Thursday, March 28, 2024

हाथियों के आतंक के साए में झारखंड

झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों जंगली हाथियों के आतंक का आलम यह है कि बीते 12 दिनों में राज्य के पांच जिलों हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा और रांची में हाथी के हमले में 16 लोगों की जान जा चुकी है। इन घटनाओं के बाद इन क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है। ग्रामीणों को विशेष रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान अपने घरों के बाहर निकलने से मना किया गया है।

हाथी के आतंक का भय लोगों में इस कदर समाया हुआ है कि 22 फरवरी को लोग जब हाथी के हमले के शिकार चचगुरा के पुनई उरांव व गोयंदा उरांव के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर उनकी अंत्येष्टि की तैयारी में जुटे ही थे, कि फिर से हाथी के आने की अफवाह फैल गयी। यह सुनते ही ग्रामीण शवों को छोड़ कर भाग गये। काफी देर बाद ग्रामीण जब आश्वस्त हुए कि हाथी आसपास में नहीं है, तब दहशत के बीच पुन: सभी श्मशान घाट पहुंचे और मृतकों का अंतिम संस्कार किया।

21 फरवरी को रांची जिले के इटकी में झुंड से बिछड़े एक हाथी ने एक महिला समेत चार ग्रामीणों को मार डाला था। बता दें कि पुनई उरांव को कुचलने के बाद हाथी उसके शव के पास ही बैठा रहा।

इस दौरान ग्रामीणों व वन विभाग के अधिकारियों ने हाथी को वहां से भगाने का प्रयास किया। जिससे हाथी गुस्से में आकर चिंघाड़ने लगा और भीड़ की ओर दौड़ पड़ा और उस वक्त उसकी जद में आए एक ग्रामीण गोयंदा उरांव को सूंड में लपेट कर दूर फेंक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीण आनन-फानन में उसे इलाज के लिए बेड़ो अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी।

झारखंड में हाथियों का आतंक

इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत है। गांव के लोग रातभर जागकर गांव की पहरेदारी कर रहे हैं। वहीं हाथी को देखने के लिए उमड़ रही भीड़ और उसके साथ छेड़छाड़ को रोकने के लिए अनुमंडल प्रशासन द्वारा इटकी क्षेत्र में धारा-144 भी लगा दी गई।

बताते चलें कि विगत 7 फरवरी को हाथियों के झुंड ने देर रात हजारीबाग शहरी क्षेत्र के खीरगांव में चार लोगों को कुचल डाला। जिससे दो लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोगों की हालत गंभीर हो गई, जिनका इलाज रांची के रिम्स में कराया गया।

जानकारी के अनुसार खीरगांव निवासी दामोदर साव और बाबू साव को हाथियों ने कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गई। वहीं शहर के दूसरे मोहल्ले कुम्हार टोली में भी एक महिला रिंकी कुमारी को हाथी ने पटक दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। जबकि बड़कागांव की खुशबू कुमारी को भी हाथी ने कुचला जिसे इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया गया।

घटना को लेकर मुहल्लेवासियों ने खिरगांव मैलाटांड के निकट हजारीबाग चतरा रोड को जाम कर दिया था, जिसे वन विभाग के अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझा बुझा कर शांत करवाया।

हाथियों के आंतक से लोगों में आक्रोश

बता दें कि 21 फरवरी को एक हाथी ने झारखंड की राजधानी रांची के इटकी स्थित बोड़ेया और गढ़गांव में 4 लोगों को मार डाला। जिनमें सुखवीर किंडो, पुनई उरांव, रदवा देवी और गोयंदा उरांव शामिल थे। वहीं हाथी के हमले से अन्य एक महिला समेत दो लोग घायल हो गये।

हाथी ने जहां बोड़ेया में सुखवीर किंडो को मार डाला, तो गढ़गांव में भी पुनई उरांव को। वहीं घायल गोयंदा उरांव की अस्पताल में मौत हो गयी। गढ़गांव में हाथी ने चचगुरा निवासी गोयंदा उरांव को पैरों से रौंद कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी।

इससे एक दिन पहले यानी 20 फरवरी को लोहरदगा जिले में हाथियों ने 4 लोगों को मार डाला था। जिले के भंडरा प्रखंड के टंगरा गांव में हुई इस घटना के बाद से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।

बताते चलें कि झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने 20 फरवरी को तड़के टंगरा गांव में 3 ग्रामीणों लालमन महतो, झालो उरांव और सकून उर्फ नेहा को कुचलकर मार डाला। घटना के बाद हाथी ने गांव के बगल में स्थित पतरा में डेरा डाल दिया।

हाथियों का आतंक

उसी दिन दोपहर करीब 3:00 बजे वहां से गुजर रहे कसपुर नवाटोली गांव निवासी गणेश उरांव को भी गुस्साये हाथी ने मार डाला। सूचना पाकर डीएफओ अरविंद कुमार, भंडरा बीडीओ रंजीत कुमार सिंह व अन्य पदाधिकारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशिकर सामंत ने बताया कि “पिछले 12 दिनों में हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा और रांची जिलों में 16 लोग हाथी के हमले में मारे गए हैं। हाथी को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम बंगाल की हाथी विशेषज्ञ टीम से वन विभाग ने संपर्क साधा है।”

वन संरक्षक ने बताया, ”हमने रांची के वन संरक्षक की अध्यक्षता में चार डिवीजनों के वन अधिकारियों की समिति बनाई है। कमेटी यह जांच करेगी कि क्या एक ही हाथी ने सभी 16 लोगों की जान ली है या एक से ज्यादा हाथियों ने आतंक मचाया है।”

(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles