Friday, March 29, 2024

मोदी सरकार बैंकिंग व्यवस्था को कर रही कमजोर: गौरव वल्लभ

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने कहा कि, मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात करती रही और बैंकों से 5 ट्रिलियन डॉलर की ठगी हो गयी। मोदी शासन में बैंक ठगों की चांदी हो गयी है।

कांग्रेस ने कहा कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने साल 2020-21 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। जिसमें अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चौंकाने वाले कुछ आंकड़े सामने आए हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण फैले संक्रमण को रोकने में मोदी सरकार की विफल्ता एक बार फिर अर्थव्यवस्था पर भारी प्रहार कर रही है। आरबीआई की मानें तो, ‘‘रिज़र्व बैंक के कंज़्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे (सीसीएस) के मार्च, 2021 राउंड में सामान्य आर्थिक स्थिति, आय एवं मूल्यों पर बिगड़ती भावनाओं के चलते उपभोक्ताओं की भावना में गिरावट देखी गई।’’

वार्षिक रिपोर्ट के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक बैंक ठगी के मामलों से जुड़े आँकड़े थे। बैंक ठगी के मामलों एवं राशि में 2014-15 के बाद से तीव्र वृद्धि हुई है। अकेले साल 2020-21 में बैंक से कुल 1.38 लाख करोड़ रु. की ठगी की गई (संलग्नक A)। यद्यपि आरबीआई और अन्य एजेंसियों ने साल, 2020-21 के लिए ठगी के मामलों की संख्या को 2019-20 के मुकाबले कम होता हुआ दिखाने की कोशिश की है, लेकिन इस कहानी का दूसरा पक्ष भी है।

नीचे कुछ मुख्य बिंदु दिए जा रहे हैं, जो हर किसी को समझना जरूरी हैः

1. 2014-15 के मुकाबले ठगी की कुल राशि 2014-15 और 2019-20 के बीच 57 प्रतिशत की सीएजीआर की दर से बढ़ी है।

2. साल 2020-21 के लिए, जब 31 अगस्त, 2020 तक लोन मोरेटोरियम और 31 दिसंबर, 2020 तक रिस्ट्रक्चरिंग कार्य लागू थे, तो भी पूरे साल के लिए ठगी की राशि 1,38,422 करोड़ रु. थी।

3. यदि हम पिछले 3 सालों पर भी केंद्रित हों, तो ठगी की औसत राशि 2018-19 में 10.5 करोड़ रु. से बढ़कर 2019-20 में 21.3 करोड़ रु. हो गई और 2020-21 में 18.8 करोड़ रु. हो गई। 2014-15 में ठगी की औसत राशि 4.2 करोड़ रु. थी। 2014-15 की तुलना में, 2019-20 व2020-21 में ठगी की औसत राशि 4 से 5 गुना हो गई है।

4. आरबीआई के अनुसार, ठगी होने की तारीख और ठगी का पता चलने की तारीख के बीच का औसत समय 2020-21 में सूचित की गई ठगी के लिए 23 महीने और 2019-20 में सूचित की गई ठगी के लिए 24 महीने था। 100 करोड़ रु. से ज्यादा की बड़ी ठगी के लिए, 2020-21 में यह औसत समय 57 महीने और 2019-20 में 63 महीने था। इसलिए वित्तवर्ष 2020-21 में सामने आई ठगी वित्तवर्ष 2018-19 में कभी की गई थी और बड़ी राशि की ठगी वित्तवर्ष 2015-16 में कभी की गई थीं।

आरबीआई द्वारा दिए गए विवरण अर्थव्यवस्था की स्थिति एवं बैंकों से की गई ठगी की ज्वलंत वास्तविकता पर रोशनी डालते हैं। इससे साबित हो जाता है कि मोदी सरकार ‘बातें करे हजार, काम के मामले में फरार’ सरकार है, और अपने चुनावी वादों के समान ही अपनी कही हर बात में खोखली है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार से तीन सवालों के जवाब मांगे हैं :

1. पिछले 7 सालों में मोदी सरकार बैंकों से की जा रही ठगी को रोकने में विफल क्यों हो गई?

2. इन सभी मामलों में बैंक से ठगी गई रकम को वापस लाने के लिए मोदी सरकार क्या कर रही है?

3. हमारी बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर करने वाले इन ठगों से कितना पैसा अभी तक वसूला गया है?

मोदी सरकार ने बैंकों से ठगी गई रकम को वसूलने का कोई प्रयास न करते हुए ठगों को देश में ही काम करते रहने या फिर देश छोड़कर भागने का मौका देकर बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर किया है। केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों को पर्याप्त कैपिटल सपोर्ट भी नहीं दिया है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि मोदी सरकार इन ठगों पर कठोर कार्यवाही करे और उनके द्वारा ठगी गई पूरी रकम, जो हमारे देश की संपत्ति है, उसे जल्द से जल्द वसूला जाए।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles