Saturday, June 3, 2023

पाकिस्तान की जेलों में कैद भदोही और जौनपुर के नौ नवयुवक, रिहाई के लिए परिजन देख रहे हैं राह

उत्तर प्रदेश। समुद्र में मछली पकड़ने के चक्कर में बार्डर पार क्या हुए कि मानों जीवन की डोर ही टूटती हुई नजर आने लगी है। यह दर्द और कसक भरी पीड़ा जौनपुर, भदोही के उन युवकों के परिवारों की है जो अपने “लाल” की सकुशल वतन वापसी की राह देख रहे हैं। लेकिन अभी तक उनकी वापसी की  उम्मीद की किरण दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। इससे परिजन निराश और हताश हो चुके हैं। कभी अधिकारियों के तो कभी जनप्रतिनिधियों के चौखट पर गुहार लगा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश का कालीन नगरी भदोही जनपद भले ही अपनी खूबसूरत कालीन के लिए पूरे विश्व में पहचान बनाए हुए है, लेकिन दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यहां के नवयुवकों को बेरोजगारी से जूझना पड़ता है। रोज़गार की तलाश में उन्हें दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, कोलकाता जैसे महानगरों की राह नापनी पड़ जाती है। इस प्रयास में उन्हें कई प्रकार की परेशानियां भी झेलनी पड़ती हैं।

bhadohi neeraj photo
भदोही के नीरज की फोटो जो पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।

भदोही जनपद के सुरियावां कोतवाली क्षेत्र के भटेवरा गांव का एक 22 वर्षीय युवक इन दिनों पाकिस्तान की जेल में कैद में है। परिजन काफी समय से इसकी तलाश में थे। जब पता भी चला तो रिहाई की राह आसान नजर नहीं आ रही है। बेटे की सकुशल वतन वापसी के लिए सरकार से लेकर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तक फरियाद लगाने के बाद भी अभी तक कोई मदद मिलता न देख परिजनों ने मीडिया के सामने आकर अपनी दुःख भरी दास्तां सुनाई है। भदोही के नीरज के परिजनों की मानें तो उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक किसी तरह की मदद की उम्मीद दिखाई नहीं दी है।

मामा के साथ गया था गुजरात

दरअसल, यह मामला करीब डेढ़ साल पुराना फरवरी 2022 का है। भदोही जनपद के सुरियावां कोतवाली क्षेत्र के भटेवरा गांव निवासी उदयराज बिंद का बड़ा पुत्र नीरज बिंद (22 वर्ष) मछलीशहर, जौनपुर का निवासी है। अपने मामा के साथ रोजी-रोजगार के सिलसिले में गुजरात गया हुआ था। वह गुजरात के एक बड़े व्यापारी के यहां काम करने लगा। व्यापारी ने युवक को मछ्ली पकड़ने के कार्य में लगाया था।

bhadohi maa neeraj
पाक जेल में बंद भदोही के नीरज की परेशान मां

एक दिन मछ्ली पकड़ने के दौरान नीरज बिंद अपने नौ साथियों के साथ भारतीय समुद्री सीमा से पाकिस्तानी समुद्री सीमा में पहुंच गया। जहां उसे पाकिस्तान की सेना ने गिरफ्तार कर लिया। इस दरम्यान क‌ई दिनों तक बेटे की बात नहीं हुई तो परिजनों को घबराहट होने लगी थी। काफी प्रयास के बाद भी जब बेटे की कोई खोज-खबर नहीं मिली तो परिजन गुजरात गए, जहां काफी प्रयास के बाद किसी तरह परिजनों की मुलाकात उस व्यापारी से हो सकी जिसके लिए उनका बेटा काम करता था। जहां व्यापारी ने नीरज के परिजनों को बताया कि उनका बेटा मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तानी सेना के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसे सुनकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई।

परिजन अब मीडिया वालों से लगा रहे हैं गुहार

नीरज बिंद के परिजनों ने बेटे की वतन वापसी को लेकर काफी प्रयास किए, लेकिन अभी तक कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी है। यहां तक कि जिस व्यापारी के लिए उनका बेटा मछली पकड़ने जाता था उससे भी कोई मदद न मिलता देख परिजन निराश और हताश होकर गांव के प्रधान से लेकर अन्य को भी पत्र के जरिए बेटे की वतन वापसी की गुहार लगाकर थक हार चुके हैं।

परिजनों की मानें तो उन्होंने स्थानीय स्तर पर पुलिस से मदद लेनी चाही, लेकिन समय बीतने के साथ जब उन्हें कोई मदद मिलती नहीं दिखी तो वे मीडिया के सामने आए। युवक के पिता उदयराज का आरोप है कि “डेढ़ साल से अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है।”

patni bachcha
पाक जेल में बंद नीरज की पत्नी और गोद में उनका बच्चा

नीरज बिंद के परिजनों ने भदोही जिला प्रशासन और योगी सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। कांधे पर अपने छोटे बच्चे को चिपकाए हुए पति के ख्यालों में खोई नीरज की पत्नी पूजा कहती हैं “डेढ़ साल से वह अपने पति की बाट जोह रही है। कहां-कहां नहीं गई किस-किस के सामने आंचल नही फैलाया, अब सरकार से ही मदद की आस है। “पूजा भरे हुए गले से कहतीं हैं कि “डेढ़ वर्ष होने को है, कैसे जिंदगी कट रही है वह मैं ही जान रही हूं।”

जौनपुर के भी कई युवक हैं पाक में कैद

भदोही के नीरज बिंद के साथ जौनपुर के मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के और भी कई युवक पाकिस्तान की जेलों में कैद हुए हैं। ये बच्चे कहां और किन जेलों में कैद हैं, यह उनके परिजनों को नहीं पता। नीरज बिंद के परिजनों की मानें तो उसके साथ कुल 9 लोगों को पाकिस्तान की सेना ने पकड़ कर कैद कर रखा है। इनमें सर्वाधिक लोग जौनपुर के ही हैं।

इसके पहले भी जौनपुर के कई लोग गलती से समुद्री सीमा लांघकर पाकिस्तान की जेलों में कैद हो चुके हैं। तकरीबन एक दशक पूर्व जौनपुर के मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र के कई लोग समुद्री सीमा पर पाकिस्तान द्वारा कैद कर लिए गए थे। जिनकी रिहाई के लिए परिजनों सहित प्रशासन को भी काफी पसीना बहाना पड़ा था। तब जाकर कई वर्षों के बाद सभी की रिहाई संभव हो पाई थी।

मछली पकड़ने के कारोबार में पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में जुड़े हैं

दरअसल बेरोजगारी और उधोग धंधे का अभाव होने के चलते हजारों की संख्या में लोग पूर्वांचल के विभिन्न क्षेत्रों से महाराष्ट्र, गुजरात में जाकर मेहनत मजदूरी करते हैं। जिनमें से काफी संख्या में लोग समुद्र में मछली पकड़ने के कारोबार से जुड़ गए हैं। जान जोखिम में डालकर परिवार की रोजी-रोटी के लिए जीवन को भी दांव पर लगा बैठे हैं।

(उत्तर प्रदेश से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles

पंजाब: सेंट्रलाइज एडमिशन पर ‘आप’ सरकार और कॉलेजों में ठनी

पंजाब। श‍िक्षा को मुद्दा बनाकर हर प्रदेश में चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी...