मुजफ्फरपुर स्थित सीपीआई (एमएल) कार्यालय पर बीजेपी संरक्षित अपराधियों का हमला, कई नेता और कार्यकर्ता घायल

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पटना। मुजफ्फरपुर में भाकपा-माले के टाउन कार्यालय पर विगत दो दिनों से लगातार जारी जानलेवा हमले के बावजूद अभी तक किसी भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं होने पर माले राज्य सचिव कुणाल ने गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा-जदयू राजनीतिक कारणों से माले को निशाना बना रही हैं। उनका कहना है कि शहर में जलजमाव के मामले को लेकर नगर विकास मंत्री व मुजफ्फरपुर के स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश शर्मा के खिलाफ आंदोलन चल रहा है उसी की खुन्नस अपराधियों द्वारा हमले के जरिये निकाली जा रही है।

उन्होंने बताया कि माले की उच्चस्तरीय टीम आज मुजफ्फरपुर गई है। इस टीम में पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा, केंद्रीय कमेटी की सदस्य व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी तथा दरौली विधायक सत्यदेव राम शामिल हैं। यह टीम पूरे घटनाक्रम का जायजा लेगी।

इस बीच, मुजफ्फरपुर के पार्टी जिला सचिव काॅ. कृष्ण मोहन ने बताया कि कार्यालय पर हमला करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी, मिठनपुर थाना प्रभारी को अविलंब बर्खास्त करने और माले कार्यालय के साथ ही स्थानीय पार्टी समर्थकों की सुरक्षा की गारंटी के सवाल को लेकर समाहरणालय पर धरना दिया गया और मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा गया।

आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर शहर के वार्ड नंबर 47 के मानीघाट में माले का टाउन कार्यालय लंबे समय से कार्यरत है। आफिस के ठीक पीछे 25-30 माले समर्थक गरीबों के घर हैं, लेकिन उनका कोई रास्ता नहीं है। रास्ते को लेकर लंबे समय से लड़ाई चल रही थी। विगत 10 अगस्त को इसी मसले पर माले कार्यालय में ही पंचायत हुई और 5 फीट रास्ता दिए जाने पर सहमति बनी।

इसका पंचनामा बनाने का भी फैसला कर लिया गया। लेकिन अचानक शाम 6 बजे भाजपा से जुड़े 35-40 दबंग शराब पीकर पार्टी नेताओं की हत्या करने की नीयत से दफ्तर में घुस आए और कहने लगे कि पंचनामा नहीं माना जाएगा। यहां माले नहीं बल्कि भाजपा का झंडा लगेगा। उस वक्त वहां माले नेता सूरज कुमार सिंह व सुरेश ठाकुर तथा उनके 15 वर्षीय पुत्र ऋषि ठाकुर मौजूद थे। उन लोगों के साथ गाली-गलौज व मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया। 

माले नेताओं का कहना है कि पोस्टर व झंडे फाड़ दिए गए। ऋषि ठाकुर को गला दबाकर मारने की भी कोशिश की गई। सुरेश ठाकुर की पीठ पर राॅड से हमला किया गया। सूरज कुमार सिंह को भी बुरी तरह पीटा गया। हमलावरों में संजय महतो, पंकज कुमार, मुन्ना महतो आदि प्रमुख नाम हैं। स्थानीय लोगों के जुटने के बाद अपराधी भाग गए।

माले नेताओं ने बताया कि इसकी शिकायत उसी दिन स्थानीय मिठनपुरा थाने में की गई, लेकिन थाने ने कोई कार्रवाई नहीं की। 11 अगस्त की सुबह 9 बजे एक बार फिर से हमलावर हरवे-हथियार के साथ पार्टी कार्यालय पर हमला बोल दिए। मिठनुपरा थाने के पुलिसकर्मियों के आने के बाद वहां से हमलावर भागे लेकिन उसी दिन रात में 12.30 बजे से लेकर 3 बजे तक स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ ही बजरंग दल व अपराधियों ने संयुक्त रूप से पार्टी समर्थक घरों पर हमले किए। महिलाओं के साथ बदतमीजी की। रेप करने की धमकी दी। बर्बर तरीके से पिटाई करके लोगों को घायल कर दिया।

माले नेताओं का आरोप है कि यह हमला प्रशासन-अपराधी गठजोड़ का नतीजा है। उन्होंने कहा कि माले कार्यालय पर हमला करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करने के बजाए मिठनपुरा थाना प्रभारी के नेतृत्व में गरीबों के घरों में आतंक मचाया गया। उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

भाकपा-माले ने कहा है कि बिहार की भाजपा-जदयू सरकार अपने जनविरोधी चरित्र के कारण जनता में अलोक प्रिय हो चुकी है। जनता का आक्रोश फूट पड़ा है। इसलिए ये लोग अब प्रशासन व अपराधी गठजोड़ को आगे करके उनके नेताओं पर हमला करवा रहे हैं।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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