Friday, April 19, 2024

दिल्ली छोड़ भागी सरकार के पीछे-पीछे बंगाल पहुंचा किसान मोर्चा

नवंबर-दिसंबर में दो फसलें किसानों ने सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, ग़ाज़ीपुर बॉर्डर और बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान पर बोई थीं वो कटने के लिए पक कर तैयार हो गयीं हैं। इतना लंबा समय दिल्ली में किसान आंदोलन का बीत चुका है। दिनों की गिनती में बात करूँ तो यह 109 दिन होता है। 

सरकार और किसान यूनियनों के बीच आखिरी बार बैठक 22 जनवरी को हुई थी तब से अब तक लगभग 51 दिन बीत चुके हैं। एक आंदोलन के बीच बातचीत में इतना लंबा अंतराल बिना बातचीत के गुज़रना सरकार की असंवेदनशीलता, क्रूरता, और तानाशाही रवैये का पर्याय है। 

इतने लंबे समय से चले आ रहे किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने हर तरह की साजिश और हमले का सहारा लिया।

बावजूद इसके किसानों ने अपार धैर्य और अहिंसा, लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन पर डटे रहे। जबकि मौजूदा केंद्र सरकार की नीति किसान आंदोलन को लंबा खींचकर उबाऊ और अप्रासंगिक बनाकर खत्म करने की है। यही कारण है कि किसान आंदोलन अब पूरी तरह से कथित मुख्य धारा मीडिया के विमर्श से बाहर है। किसान आंदोलन को बदनाम करने वाली नकारात्मक ख़बरें भी अब मुख्य धारा की इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से गायब हैं। 

दिल्ली की सीमा पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन में किसानों और किसान यूनियनों के नेताओं से एक बार मिलने की भी ज़रूरत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं महसूस की। उल्टा वो और उनके गृहमंत्री समेत तमाम सरकार दिल्ली छोड़कर बंगाल भाग लिये। 

किसान दिल्ली इसलिए आये थे कि वो सरकार से बातचीत करके तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करवा लेंगे। लेकिन सरकार दिल्ली छोड़कर बंगाल भाग खड़ी हुई है तो ऐसे में किसान भला कहां सरकार का पीछा छोड़ने वाले हैं। सरकार के पीछे पीछे किसान और किसान यूनियन नेता भी बंगाल, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु और केरल पहुंच रहे हैं। 

 किसानों और किसान यूनियन नेताओं ने निर्णय लिया है कि वो विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों में भाजपा पार्टी को वोट न देने की मतदाताओं से अपील करेंगे।

इसी कड़ी में कल शनिवार को 40 किसान यूनियनों के संयुक्त मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने नंदीग्राम में पहली महापंचायत का सफलतापूर्वक आयोजन किया। बता दें कि नंदीग्राम सीट पर तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं और भाजपा के शुवेंदु अधिकारी को उनके खिलाफ़ खड़ा किया गया है मीडिया में ये सीट लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। 

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में किसानों को संबोधित करते हुए उनसे अपील की कि वो भाजपा को वोट न करें। 

उन्होंने कहा कि “बंगाल के लोगों को संदेश है कि भारत सरकार ने देश को लूट लिया है उन्हें वोट नहीं करना….अपने बंगाल को बचाना। अगर कोई वोट मांगने आए तो उनसे पूछना कि हमारा MSP कब मिलेगा, धान की कीमत 1850 हो गई है वो कब मिलेगी? 

उन्होंने आगे कहा कि ” जिस दिन संयुक्त किसान मोर्चा तय करेगा, संसद में एक नई मंडी खोली जाएगी। ट्रैक्टर फिर से दिल्ली में प्रवेश करेंगे। हमारे पास 3.5 लाख ट्रैक्टर और 25 लाख किसान हैं, अगला लक्ष्य संसद में फसल बेचने का होगा।” 

बता दें कि शुक्रवार 12 मार्च को बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, हन्नान मौला जैसे कई किसान नेता कोलकाता पहुंचे थे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पश्चिम बंगाल राज्य के दौरे पर हैं। शनिवार-रविवार यानि दो दिनों में चार किसान महापंचायतों को संबोधित करेंगे।

(जनचौक के विशेष संवदादाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।