पाटलिपुत्र की जंग: जेडीयू विधायक रमेश सिंह कुशवाहा सीपीआई (एमएल) के लिए करेंगे चुनाव प्रचार

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पटना। राजनीतिक दलों में आपसी उठापटक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बिहार विधान सभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज़ नेताओं के बगावत कर अन्य दलों या निर्दल मैदान में उतरने वालों की बड़ी संख्या है। इस बीच, सिवान जिले के जीरादेई से जदयू विधायक रमेश सिंह कुशवाहा ने चुनाव न लड़कर सीपीआई (एमएल) सहित महागठबंधन के प्रत्याशियों का प्रचार करने का ऐलान किया है। वे पत्रकारों से वार्ता करते हुए इसका ऐलान किया है।

80 के दशक में वामपंथी आंदोलन से के गर्भ से निकले रमेश सिंह कुशवाहा के बारे में कहा जाता है कि सिवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण के हिस्से में भाकपा माले का संगठन खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन 90 दशक के अंत में पार्टी से अपने को अलग कर लिया। रमेश के मुताबिक पार्टी लाइन व उनके प्राथमिकता के कार्यक्रमों में बदलाव आने से ये फैसला करना पड़ा। इसके बाद अपने धुर राजनीतिक विरोधी बाहुबली नेता मो. शहाबुद्दीन के करीब आ गए व राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली। ये इसके बाद पार्टी के अध्यक्ष भी बन गए। हालांकि यहां पार्टी  संगठन में फीट नहीं बैठे व जदयू का दामन थाम लिया। 2015 के चुनाव में पार्टी ने उम्मीदवार बनाया व जीत भी हासिल किया। हालांकि इस बार नेतृत्व ने इन पर विश्वास न कर ब्लॉक प्रमुख कमला कुशवाहा को टिकट दिया है।

जिससे नाराज़ विधायक ने टिकट काटने के फैसले पर मुख्यमंत्री से पुनर्विचार का आग्रह किया था। हालांकि इसके बाद से ही उनके निर्दल चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन चर्चाओं पर आखिरकार विराम लगाते हुए महागठबंधन का प्रचार करने का विधायक ने ऐलान कर दिया है।

रमेश सिंह कुशवाहा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मैं देश के लिये विनाशकारी एवं सांप्रदायिक, सामाजिक तनाव पैदा करने वालों के कभी पक्ष में नहीं रहा और न ही भाजपा जैसी ताकत के साथ जदयू के राजनीतिक गठबंधन का समर्थक रहा हूं। बीजेपी की राजनीति देश और समाज हित के विरुद्ध है। खासकर सामाजिक न्याय की ताकतों के लिये भाजपा की राजनीति, पूरी तौर पर विनाशकारी है। पार्टी ने टिकट काटकर मेरा भगवाकरण होने से बचा लिया। क्योंकि मैं वामपंथी आंदोलन के गर्भ से निकला व्यक्ति हूं और भगवाकरण को कभी स्वीकार्य नहीं करता। भाजपा के फांसीवादी व तानाशाही अभियान के खिलाफ पूरी प्रतिबद्धता से लड़ता रहूंगा और देश सहित प्रदेश में जो बदलाव की हवा चल रही है उसका समर्थन करूंगा।

रमेश कुशवाहा का कहना है कि मेरा एक मात्र मकसद-जदयू के उम्मीदवारों को जिले के सभी सीटों से हराना है। इसके लिए भाकपा माले सहित महागठबंधन के प्रत्यशियों का प्रचार करूंगा।

उनके इस फैसले के बाद यह माना जा रहा है जीरादेई, दरौली बड़हरिया, महराजगंज के सीटों पर काफी असर पड़ेगा।

(पटना से स्वतंत्र पत्रकार जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट।) 

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