Friday, March 31, 2023

किसान मोर्चा 3 फरवरी से करेगा अपने ‘यूपी मिशन’ की शुरुआत

Janchowk
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नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 31 जनवरी को देश भर में “विश्वासघात दिवस” मनाया जाएगा और जिला और तहसील स्तर पर बड़े रोष प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। मोर्चे से जुड़े सभी किसान संगठन जोर शोर से इसकी तैयारी में जुटे हैं। और उनको उम्मीद है कि यह कार्यक्रम देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किया जाएगा। याद रहे कि किसानों के साथ हुए धोखे का विरोध करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी की अपनी बैठक में यह फैसला किया था। इन प्रदर्शनों में केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया जाएगा। आज संयुक्त किसान मोर्चा की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में इस कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की गई।

किसान नेताओं के मुताबिक सरकार का किसान विरोधी रुख इस बात से जाहिर हो जाता है कि 15 जनवरी के फैसले के बाद भी भारत सरकार ने 9 दिसंबर के अपने पत्र में किया कोई वादा पूरा नहीं किया है। आंदोलन के दौरान हुए केस को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवारों को मुआवजा देने के वादे पर पिछले दो सप्ताह में कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी के गठन की कोई घोषणा नहीं की है। इसलिए मोर्चे ने देशभर में किसानों से आह्वान किया है कि वह “विश्वासघात दिवस” के माध्यम से सरकार तक अपना रोष पहुंचाएं।

इसके साथ ही यूपी चुनाव के संदर्भ में भी किसान मोर्चे ने महत्वपूर्ण घोषणा की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह स्पष्ट किया है कि “मिशन उत्तर प्रदेश” जारी रहेगा, जिसके जरिए इस किसान विरोधी सत्ता को सबक सिखाया जाएगा। इसके तहत अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार ना करने, केंद्र सरकार द्वारा किसानों से विश्वासघात और उत्तर प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लेकर उत्तर प्रदेश की जनता से भारतीय जनता पार्टी को सजा देने का आह्वान किया जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि इस मिशन को कार्य रूप देने के लिए 3 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मिशन के नए दौर की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत एसकेएम के सभी संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में साहित्य वितरण, प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोशल मीडिया और सार्वजनिक सभा के माध्यम से भाजपा को सजा देने का संदेश पहुँचाया जाएगा।

मोर्चे ने यह स्पष्ट किया है कि आगामी 23 और 24 फरवरी को देश की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को वापस लेने के साथ-साथ किसानों को एमएसपी और प्राइवेटाइजेशन के विरोध जैसे मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान को संयुक्त किसान मोर्चा का पूरा समर्थन और सहयोग है। इस संबंध में किसी भी भ्रांति की गुंजाइश नहीं है।

डॉ दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह और योगेंद्र यादव की ओर से जारी इस बयान में पंजाब और अन्य राज्यों के चुनाव के बारे में मोर्चे ने यह स्पष्ट किया है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नाम, बैनर या मंच का इस्तेमाल किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवार द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा करने वालों के खिलाफ मोर्चे द्वारा अनुशासन की कार्यवाही की जाएगी।

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