Tuesday, April 23, 2024

श्रम मंत्रालय ने रोजाना 12 घंटे के कार्य दिवस का दिया प्रस्ताव

श्रम मंत्रालय ने संसद में हाल ही में पारित एक संहिता में वर्तमान कार्य के घंटे को आठ से बढ़ा कर अधिकतम 12 घंटे प्रतिदिन करने का प्रस्ताव दिया है। श्रम मंत्रालय ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य शर्तें (ओएसएच) संहिता 2020 के मसौदा नियमों के तहत अधिकतम 12 घंटे के कार्य दिवस का प्रस्ताव दिया है। 12 घंटे के कार्य दिवस के बीच में इंटरवल को भी शामिल किया गया है।

हालांकि, 19 नवंबर, 2020 को अधिसूचित इस मसौदे में साप्ताहिक कार्य घंटे को 48 घंटे पर बरकरार रखा गया है। बता दें कि मौजूदा प्रावधानों के तहत आठ घंटे के कार्य दिवस में कार्य सप्ताह छह दिन का होता है तथा एक दिन साप्ताहिक अवकाश होता है।

ओएसएच संहिता के मसौदे में कहा गया है कि काम के घंटे को इस तरीके से व्यवस्थित करना होगा कि बीच में आराम के लिए इंटरवल के समय समेत किसी भी दिन कार्य के घंटे 12 से अधिक नहीं होने चाहिए। मसौदे के मुताबिक कोई भी व्यक्ति कम-से-कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा।

वहीं सप्ताह के हिसाब से हर रोज कार्य के घंटे इस तरह से तय करने होंगे कि पूरे सप्ताह में ये 48 घंटे से अधिक न हो पाएं। इसका मतलब है कि 12 घंटे के चार कार्य दिवस होंगे सप्ताह में, जबकि तीन साप्ताहिक छुट्टियां होंगी, हालांकि ऐसा कहीं स्पष्ट जिक्र नहीं है, लेकिन जो शर्तें हैं कि सप्ताह में 48 घंटे से ज़्यादा काम नहीं होना चाहिए उसके मुताबिक 12-12 घंटे के चार कार्य दिवस ही होते हैं। जबकि पहले एक सप्ताह में 8 घंटे के छह कार्य दिवस होते थे।

श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, “यह भारत की विषम जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जहां काम पूरे दिन में बंटा हुआ होता है। इससे श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के माध्यम से अधिक कमाई करने की सुविधा मिलेगी।”

अधिकारी ने कहा कि हमने मसौदा नियमों में आवश्यक प्रावधान किया है, ताकि आठ घंटे से अधिक काम करने वाले सभी श्रमिकों को ओवरटाइम मिल सके।

ओएसएच संहिता के मसौदा नियमों के अनुसार, किसी भी दिन ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जाएगा। बता दें कि मौजूदा व्यवस्था के तहत 30 मिनट से कम समय की गिनती ओवरटाइम के रूप में नहीं की जाती है। मसौदा नियमों में कहा गया है, “किसी भी श्रमिक को एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक समय तक किसी प्रतिष्ठान में काम करने की आवश्यक्ता नहीं होगी और न ही ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी।

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