Tuesday, March 21, 2023

नॉर्थ ईस्ट डायरीः पराग की मौत ने बता दिया, भाजपा शासित राज्यों में निर्भीक पत्रकारों की जान है खतरे में

दिनकर कुमार
Follow us:

ज़रूर पढ़े

पूरे देश में संघ और भाजपा ने भय और घृणा का जैसा वातावरण तैयार किया है, उसकी वजह से निर्भीक पत्रकार असुरक्षित होते गए हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को साम-दाम-दंड-भेद का इस्तेमाल करते हुए भाजपा ने स्वामीभक्त बनने के लिए मजबूर कर दिया है। वह अपने कुकर्मों को दुनिया के सामने जाहिर करने वाले पत्रकारों को सबसे बड़ा शत्रु समझती है। ऐसे सैकड़ों आदर्शवादी पत्रकारों की नौकरी देश भर में छीनी जा चुकी है। दूसरी तरफ जो सुधीर चौधरी, अर्णब गोस्वामी, दीपक चौरसिया प्रजाति के चारण पत्रकार हैं, उनको स्वामीभक्ति का पुरस्कार देने के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तत्पर नजर आती है।

ऐसे प्रतिकूल समय में भी कुछ निर्भीक पत्रकार अपने पेशे के प्रति ईमानदार बने हुए हैं और वे संघ और भाजपा की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। ऐसे न बिकने वाले पत्रकारों को अपनी जान देनी पड़ रही है। भाजपा शासित राज्यों में मारे जा रहे निर्भीक पत्रकारों की सूची में अब असम के पत्रकार पराग भुइयां का नाम भी जुड़ गया है।

ऊपरी असम के तिनसुकिया जिले में हिट-एंड-रन मामले में एक असमिया न्यूज चैनल के पत्रकार पराग भुइयां की मौत के बाद हत्या के आरोप सामने आए हैं। काकोपथार पुलिस स्टेशन के निकट एनएच-15 पर बुधवार की रात करीब 8.15 बजे अपने घर के पास किसी वाहन की चपेट में आने से प्रतिदिन टाइम के काकोपाथर संवाददाता पराग भुइयां गंभीर रूप से घायल हो गए।

पूर्व मंत्री जगदीश भुइयां के भाई 53 वर्षीय पराग भुइयां को शुरू में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में डिब्रूगढ़ के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां गुरुवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। एक बयान में प्रतिदिन टाइम ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के हस्तक्षेप के बाद ही मामले को आगे बढ़ाने और कार्रवाई करने के लिए स्थानीय पुलिस को दोषी ठहराया है।

बयान में कहा गया है, “पुलिस की शुरुआती निष्क्रियता के कारण हमें पूरी घटना को लेकर संदेह करने का कारण मिला और हमें संदेह है कि साहसी पत्रकार की हत्या की गई है, क्योंकि वह काकोपथार के आस-पास अवैध गतिविधि और भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली रिपोर्टों की एक श्रृंखला प्रस्तुत कर रहे थे। इन रिपोर्टों के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से धमकी भी मिली थी।”

प्रतिदिन टाइम की तरफ से कहा गया है, “हमें संदेह है कि यह एक सुनियोजित हत्या है और हम पूरी घटना की विस्तृत जांच की मांग करते हुए दिवंगत भुइयां और प्रतिदिन टाइम परिवार के लिए न्याय की मांग करते हैं।” मुख्यमंत्री सोनोवाल ने गुरुवार शाम भुइयां की मौत की जांच राज्य के आपराधिक जांच विभाग को सौंप दी है।

एक बयान में सोनोवाल ने भुइयां की असामयिक मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और पत्रकार के परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की। गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में असम पुलिस ने कहा कि भुइयां को टक्कर मारने वाले वाहन के चालक और सहायक, जेम्स मुरहा और बाबा बोरदोलोई, दो व्यक्तियों को गुरुवार सुबह अरुणाचल प्रदेश के नामसाई से पकड़ा गया है। पुलिस पूछताछ के दौरान चालक ने स्वीकार किया कि दुमदुमा के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों से एकत्र किए गए पेड़ के पत्तों को उतारने के बाद लौटते समय लापरवाही के कारण दुर्घटना हुई। ड्राइवर ने कहा कि वे दुर्घटना के बाद घटनास्थल से भाग गए, क्योंकि उन्हें डर था कि जनता उन पर हमला कर सकती है। दुर्घटना में शामिल वाहन को जब्त कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

इस दुर्घटना से पहले भुइयां की एक रिपोर्ट प्रसारित हुई थी, जिसमें बताया गया था कि किस तरह मुख्यमंत्री सोनोवाल की करीबी एक भाजपा महिला नेता ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मी की पिटाई की थी और एक आरोपी को रिहा करवा कर ले गई थी।

पूर्वोत्तर के एक और भाजपा शासित राज्य त्रिपुरा में पिछले दिनों निर्भीक पत्रकारों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं। कोरोना की बदइंतजामी की रिपोर्ट लिखने पर मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देब पत्रकारों को धमका चुके हैं और संघी गुंडे पत्रकारों पर हमले करते रहे हैं। कृषि घोटाले की खबर छापने पर एक बांग्ला दैनिक की छह हजार प्रतियों को पिछले दिनों नष्ट किया गया।

(दिनकर कुमार ‘द सेंटिनल के संपादक रह चुके हैं। आप इस समय गुवाहाटी में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

राहुल का ब्रिटेन दौरा: हंगामा है क्यूं बरपा

ब्रिटेन में राहुल गांधी ने ऐसा क्या कह दिया कि भाजपा बौखला गई है। क्या राहुल गांधी ऐसा कुछ...

सम्बंधित ख़बरें