“अगर आप कोर्ट जाते हैं तो आपको पछतावा होता है। कोर्ट में केवल परतें उधेड़ी जाती हैं। वहां आपको न्याय नहीं मिलता है। उन्हें यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि अगर आप कॉरपोरेट हैं तो चांस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाते हैं। फैसला आपके मुताबिक आ गया तो सब ठीक है नहीं तो जैसे अमूमन सुना जाता है, कोई बात नहीं। प्रॉपर्टी विवाद के लिए लोग अक्सर ट्रायल कोर्ट की शरण लेते हैं। इनमें से ही कुछ लोग अपील करने हाई कोर्ट जाते हैं। इनके अलावा इस देश में और कौन कोर्ट जाता है।” -उपरोक्त बातें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इंडिया टुडे के एक कान्क्लेव में कहीं, जब उनसे पूछा गया कि अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ आप कोर्ट क्यों नहीं गए।
पूर्व सीजेआई गोगोई ने आगे कहा, “न्यायिक व्यवस्था में गंभीर सुधार की जरूरत है। मैंने खुद 14 माह तक बतौर सीजेआई काम किया है। हमारे पास काफी सारे अच्छे जज हैं, जो 24-7 काम कर रहे हैं, लेकिन फिर भी चीजें उतने अच्छे तरीके से नहीं हो पा रही हैं। उनके मुताबिक, अगर सिस्टम ठीक नहीं होगा तो अच्छे लोग भी बेअसर हो जाते हैं।”
इंडिया टुडे के कान्क्लेव में उनसे सवाल किया गया कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर चुने जाने से पहले आप नाराज जजों की श्रेणी में आते थे, लेकिन उसके बाद बीजेपी सरकार के सबसे पसंदीदा जज बने। आपको राज्यसभा की सदस्यता भी उपहार में दी गई। दो दिन पहले राज्यसभा में महिला सांसद ने आपके ऊपर आरोप भी लगाया।
उपरोक्त सवाल के जवाब में रंजन गोगोई ने कहा, “क्या जज और पूर्व जज को डरना चाहिए। उसे इस बात से डरना चाहिए कि मन मुताबिक फैसला नहीं दिया तो रिटायरमेंट के बाद उस पर हमले किए जाएंगे। हालांकि उन्होंने माना कि बहुत से जजों पर इस तरह के हमले होते हैं और इसका असर भी कई मामलों में देखने को मिला है।”
टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा द्वारा दो दिन पहले लोकसभा में पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर किए गए हमले के जवाब में पूर्व सीजेआई ने कहा, “एक महिला सांसद ने आरोप लगाया, लेकिन उनके पास तथ्य भी पूरे नहीं थे। कम से कम जिस पर आरोप लगा रहे हैं, उसका नाम तो लेकर दिखाएं। मेरा एक नाम है। सांसद को कुछ गलत लगता था तो मेरा नाम लेना चाहिए था।”
जब गोगोई से पत्रकार ने सवाल किया कि सांसद का कहना था कि आपने अपने मामलों को निपटाने के लिए गलत तरीके से काम किया। जवाब में रंजन गोगोई ने कहा, “उनके ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के मामले के जिक्र के बगैर सुप्रीम कोर्ट या जूडिशियरी की चर्चा पूरी नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की कमेटी ने इस मामले की सुनवाई की। आरोप लगाने से पहले तथ्य तो ठीक करने चाहिए। इस देश की खामी है कि तथ्यों को परखे बगैर लोग आरोप लगा देते हैं। यह प्रैक्टिस ठीक नहीं है। फ्यूचर जेनरेशन के लिए यह एक नजीर है।”
सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के चौथे संस्करण में बोलते हुए कहा कि आज हम भय के माहौल में जी रहे हैं, लेकिन कोई जज और पूर्व जज हमलों से घबराता नहीं है। आज कोई जज बड़ा फैसला लेता है तो रिटायरमेंट के बाद उसे धमकी दी जाती है। ऐसे लोग चाहते हैं कि अगर उनके अनुसार फैसला नहीं होगा तो वे हमला करेंगे, लेकिन जज को इससे डरना नहीं चाहिए।
इस सवाल पर कि राफेल, अयोध्या पर फैसलों के बदले उन्हें राज्यसभा सीट मिली? पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ”लोग कहते हैं कि मैंने बारगेनिंग की। क्या मैं बारगेनिंग करता तो इतनी छोटी चीज मांगता राज्यसभा की सीट? मैंने राज्यसभा से एक भी पैसा नहीं लिया। क्या आपको ये पता है कि मैंने राज्यसभा का पैसा नहीं लिया?”
किसान आंदोलन पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा, “यदि इन सभी कानूनों को चुनौती दी जा रही है तो इस पर कुछ राजनीतिक लोगों को काम करना होगा। मुझे उम्मीद है कि अदालत कुछ रास्ता निकाल सकता है। इस पर कानूनी या राजनीतिक रूप से समाधान निकालना होगा। हालांकि यह हो नहीं रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला है।”