Thursday, April 25, 2024

गुजरात से यूपी के लिए चले प्रवासी मज़दूर रास्ते में रोके गए

नई दिल्ली। विभिन्न सूबों में फँसे प्रवासी मज़दूरों को अपने घर लौटते समय जगह-जगह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह से गुजरात से चली एक बस को मध्य प्रदेश सरकार ने दाहोद के पास स्थित गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा पर रोक दिया है। रात 12 बजे से ही बस में सवार तक़रीबन 77 यात्री वहीं खड़े हैं। 

जनचौक की इन सवारियों के समूह नेता घनश्याम सिंह से बात हुई। उन्होंने बताया कि उनकी बस सूरत के कड़ोदरा से कल चली थी। लेकिन रात में दाहोद पहुँचने पर उसके आगे नहीं जाने दिया गया। मध्य प्रदेश शासन ने बस को आगे बढ़ने से रोक दिया। प्रशासन का कहना था कि इस सिलसिले में उसे यूपी सरकार की तरफ़ से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है लिहाज़ा वह बस को आगे नहीं जाने दे सकता है। दिलचस्प बात यह है कि ये सभी सवारियाँ गोरखपुर की हैं। और गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला भी है। अगर अपने घर-जवार के लोगों के साथ मुख्यमंत्री और उनकी सरकार इस तरह का व्यवहार कर रही है तो इससे समझा जा सकता है कि सूबे के दूसरे यात्रियों के साथ क्या हो रहा होगा। 

बताया तो यहाँ तक जा रहा है कि बस के इंतज़ाम के लिए 5000-5000 रुपये का चंदा लगा है। उसके बाद बस की व्यवस्था हो पायी है। बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें यह कहकर रुकवाया है कि उसके पास इंतजाम नहीं है। सरकारों के इस गैरजिम्मेदाराना और लापरवाही भरे रवैये के चलते मजदूर बाल बच्चों के साथ कल से बॉर्डर पर भूखे प्यासे पड़े हैं।

यहाँ चित्र में एक बस का पास दिया गया है जिसमें 77 लोग सवार हैं। करीब 7000 लोगों को भेजने के लिए इस तरह के पास जारी हुए हैं। और सभी को मध्यप्रदेश बॉर्डर के विभिन्न एंट्री प्वाइंट्स पर अलग अलग रोका गया है जिससे कि ये इकट्ठे होकर हंगामा न खड़ा कर दें।

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