कपिल सिबल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग लाने का दिया प्रस्ताव

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। राज्य सभा सांसद कपिल सिबल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव के खिलाफ संसद के भीतर महाभियोग लाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि यादव ने हेट स्पीच देकर अपनी शपथ का उल्लंघन किया है। गौरतलब है कि जस्टिस यादव ने इलाहाबाद में वीएचपी के एक कार्यक्रम में विवादित भाषण दिया है। जिसको लेकर पूरे देश में बवाल खड़ा हो गया है। कपिल सिबल का कहना है कि वह इस मामले में दूसरे विपक्षी सांसदों को भी शामिल करेंगे।

सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के सांसद अगले कुछ दिनों में इससे संबंधित नोटिस देंगे। जज ने यह टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट में विश्व हिंदू परिषद के लीगल सेल की ओर से आयोजित एक प्रादेशिक कन्वेंशन में दी।

एक दिन बाद जज द्वारा भड़काने वाले मु्द्दों पर बोला गया वीडियो जिसमें कानून बहुसंख्यकों के मुताबिक काम करता है शामिल था, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। और उसी के साथ उसके खिलाफ जमकर प्रतिक्रियाएं भी आयीं। विपक्षी दलों ने भी इस पर कड़ा एतराज जाहिर किया।

कपिल सिबल ने कहा कि कोई भी जज जो इस तरह का बयान जारी करता है वह अपनी शपथ का उल्लंघन करता है। और अगर वह अपने शपथ का उल्लंघन कर रहा है तो उसे उस कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि अगर हाईकोर्ट का एक जज इस तरह का भाषण दे सकता है तो सवाल यह उठता है कि इस तरह के लोग कैसे नियुक्त हो गए? और सवाल यह भी उठता है कि इस तरह की टिप्पणी करने के लिए वह साहस कहां से पाते हैं? और सवाल यह भी है कि ये सारी चीजें पिछले 10 सालों में हो रही हैं।

सिबल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास यह ताकत है कि वह ऐसे लोगों को उस कुर्सी पर बैठने से रोक दे। और तब तक इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनके सामने कोई केस न आए।

राज्य सभा ने सांसद की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के सामने मंगलवार को आयी है। जिसमें उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस पर डिटेल मंगवाने की मांग की है। क्योंकि एक मौजूदा हाईकोर्ट के जज ने इस तरह की एक हेट स्पीच दी है। 

सिबल ने कहा कि मैंने इस सिलसिले में कुछ नेताओं मसलन दिग्विजय सिंह, विवेक तनखा, मनोज झा, जावेद अली और जॉन ब्रिटास से बात की है। हम जल्द ही मिलेंगे और हम जज के खिलाफ एक महाभियोग प्रस्ताव लाएंगे। इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। यह हर तरीके से एक हेट स्पीच है।

वरिष्ठ वकील सिबल ने तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ 2018 में भी महाभियोग प्रस्ताव पढ़ा था। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज वी रामास्वामी का 1993 में जब वह वित्तीय गड़बड़ियों के लिए महाभियोग का सामना कर रहे थे तब उनका बचाव भी किया था।

(ज्यादातर इनपुट द टेलीग्राफ से लिए गए हैं।)  

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author