किसानों की आय दोगुना करने के मोदी सरकार के वादे के जुमला साबित होने पर आज एक अप्रैल को देश भर के युवा किसान “राष्ट्रीय जुमला दिवस” के तौर पर मना रहे हैं।
वहीं इस संबंध में एक बयान जारी करके किसान एकता मोर्चा ने कहा है कि – “मोदी सरकार द्वारा ‘किसानों की आय दोगुना करने’ का मिशन फ़रवरी 2016 में घोषित किया गया था, जो एक जुमला निकला।
किसान आंदोलन ने स्पष्ट किया है कि तीन केंद्रीय कृषि क़ानून वास्तव में हमारे किसानों और उपभोक्ताओं के हित के ख़िलाफ़ हैं। जिसे देखते हुए, युवा किसान ने एक अप्रैल को राष्ट्रीय जुमला दिवस के तौर पर मनाने का अह्वान किया है।”
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) नेता राकेश टिकैत ने आज एक अप्रैल को जुमला दिवस के तौर पर घोषित करते हुए देश के किसानों, बेरोजगारों, कर्मचारियों, सैनिकों, पुलिस बलों, युवाओं को जुमला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी है।
इससे पहले कल राकेश टिकैत ने एक ट्वीट करके कहा था कि – “देश में बेरोजगारी और भुखमरी बढ़ती जा रही है। युवाओं के भविष्य को लेकर सरकार के पास किसी तरह की योजना नहीं है।”
इस समय देश में सरकार नहीं बची है। केंद्र में कोई सरकार नहीं। देश को व्यापारी लोग चला रहे हैं और इन व्यापारियों ने सभी सरकारी संस्थानों को बेच दिया है।
इससे पहले कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 मई तक के कार्यक्रमों की घोषणा की थी। जिसमें “मई के पहले पखवाड़े में संसद कूच” प्रमुख है इसके अलावा एफ.सी.आई. बचाओ दिवस 5 अप्रैल को देश भर में एफ.सी.आई. के कार्यालयों का घेराव किया जाएगा। 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए केएमपी अवरुद्ध किया जाएगा। 13 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर बैसाखी मनाई जाएगी। 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अंबेडकर जी की जयंती के दिन संविधान बचाओ दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। जबकि 1 मई मजदूर दिवस दिल्ली की सीमाओं पर मनाया जाएगा इस दिन, सभी कार्यक्रम मजदूर किसान एकता को समर्पित होंगे।

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