Friday, March 29, 2024

भाजपा नेताओं ने जिन्हें 4 पूड़ियां थमाकर फोटो खिंचवाई वो हफ्तों से भूखे हैं

नई दिल्ली। “एक दिन रात के 10 बजे अनुराधा मैडम आई थीं। वो खुद को भाजपा कार्यकर्ता बता रही थीं। उन्होंने हमें खाने का पैकेट देते वक्त फोटो खिंचवाया, वीडियो बनाया और सबका नाम लिखकर ले गईं ये कहकर कि सबको खाना मिलेगा। तब से 15 दिन बीत गए कोई पलटकर देखने भी नहीं आया कि हम लोग जिंदा हैं या कि मर गए।” ये कहना है जितेंद्र कुमार का। जितेंद्र कुमार उन दो दर्जन से ज़्यादा मजदूरों में से एक हैं जो लॉक डाउन के बाद कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के पीछे बीपी हाउस के पास धोबी घाट में छोटे-छोटे बच्चों को लिए भूखे प्यासे फँसे हुए हैं और कई दिनों से उनके पास कुछ भी खाने को नहीं है। ये मजदूर सीपीडब्ल्यूडी में प्राइवेट कर्मचारी हैं।

जितेंद्र कुमार आगे बताते हैं, “ सर, जो पैसा हमारे पास बचा था उससे कई दिनों तक काम चलाया लेकिन पैसा खत्म होने के बाद अब काम नहीं चल पा रहा है। लॉक डाउन के चलते ठेकेदार भी नहीं आ पा रहा है।”

संतोषा देवी बताती हैं, “भाजपा नेताओं ने उस दिन चार लोगों पर एक पैकेट दिया था। उस पैकेट में चार पूड़ियां थीं। हर एक के हिस्से में एक-एक पूड़ी आई थी। वो पैकेट बाँटते वक्त उन्होंने फोटो खींचा, वीडियो बनाया और चले गए, दोबारा मुड़कर भी देखने नहीं आए। उनसे पहले एक साहेब और आए थे वो एक किलो चावल और आधा किलो दाल एक किलो आटा दे गए थे। तब से 15 दिन हो गए कोई नहीं आया।”

अपनी दुधमुही बिटिया को टेट पर लिए खड़ी रमादेवी बताती हैं, “बिटिया के लिए दूध तक नहीं मिल पा रहा है। रुपए-पैसे पास में नहीं हैं। समझ में नहीं आ रहा कि अब जिंदगी कैसे बचेगी।”

दिशा, शिवानी बच्चियों के मुरझाये चेहरों की व्यथा मैं नहीं लिख सकता नहीं तो वो भी लिखता। खेलान सिंह, मोहर्रम, सरवर आलम, किरण यूँ उम्मीद से देखते हैं जैसे मैं पत्रकार न होकर देश का प्रधानमंत्री होऊँ और मुझसे बात करने के बाद उनकी मुसीबतें खत्म हो जाएंगी। उन्हें और उनके बच्चों को खाना और दूध मिलने लगेगा।  

केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के 568 स्कूलों में खाना बाँटने का दावा गलत है 

कांस्टीट्यूशन क्लब से सबसे नजदीकी स्कूल नवयुग स्कूल है। जो कि 11 नंबर अशोका रोड पर है भाजपा के पुराने दफ्तर के ठीक पीछे। नवयुग स्कूल भी दिल्ली सरकार द्वारा खाना वितरण का सेंटर बनाया गया था और यहां एक दिन खाना बाँटा भी गया था। स्थानीय लोग बताते हैं इस स्कूल में सिर्फ एक दिन ही खाना बँटा था उसके बाद कभी कोई नहीं आया खाना लेकर। 

जबकि यहां से थोड़ी दूरी पर यानि गोल मार्केट स्थित एनपी ब्वॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी 3-4 दिन बँटा उसके बाद नहीं दिया गया।

कांस्टीट्यूशन क्लब बस स्टैंड के पास एक भिखारी बैठा था एक दिन उसको पुलिस ने उठाया और बहुत मारा और कहीं ले जाकर छोड़ दिया। कुछ दिन बाद वो फिर वापस आ गया। वहीं बस स्टैंड के पीछे रहता है, एक कोई सरदार जी उसको खाना दे जाते हैं रोजाना। वो उन्हीं के रहम-ओ-करम पर जिंदा है।

ये सिर्फ़ दो स्कूल नहीं हैं दिल्ली के कई स्कूलों में एक दो-दिन खाना बांटकर उसकी फोटो मीडिया सोशल मीडिया में डालने के बाद खाना वितरण बंद कर दिया गया।

जबकि भाजपा पार्टी द्वारा की जा रही मदद दरअसल सोशल मीडिया के लिए फोटो वीडियो बनाने तक ही सीमित है।  

   ( जनचौक के लिए अवधू आज़ाद की रिपोर्ट।)  

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles