नई दिल्ली। कोरोना से कारगर तरीके से निपटने के मामले में केरल को भले ही देश की जनता और सरकारों की तरफ से वह तवज्जो न मिल पायी हो जिसकी दरकार थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय जगत ने उसे यह तमगा जरूर दे दिया है। वह भी किसी और ने नहीं बल्कि खुद यूएन ने दिया है। इसके तहत केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को यूएन पब्लिक सर्विस डे के मौके पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया है। शैलजा भारत से अकेली शख्सियत होंगी जिन्हें यह मौका दिया गया है। यह समारोह उन लोगों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है जिन्होंने कोविड महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर खड़ा होकर लड़ाई लड़ी है।
डब्ल्यूएचओ ने अपने एक बयान में कहा है कि “हेल्थकेयर के क्षेत्र में काम कर रहे हों या फिर सैनिटेशन के क्षेत्र में जरुरी सामानों की सप्लाई कर रहे हों या फिर सामाजिक कल्याण, शिक्षा, पोस्टल डिलीवरी, यातायात, कानून का पालन कराने, और इससे आगे बढ़कर वैश्विक स्तर पर सरकारी कर्मचारियों ने समुदायों में काम जारी रखा है। जिससे ज्यादातर लोग अपने घरों में रहें और अपने जीवन को खतरे में डालकर हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के लिहाज से इस काम को किया।”
यूएन की ओर से जारी बयान के मुताबिक मुख्य वक्ताओं में यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरर्स, जनरल असेंबली के प्रेसिडेंट मोहम्मद बंडे, इथोपिया के राष्ट्रपति साहले वर्क डेवडे, डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस अधनाम घेब्रेयसस समेत ढेर सारी शख्सियतें हैं जिनकी कोविड को रोकने में अहम भूमिका रही है।
इस मौके पर आरकेस्ट्रा के एक कार्यक्रम का भी प्रदर्शन होगा।
(द वीक के हवाले से खबर।)