Wednesday, April 24, 2024

आर्यन के बहाने एनसीबी की कार्यप्रणाली का हुआ खुलासा

खैरियत है तीन दिन की बहस के बाद मुकुल रोहतगी को आर्यन खान को जमानत मिलने में सफलता मिल गई। वे आज या परसों मन्नत पहुंचेंगे। उनके दीदार करने वालों ने कल ही वहां मजमा लगा लिया था जिनको सलाम करने आर्यन के अनुज अबाराम छत पर आए। गजब का परिवार मां गौरी, बेटे आर्यन और अबाराम। जाने क्यों इन बच्चों के नामों पर किसी की नज़र नहीं गई। आर्यन के जेल में ये दिन कैसे गुजर रहे थे उसे मीडिया ने ज़रूर ख़ूब बताया किसी की तकलीफ़ को दिखाने का भरपूर आनंद लिया गया । हां,एक महत्वपूर्ण बात ये हुई कि आर्यन के मांगने पर जेल पुस्तकालय से जो दो पुस्तकें उसे पढ़ने को मिलीं उनमें एक राम-सीता की भी थी। इस पर भी कोई आपत्ति नहीं जताई गई क्या यह भी कोई षड्यंत्र का हिस्सा था।यदि वह लेने से इंकार कर देता।

जस्‍ट‍िस नितिन साम्‍ब्रे की अदालत ने आर्यन और उनके साथ दो आरोपियों को तीन दिन की लगातार सुनवाई के बाद जमानत दे दी है। ASG अनिल सिंह ने NCBकी तरफ से गुरुवार को जमानत का विरोध किया। जिसका दो टूक जवाब देकर प्रतिप्रश्न करते हुए मुकुल रोहतगी ने अदालत को जमानत के लिए राजी कर लिया।

बहरहाल, मुंद्रा पोर्ट पर पकड़ी गई 21हजार करोड़ की हेरोइन इस घटना से मीडिया में भले नज़र नहीं आई हो पर आर्यन की चर्चा के साथ ये मामला लगातार सोशल मीडिया पर छाया रहा और लगभग सभी लोग एनसीबी के आचरण पर उंगली उठाते रहे। जमानत की ख़बर के बाद फिर अडानी के मुंद्रा पोर्ट की हेरोइन पर सवाल दागे जाने रहे हैं। अब तो बताओ कि उस मामले का क्या हुआ ?

सबसे बड़ी बात तो यह हुई कि एनसीबी किस तरह कार्य करती है। प्राइवेट सेक्टर के दो भाजपा के मवालियों से उसका जो रिश्ता उजागर हुआ है। नवाब मलिक को इसीलिए कहना पड़ा कि जेल भेजने वाला आज ख़ुद हाईकोर्ट से अग्रिम बेल मांग रहा है। आज क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के बारे में एनसीबी को सूचना देने वाले बीजेपी कार्यकर्ता को मुंबई पुलिस ने तलब किया है। एनसीबी को पार्टी की जानकारी देने वाले और छापेमारी के दौरान गवाह रहे बीजेपी कार्यकर्ता मनीष भानुशाली को कल पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था।

वस्तुत: यह मामला ड्रग्स के पकड़े जाने का ही मामला नहीं है इसमें समीर वानखेड़े को जिस तरह फंसाया जा रहा उसमें शातिर राजनीतिज्ञ अपराधी भी जुड़े हैं। मामला सिर्फ और सिर्फ एक अरबपति कलाकार की लूट का ही लगता है। लोग तो अब यह भी कहने लगे हैं कि एक दिन वानखेड़े का ये गिरोह जीवन भी समाप्त कर सकता है। एनसीबी मुंद्रा पोर्ट के इतने बड़े मामले पर चुप्पी साध सकती है तो इतने छोटे मामले को क्यों तूल देती। गांधी जयंती पर समीर का यह कार्य अनुचित नहीं था लेकिन जिस तरह इसे हैंडिल किया गया इसकी तफ़्तीश अदालत करेगी तभी इसके उद्देश्य और लक्ष्य को जाना जा सकेगा। आर्यन बड़े बाप का बेटा ना होता तो कल्पना करिए उसका क्या यही हश्र होता? जेल से बेल का जो खेल चला उसे भी समझना होगा।

कुल मिलाकर एनसीबी आज जिस भूमिका में है वह खतरे से खाली नहीं। यदि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने अंदर के फोटो शेयर ना किए होते तो क्या एनसीबी का यह चेहरा उजागर होता। समीर वानखेड़े जिसे मोहरा बनाया गया है उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए वे मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर हैं। विदित हो कि उनके जोनल डायरेक्टर बनने के बाद महज दो साल में ही एनसीबी ने करीब 17 हजार करोड़ रुपये के नशे और ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया।
(सुसंस्कृति परिहार स्वतंत्र टिप्पणीका हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

मोदी के भाषण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं, आयोग से कपिल सिब्बल ने पूछा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'कांग्रेस संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी' वाली टिप्पणी पर उन पर निशाना साधते...

Related Articles

मोदी के भाषण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं, आयोग से कपिल सिब्बल ने पूछा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'कांग्रेस संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी' वाली टिप्पणी पर उन पर निशाना साधते...