अब दिल्ली में दोहराया गया हाथरस

देश की राजधानी दिल्ली और केन्ट एरिया, ओल्ड नांगल गाँव की एक 9 साल की छोटी बच्ची के साथ श्मशान घाट की भूमि पर गैंग रेप करके परिवार की बिना अनुमति के जला दिया जाता है। ये है 21 शताब्दी का भारत यहां दलित समाज कहां खड़ा है? सरकारों पर, न्यायपालिका, पुलिस व्यवस्था पर, समाज पर सवाल उठाना जरूरी नहीं है क्या? क्योंकि इन सबकी भागीदारी, निष्क्रियता, और  असंवेदनशीलता से ही इस तरह के अपराधों की संख्या कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है। दिल्ली नांगल गांव में श्मशान घाट के भीतर पुजारी एवं उसके दो साथियों द्वारा 9 साल की बच्ची के साथ रेप एवं हत्या का मामला गंभीर होता जा रहा है।

वाल्मीकी समाज की इस बच्ची के न्याय के लिए दलित कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष  ने भी आवाज उठाई और आरोपी पुजारी को कड़ी सजा देने की बात कही। तत्काल लाश जलाने की बात पर परिजन बोले- पुजारी ने पोस्टमार्टम का डर दिखाया, कहा- वहां ले जाओगी तो शव का चीरफाड़ करके अंग निकाल लेंगे। पुलिस ने जानकारी लगते ही पुजारी को गिरफ्तार कर लिया है, देश के विभिन्न हिस्सों में इस मामले को लेकर चर्चा जारी है, सोशल मीडिया पर न्याय की बात कही जा रही है। न्याय तमाम महान सभ्यताओं का आधार रहा है। इसके बिना मानव समाज का नाश हो जाता। इतिहास हमें बताता है कि तमाम सभ्यताएं, जो न्याय की रक्षा नहीं कर पाईं, उनका बेहद खराब अंत हुआ।

न्याय का विचार हर नैतिक दर्शन और पंथ में मौजूद है। यह लोगों में एक-दूसरे से व्यवहार के लिए एक बेहद जरूरी गुण है। न्याय तमाम सामाजिक संस्थानों का सबसे अहम गुण है। सभी महान शासकों ने अपने राज्य में न्याय को सर्वोच्चता दी है। उन्होंने अपने क्षेत्र में सच्चाई और इंसाफ़ के राज को प्रोत्साहित करने की कोशिश की। न्याय का एक विचित्र गुण है, जो इसे अनिवार्य बनाता है: न्याय पूरी तरह साफ़ और सीधा होना चाहिए, न्याय का सिर्फ़ होना जरूरी नहीं है, बल्कि इसको होते हुए सार्वजनिक तौर पर दिखना भी चाहिए। आरोपी ने कथित तौर पर बच्ची के माता-पिता को बताया कि उसकी मौत बिजली के करंट से हुई है और उन्होंने पुलिस को सूचित न करने को कहा।

आरोपी ने कथित तौर पर कहा कि पुलिस को सूचित करने से मामला जटिल हो जाएगा और डॉक्टर उसके अंगों को निकाल लेंगे। पुलिस के मुताबिक रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे लड़की अपने घर के पास स्थित श्मशान घाट के वाटर कूलर से ठंडा पानी लेने के लिए अपने घर से निकली थी। शाम करीब छह बजे श्मशान घाट के पुजारी राधेश्याम और पीड़िता की मां के परिचित दो-तीन लोगों ने उसे श्मशान में बुलाया और बच्ची का शव दिखाया।

पुलिस ने बताया कि उन्होंने उसे बताया कि कूलर का पानी पीते समय उसे करंट लग गया। इसके बाद आरोपी ने मां की मर्जी के बिना बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद उसने शोर मचाया और अपने पति को फोन किया। जल्द ही, लगभग 200 ग्रामीण भी श्मशान घाट पर एकत्र हो गए और पुलिस को मामले की सूचना दी।

पुलिस मौके पर पहुंची तो पीड़िता की मां ने बताया कि उसकी बेटी के शरीर पर चोट के निशान हैं और उसके होंठ नीले हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर पुजारी को गिरफ्तार कर लिया है। मौके से नमूने/सबूत एकत्र करने के लिए क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक की टीमों को बुलाया गया था। दलित बच्चियों के साथ किस तरीके से बलात्कार की घटनाएं बढ़ती जा रही है यह उसका ज्वलंत उदाहरण है।

हम किस समाज में रह रहे हैं क्यों हाथरस जैसे कांड लगातार इस देश में बढ़ते जा रहे हैं क्या हमारी बच्चियां इस देश में सुरक्षित नहीं है? हम इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं ?  यदि नहीं हैं तो क्या आप सतर्क नागरिक हैं ? यह सवाल खुद से पूछें कि कब तक हम यही सब खबरें टीवी और अखबार में पढ़ते रहेंगे, सुनते रहेंगे कभी आवाज नहीं उठाएंगे और सरकार से सवाल नहीं पूछेंगे कि कानून व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों है। क्या आवाज उठाना बंद कर दें। सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या कर रही है।

(लेखिका टीना कर्मवीर एक्टिविस्ट हैं।)

टीना कर्मवीर
Published by
टीना कर्मवीर