Sunday, March 26, 2023

लोस सीटों को लेकर बिहार एनडीए में घमासान, महागठबंधन के साथ जा सकते हैं कुशवाहा

Janchowk
Follow us:

ज़रूर पढ़े

636739599197299654
चरण सिंह

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव  में सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार एनडीए में घमासान मच गया है। जदयू की भाजपा से बराबर सीटों पर लड़ने के समझौते से नाराज एनडीए के दूसरे दल आक्रामक मूड में आ गए हैं। रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अगर अपनी ताकत के प्रदर्शन में जुट गए हैं तो उनकी पार्टी के नेता जितेंद्र नाथ ने नीतीश कुमार के वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए धानक-कुर्मी एकता मंच बना लिया है। और नवगठित मंच के नेतृत्व में दो नवम्बर को पटना में रैली का ऐलान कर दिया गया है।

लोजपा भी इस समझौते से असहमत बताई जा रही है। मामले ने बिहार की राजनीति में एक बड़ा बवंडर खड़ा कर दिया है। कभी एक साथ राजनीति करने वाले नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा एक दूसरे को नीचा दिखाने में लग गए हैं। अगर नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए से निकलवाना चाहते हैं तो उपेंद्र कुशवाह ने नीतीश कुमार को सबक सिखाने की ठान ली है। इस पूरे समझौते पर उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से फोन बात कर अपनी नाराजगी जताई है। 

दरअसल शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने रालोसपा और लोजपा को जानकारी दिए बिना दोनों नेताओं ने 50-50 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति भी बना ली। समझौते के तुरंत बाद उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से जाकर मिले। चिराग पासवान के भी तेजस्वी यादव से फोन पर बात करने की सूचना है। हालांकि बाद में उन्होंने इसका खंडन कर दिया। एनडीए से जुड़े इन दोनों दलों के नेताओं का विपक्ष के नेता के सम्पर्क में आना बिहार में एक नए समीकरण के रूप में देखा जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो जदयू और बीजेपी की 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात हुई है। बताया जा रहा है कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को 5   सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा को मात्र एक सीट देने की बात की जा रही है।

गौर करने वाली बात यह है कि अमित शाह और नीतीश कुमार के सीटों पर सहमति के ऐलान के तुरंत बाद तेजस्वी यादव ने एक तस्वीर ट्वीट किया, जिसमें वह उपेंद्र कुशवाहा से बात करते दिखे। हालांकि कुशवाहा ने तेजस्वी से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। बताया जा रहा है कि महज एक सीट मिलने से कुशवाहा बिलबिला उठे हैं। लिहाजा अब वो अलग रास्ता तलाश रहे हैं। उनके नाराज होने की वजह भी  साफ है। उनके तीन सांसद हैं, जिनमें से एक अरुण कुमार बागी हो चुके हैं।  हालात पर गौर करने से लगता है कि लोजपा की एनडीए से बात बन सकती है पर रालोसपा राजद के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। 

ज्ञात हो कि गत लोकसभा चुनाव में भाजपा बिहार में 40 में से 22 सीटें जीती थी। जबकि सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने छह और राष्ट्री य लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने तीन सीटें जीतने में सफलता पाई थी। जदयू को मात्र दो सीटें ही मिली थीं।   2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो जदयू 243 सीटों में से 71 सीटें जीती थी। भाजपा को 53 और लोजपा एवं रालोसपा को क्रमश: दो-दो सीटें मिलीं थीं। विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन था।

दरअसल नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद से ही उपेंद्र कुशवाहा अपना दबाव बनाना शुरू कर दिए थे। इसकी वजह है कि दोनों एक समाज से हैं। नीतीश कुमार ने बड़ी चालाकी से एनडीए में अपना दबदबा बनाने के लिए उपेंद्र कुशवाहा का पत्ता साफ करने की योजना बना ली है। उपेंद्र कुशवाहा भी अपने को नीतीश कुमार से कम नहीं मान रहे हैं। उनका तर्क है कि लोकसभा में उनकी पार्टी का प्रदर्शन जदयू से अच्छा रहा था।

यदि एनडीए में उन्हें उनके हिसाब से सीटें नहीं मिलती हैं तो बिहार की राजनीति के समीकरण बदल सकते हैं। ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा अगर महागठबंधन की ओर रुख कर लें तो किसी को अचरज नहीं होना चाहिए। वैसे भी तेजस्वी यादव उपेंद्र कुशवाहा और रामविलास को कई बार अपने साथ आने का आमंत्रण दे चुके हैं। उधर नीतीश कुमार को बराबर की सीटें देने पर भाजपा में भी बगावत होने की आशंका पैदा हो गयी है। यदि भाजपा  17 सीटों पर लड़ती है तो 5 सांसदों का टिकट कटेगा और 12 सीटों पर दावेदारी कम  होगी। ऐसे में भाजपा को अपने 5 सांसदों और 12 दावेदारों को संभालने के लिए अलग से ऊर्जा खर्च करनी पड़ेगी।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

उत्तराखंड: किसानों पर आफत की बारिश, बिजली गिरने से 350 बकरियां मरीं

देहरादून। जलवायु परिवर्तन के कारण मार्च के महीने में मौसम का बदलता मिजाज प्रदेश के किसानों के लिए किसी...

सम्बंधित ख़बरें