Friday, March 29, 2024

अगले चीफ जस्टिस होंगे एनवी रमना; आंध्र के सीएम की शिकायत खारिज

भारत के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने अगले चीफ जस्टिस के लिए जस्टिस एनवी रमना के नाम की सिफारिश की है। उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश, जस्टिस रमना ने 17 फरवरी, 2014 को पद ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 को समाप्त होगा। इस बीच उच्चतम न्यायालय  ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की ओर से भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को की गई शिकायत को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने जस्टिस एनवी रमना पर आरोप लगाया था कि वह राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए राज्य की न्यायपालिका को प्रभावित करने की प्रयास कर रहे थे।

शिकायत को खारिज करने की जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में दिया गया है। बयान के अनुसार, इन-हाउस प्रक्रिया के तहत निस्तारित किए जाने के बाद शिकायत को “उचित विचार” पर खारिज कर दिया गया है। इन-हाउस प्रक्रिया के तहत निस्तारित सभी मामलों को गोपनीय रखा जाता है, उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 6 अक्टूबर को आंध्र के मुख्यमंत्री ने सीजेआईको शिकायत भेजी थी। कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री के सचिव अजय चेलम, आईएएस ने एक संवाददाता सम्मेलन में शिकायत का विवरण सार्वजनिक किया था। शिकायत में कहा गया था कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जस्ट‌िस एनवी रमना राज्य सरकार के खिलाफ प्रतिकूल आदेश पारित करने के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के जजों को प्रभावित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ऐसे मामलों की एक श्रृंखला पेश की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लिए गए प्रमुख फैसलों के खिलाफ प्रतिकूल आदेश दिए थे, जैसे टीडीपी-शासन में प्रमुख भूमि सौदों के पीछे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के आदेश, तीन राजधानी बिल, एसआईटी पर बने रहना अमरावती भूमि घोटाले आदि की जांच आदि। इन आदेशों का हवाला देते हुए, जिन्हें टीडीपी से संबंधित राजनीतिज्ञों के लिए लाभकारी बताया गया था, आंध्र मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि टीडीपी के प्रति राज्य न्यायपालिका में पूर्वाग्रह है।

रेड्डी ने चीफ जस्टिस को भेजे पत्र में हाईकोर्ट के विवादास्पद की सूची, जस्ट‌िस रमना की संपत्ति और जमीन का विवरण दिया था। अमरावती भूमि घोटाले में दर्ज प्राथमिकी ने जस्ट‌िस रमना के परिजनों आरोपी बनाया गया था। शिकायत के प्रकाशन के बाद, अटॉर्नी जनरल के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें आंध्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई थी। हालांकि एजी ने सहमति देने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि आंध्र सीएम और उनके सलाहकार का आचरण उचित नहीं था। एजी ने यह भी कहा कि शिकायत के समय और प्रेस कॉन्फ्रेंस को “निश्चित रूप से संदेहास्पद कहा जा सकता है, क्योंकि इससे पहले सांसदों/ विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई को गति देने के लिए जस्ट‌िस रमना की अध्यक्षता में एक पीठ ने एक आदेश दिया था।“

उल्‍लेखनीय है कि जगन मोहन रेड्डी  खुद 31 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए 11 मामले और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 7 मामले दर्ज किए गए हैं।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने अगले चीफ जस्टिस के लिए जस्टिस एनवी रमना के नाम की सिफारिश की है। जस्टिस रमना ने फरवरी 1983 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में एक वकील के रूप में करना शुरू किया था। उन्होंने विभिन्न सरकारी संगठनों के लिए पैनल वकील के रूप में काम किया। उन्होंने केंद्र सरकार के लिए एक अतिरिक्त सरकारी वकील और हैदराबाद में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में रेलवे के लिए सरकारी वकील के रूप में भी काम किया है। इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी कार्य किया।

जस्टिस रमना को 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने 10 मार्च, 2013 से 20 मई, 2013 तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्हें 2 सितंबर, 2013 से दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। चीफ जस्टिस बोबडे का कार्यकाल इस वर्ष 23 अप्रैल को खत्म हो रहा है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles