स्वास्थ्य मामलों में जेपी नड्डा की दिलचस्पी नगण्य

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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के ट्विटर एकाउंट से एक महत्वपूर्ण जानकारी मिली। स्वास्थ्य मामलों में उनकी दिलचस्पी नगण्य है। वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उनके द्वारा ट्विटर में शेयर किए गए अधिकांश पोस्ट भाजपा की राजनीति, मोदी जी के कार्यक्रम, मन की बात, और चुनावी रैलियों संबंधी हैं।

अक्टूबर 2024 में उन्होंने ट्विटर  (अब एक्स) में कुल 256 पोस्ट डाले। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े जिन विषयों पर देश उनसे जवाब चाहता है, उन पर एक भी पोस्ट नहीं है।

मसलन, गत दिनों कोलकाता में मेडिकल छात्रा से रेप के बाद हत्या कर दी गई। इसके बाद कोलकाता में डॉक्टरों की लंबी हड़ताल चली। राजस्थान में भी जूनियर डॉक्टरों का लंबा आंदोलन चला। बिहार, यूपी सहित कई अन्य राज्यों में भी डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता सामने आई। लेकिन पूरे अक्टूबर महीने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर ट्विटर में कोई बात नहीं की।

इसी तरह, नीट-पीजी की काउन्सलिंग शुरू नहीं होने को लेकर स्टूडेंट्स परेशान रहे। मार्च 2024 में होने वाली प्रक्रिया लंबे समय तक आगे बढ़ रही है। नीट-यूजी के पेपर लीक संबंधित मामले में भी ठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए हैं। जेपी नड्डा ने इन विषयों पर भी कोई ट्वीट नहीं किया। दिल्ली तथा देश भर में प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर हर तरफ चर्चा होती रही। लेकिन जेपी नड्डा इस पर भी खामोश रहे। उल्टे, दिवाली की रात उन्होंने छत पर पटाखा चलाते हुए वीडियो डाला। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अंधाधुंध तरीके से पटाखे चलाए जाने के कारण स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। इस पर जागरूकता वाला कोई सकारात्मक संदेश देने के बजाय पटाखा फोड़ने की जिद पर उतारू बच्चों जैसी हरकत करना हास्यास्पद है।

अपने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विषयों को भूल गए, तो उन्होंने 256 ट्वीट में क्या लिखा? सबसे ज्यादा ट्वीट या री-ट्वीट मोदी जी के कार्यक्रमों और भाषणों से जुड़े हैं। इनकी संख्या 116 है। इनमें कुछेक ट्वीट आयुष्मान भारत से जुड़े हैं। लेकिन अधिकांश ट्वीट अन्य विभागों, विदेश यात्रा, रेलवे, स्पेस, मन की  बात तथा राजनीतिक विषयों से जुड़े हैं। नड्डा ने 50 ट्वीट भाजपा के राजनीतिक कार्यक्रमों के संबंध में किए हैं। विभिन्न अवसरों पर शुभकामना संबंधी 44 ट्वीट और शोक संदेश अथवा श्रद्धांजलि के 14 ट्वीट हैं। विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी के 21 ट्वीट, धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने के 9 ट्वीट, वैक्सीन संबंधी एक ट्वीट और अमित शाह के प्रोग्राम पर एक ट्वीट है।

वर्ष 2024 को मेडिकल शिक्षा के लिहाज से विगत 77 वर्षों का सबसे बुरा साल माना जाएगा। दुनिया का सबसे बड़ा पेपर लीक घोटाला नीट यूजी में देखा गया। पेपर लीक साबित होने और गिरफ्तारियों के बावजूद परीक्षा स्थगित नहीं हुई। कितने मुन्ना भाई को एमबीबीएस में प्रवेश मिला, इसका पता कभी नहीं चल सकेगा। नीट-पीजी की परीक्षा और काउंसिलिंग में भी घोर विफलता दिख रही है। प्रदूषण जनित रोगों के कारण देश का बुरा हाल है।

लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का सोशल मीडिया एकाउंट इन चिंताओं से मुक्त है। सब चंगा सी। साफ दिखता है कि भाजपा का अध्यक्ष होना उनकी प्राथमिकता और दिलचस्पी है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को वह इतना प्रचारित करते हैं कि अलग से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जरूरत ही नहीं दिखती।

क्या देश में राजनीति और सुशासन को अलग करने पर कभी बात होगी? क्या यह संभव नहीं कि केंद्र और राज्यों में तमाम मंत्रियों को राजनीतिक दायित्वों और कार्यक्रमों से पूरी तरह अलग कर दिया जाए? उन्हें सिर्फ अपने विभाग से जुड़े दायित्व निभाने हों। यह सुनकर अजीब लग सकता है, लेकिन कोई भी सिस्टम ऐसे ही बेहतर होता है।

(विष्णु राजगढ़िया वरिष्ठ पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट हैं।)

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