अब कांग्रेस को समझ में आ रही है एनआईए के संघीय ढांचे के उल्लंघन के खतरे

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छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि किसी भी राज्य में पुलिस व्यवस्था राज्य का विषय है

लेकिन केंद्र द्वारा गठित एनआईए किसी भी राज्य में घुसकर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है उस पर मुकदमा चला कर उसे सजा दे सकती है

यह केंद्र द्वारा राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण है और भारत का जो संघीय ढांचा है उसके विरुद्ध है

मैं छत्तीसगढ़ शासन से पूरी तरह सहमत हूं

लेकिन मैं यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि इसका गठन चिदंबरम के समय में किया गया था

मुझे अच्छे से याद है मैंने राज्यसभा टीवी में एनआईए के गठन के विरोध पर बोला था

असल में चिदंबरम उस वक्त बड़े कारपोरेट के वकील थे और पूंजीपतियों के हितों के लिए खुलकर काम कर रहे थे

देशभर में आदिवासियों की जमीनों पर नए-नए उद्योग और खनन करके जीडीपी बढ़ाने का भूत उनके सर पर सवार था

देश में नक्सलवाद का हव्वा खड़ा कर दिया गया था

जो मानव अधिकार कार्यकर्ता या आदिवासी नेता सरकार के जमीन हड़प अभियान का विरोध कर रहे थे उन्हें नक्सली समर्थक कहकर धड़ाधड़ जेलों में बंद किया जा रहा था

उसी माहौल को भुनाते हुए चिदंबरम ने एनआईए का गठन किया और कहा कि यह माओवादी देश के लिए सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है इसलिए एनआईए का गठन किया जा रहा है

असल में जब कोई सत्ता में होता है तो उसे लगता है कि मेरी सत्ता हमेशा रहेगी

आज भाजपा शासन में है और वह एनआईए का खुलकर दुरुपयोग कर रही है

आज भाजपा जिस राज्य में चाहती है घुसकर किसी भी सामाजिक कार्यकर्ता को उठा लेती है

अब जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है उन्हें समझ में आ रहा है कि यह एनआईए किस तरह से राज्य सरकार के अधिकारों को नजरअंदाज कर रही है और उसमें हस्तक्षेप कर रही है

लेकिन यही बात हम पहले ही कह रहे थे

और जब हम कह रहे थे तब कांग्रेस हमारी बात नहीं सुन रही थी

खैर कांग्रेस तो हमारी बात अभी भी नहीं सुनती

कोई बात नहीं हमारा काम है देश और जनता के हक में आवाज उठाते रहना

जिनका अहल है सियासत ये वो जाने

मेरा पैगाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे।

(हिमांशु कुमार गांधीवादी कार्यकर्ता हैं और आजकल हिमाचल प्रदेश में रहते हैं।)

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