Saturday, April 20, 2024

राम मंदिर के लिए चंदे के नाम पर किसके आदेश से PWD कर्मियों से हो रही है वसूली?

राम मंदिर निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों से जबर्दस्ती एक दिन का वेतन बतौर चंदा काटा जा रहा है। इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग के कार्यालय प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष लखनऊ के लेटरपैड पर हजरतगंज एम जी रोड स्थित एचडीएफसी बैंक के शाखा प्रबंधक को 19 जनवरी, 2021 को एक प्रार्थनापत्र भेजकर ‘पी.डब्ल्यू.डी. राम मंदिर वेलफेयर’ के नाम से खाता खोलने की सिफारिश की गई है।

प्रार्थनापत्र में आगे लिखा गया है कि –“उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्मिकों का एक दिन का वेतन स्वेच्छा से श्री राम मंदिर निर्माण हेतु दान करने के लिए पी.डब्ल्यू.डी. राम मंदिर वेलफेयर के नाम से खाता खोला जाना है। इस खाते का संचालन मुनीष कुमार अदिशासी अभियंता, एवं श्री बीरेंद्र कुमार, प्रधान सहायक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा।”

इस पत्र पर राजपाल सिंह प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग लखनऊ का हस्ताक्षर है। इस बाबत जब हमने पी.डब्ल्यू.डी के कुछ कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्वेच्छा की तो बात ही नहीं है ऊपर से फैसला करके एक फरमान की तरह सब पर लागू कर दिया गया है।       

 धार्मिक प्रयोजन हेतु चंदा, बिना सरकारी अनुमति के नहीं मांगा जा सकता। राम मंदिर के नाम पर एक दिन के वेतन कटौती पर वरिष्ठ साहित्यकार इतिहासकार सुभाष चंद्र कुशवाहा प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि “PWD के कर्मचारियों से जबरन, राम मंदिर के नाम पर एक दिन का वेतन लिया जा रहा है और इसे स्वेच्छा से कहा जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि धार्मिक प्रयोजन हेतु चंदा, बिना सरकारी अनुमति के नहीं मांगा जा सकता।

यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1957 के नियम 10 के अनुसार बिना सरकारी अनुमति के ऐसा नहीं किया जा सकता। तो इससे यही निष्कर्ष निकलता है कि या तो सरकार ने इस अधिकारी को अनुमति दी है। फिर यह स्वेच्छा से कैसे है? यह तो जबरिया वसूली हुई। एक सेकुलर देश में PWD जैसा सरकारी संस्थान, अगर राम मंदिर के लिए कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काट रहा है तो उससे पूछा जाना चाहिए कि क्या कभी किसी मस्जिद या गुरुद्वारे के लिए भी ऐसा किया है? प्रदेश में सिर्फ हिन्दू मंदिर, हिन्दू तीर्थ स्थलों के लिए सुरक्षा गार्ड और हिन्दू तीर्थयात्रा रेल चलाई जा रही तो जाहिर है संविधान खत्म कर दिया गया है और एक हिन्दू राष्ट्र का आधार तैयार कर लिया गया है।”

बता दें कि इस समय देश में विशेषकर हिंदी पट्टी के राज्यों में अयोध्या राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा वसूली का काम जोर शोर से किया जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद और राम मंदिर के तीर्थ क्षेत्र की ओर से देशव्यापी अभियान चलाकर चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। दरअसल, श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बीते दिनों ही राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है। जिसमें ट्रस्ट की ओर से अलग-अलग कूपन जारी किए जा रहे हैं और लक्ष्य रखा गया है कि देश के पांच लाख परिवारों से चंदा इकट्ठा किया जाए। राम मंदिर के लिए एक सेकुलर देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चंदा दिया है। उनके अलावा फिल्मस्टार अक्षय कुमार, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई लोगों ने चंदा दिया है।

वहीं मध्य प्रदेश में चंदा वसूली पर निकले भगवाधारी भीड़ ने उज्जैन, मंदसौर, इंदौर और राजगढ़ के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जुलूस निकालकर सांप्रदायिक हिंसा की है। उनके घरों दुकानों में लूटपात और आगजनी की। मस्जिदों में तोड़ फोड़कर भगवा झंडा फहराया है। और जिला प्रशासन ने उल्टा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर ही कार्रवाई करते हुए उनके मकान दुकान को गौरक़ानूनी बताकर जमींदोज कर देता है।   

इस बीच, चंदा वसूली में फर्जीवाड़े को लेकर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कल दिये एक बयान कहा है कि राम मंदिर निर्माण में दान के नाम पर बंदरबांट हो रही है। लोग फर्जी तरीके से चंदा लेकर अपने पास रख रहे हैं, ऐसे में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। ये एक बड़ा अपराध है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।