी के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह अपने मुख्यालय में मामले की जांच कर रहे हैं। सिंह संघीय मादक द्रव्य रोधी एजेंसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) भी हैं।

पांच सदस्यीय सतर्कता टीम बुधवार सुबह मुंबई पहुंची और उसने अपनी जांच शुरू कर दी जिसके तहत दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित कार्यालय से कुछ दस्तावेजों और रिकॉर्डिंग को एकत्र किया गया है। ज्ञानेश्वर सिंह सिंह ने वसूली के मामले की विभागीय सतर्कता जांच का नेतृत्व कर रहे हैं। समीर वानखेड़े ने करीब चार घंटे तक विभागीय सतर्कता जांच टीम के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित विभाग के दफ्तर से कुछ दस्तावेज व रिकॉर्डिंग भी जब्त किये हैं। उन्होंने बताया कि इस जांच से जुड़े सभी गवाहों को बुलाया जाएगा और बयान दर्ज किए जाएंगे। वहीं वानखेड़े क्रूज ड्रग्स मामले की जांच जारी रखेंगे की नहीं, इस पर सिंह ने कुछ नहीं कहा।

मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने दावा किया था कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है। सैल के अनुसार आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे।

सैल ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेंगे। सैल ने आरोप लगाया था कि एनसीबी के कुछ अधिकारी और कुछ अन्य लोग मिलकर आर्यन खान को छोड़ने के लिए शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे। प्रभाकर ने यह भी कहा था कि एनसीबी ने उससे 9-10 कोरे कागजों पर साइन कराए थे। दरअसल प्रभाकर सैल केपी गोसावी का पर्सनल बॉडीगार्ड है, जो इस केस में स्वतंत्र गवाह है और इस समय पुणे पुलिस की गिरफ्त में है । प्रभाकर रेड वाले दिन गोसावी के साथ ही था।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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