संसद की कार्यवाही स्थगित, सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष में टकराव जारी

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नई दिल्ली। अडानी समूह की जांच और कैंब्रिज में राहुल गांधी के भाषण पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच टकराव की बर्फ के पिघलने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। और संसद के बजट सत्र को लेकर अनिश्चितता के बादल गहराते जा रहे हैं। मंगलवार को सदन चलने के कुछ ही मिनटों के भीतर लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही अचानक स्थगित कर दी गई। उगादी, गुड़ी पड़वा, चेटी चंद और अन्य त्योहारों के कारण राज्यसभा और लोकसभा 23 मार्च, 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।

इस बीच मंगलवार को अप्रत्याशित तौर पर लोकसभा में दो बिल पास भी हुए। लेकिन बाद में सत्तापक्ष औऱ विपक्ष को जोरदार हंगामे के कारण सदन को स्थगित करना पड़ा। जहां विपक्ष गौतम अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की मांग कर रहा है, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पिछले सप्ताह लंदन में की गई उनकी लोकतंत्र संबंधी टिप्पणी पर माफी मांगने पर अड़ी हुई है।

संसद के बजट सत्र का यह दूसरा चरण है। दूसरे चरण में संसद एक दिन भी नहीं चल सकी है। संसद में सत्तापक्ष औऱ विपक्ष की जोरदार नारेबाजी के बीच जम्मू-कश्मीर विनियोग विधेयक 2023 और विनियोग विधेयक (संख्या 2) 2023 पारित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। राज्यसभा दो बार स्थगित हुई और दिन के दौरान कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हुआ।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और स्पीकर ओम बिड़ला ने घोषणा की कि देश भर में उगादी और अन्य त्योहारों के कारण बुधवार को संसद की बैठक नहीं होगी।

सोमवार को किसी भी विधायी कार्य के बिना दोनों सदनों के स्थगित होने के बाद मंगलवार, 21 मार्च को सुबह 11 बजे संसद फिर से शुरू हुई थी। लेकिन संसद का गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा। जहां विपक्ष अडानी समूह के मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच चाहता है, वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी से लोकतंत्र के बारे में उनकी टिप्पणी के लिए माफी की मांगने पर अड़ा हुआ है।

आज तक, बजट सत्र का दूसरा चरण समान मुद्दों पर बार-बार व्यवधान के कारण कोई भी प्रमुख विधायी कार्य करने में विफल रहा। बजट दस्तावेजों की समीक्षा के लिए ब्रेक के बाद 13 मार्च को बजट सत्र फिर से शुरू हुआ था।

निचले सदन में दो विधेयकों के पारित होने के बाद, अध्यक्षता कर रहे राजेंद्र अग्रवाल ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों से अनुरोध किया कि सत्र में कुछ और कार्य करने की अनुमति दी जाए, लेकिन उनके अनुरोध को अनसुना कर दिया गया।

मंगलवार को राज्यसभा में टेबल पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय पर चर्चा होनी थी।

वहीं लोकसभा में अनुदान की विभिन्न पूरक मांगों सहित जम्मू और कश्मीर के बजट के साथ-साथ केंद्रीय बजट पर चर्चा होनी थी।

संसद की कार्यवाही शुरू होते ही सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद नारेबाजी करने लगे। इस बीच लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू हुआ। विपक्षी सदस्यों ने “हमें जेपीसी चाहिए” का नारा लगाया तो भाजपा सदस्य राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहे थे।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दोहराया कि राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य हैं उनसे राज्यसभा में माफी की मांग क्यों की जा रही है। खड़गे को सवाल उठाने के बाद राज्य सभा के सभापति धनखड़ ने सदन को 23 मार्च को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ कहते हैं, “लोग हमसे उम्मीद करते हैं कि हम विचार-विमर्श और चर्चा में शामिल हों, और उन्हें हंगामे का सामना करना पड़ रहा है।”

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