क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी स्मृतिदोष या जुबान फ़िसलने जैसी मानवीय भूलों और संसदीय आलोचना से भी परे हो चुके हैं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी से ये सवाल उठ खड़ा हुआ है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी मामले में असम पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को आज दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि कुछ ही घंटों में उनको सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत भी मिल गई।
सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस प्रवक्ता की रिहाई को भाजपा के गाल पर करारा तमाचा बताते हुये कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश हैं, यह उनके मुंह पर करारा तमाचा है। उन्होंने भाजपा के इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पवन खेड़ा को परेशान करने की कोशिश की। संसद में भी उन लोगों को मुद्दे उठाने से रोका गया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि वे बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लोकतंत्र ख़तरे में है। जमानत मिलने के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता को सुप्रीम कोर्ट से एक राहत और मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने असम पुलिस और यूपी पुलिस को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एफआईआर को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा की रिहाई का आदेश देते हुए कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए।
बता दें कि लखनऊ, वाराणसी और असम में पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ करवाया गया । पवन खेड़ा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने लखनऊ, वाराणसी और असम में दर्ज़ एफआईआर पर एक जगह सुनवाई की मांग की जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि इन पर एकसाथ किस कोर्ट में सुनवाई होगी। गौरतलब है कि कांग्रेस ने कोर्ट से पवन खेड़ा के खिलाफ़ दर्ज़ FIR को रद्द करने की मांग भी की थी। फिलहाल कोर्ट ने FIR रद्द करने का आदेश देने से इनकार कर दिया।
आज सुबह हुई थी खेड़ा की गिरफ्तारी
पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से आज सुबह उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वे इंडिगो की फ्लाइट से रायपुर जा रहे थे। पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ़ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पवन खेड़ा ने उसी समय माफी मांग ली थी, यह सिर्फ स्लिप ऑफ टंग (अनजाने में कही बात) का मामला था। वहीं असम पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि पवन खेड़ा को उन्होंने गिरफ्तार किया है और ट्रांजिस्ट रिमांड के लिए उनको कोर्ट में पेश किया जा रहा है।
इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने एयरपोर्ट पर खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। तमाम नेता धरने पर भी बैठ गए। कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से जानकारी देते हुये बताया गया कि आज इंडिगो की फ्लाइट 6E-204 से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली से रायपुर जा रहे थे। सभी फ्लाइट में बैठ चुके थे, उसी वक्त कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को फ्लाइट से उतरने को कहा गया।
कांग्रेस ने इसे तानाशाही रवैया करार देते हुए कहा कि तानाशाह ने अधिवेशन से पहले ED के छापे मरवाए और अब इस तरह की हरकत पर उतर आया। गौरतलब है कि कांग्रेस का छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कल से अधिवेशन शुरू होने जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
पवन खेड़ा ने 17 फरवरी को अडानी के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था इस दौरान उन्होंने कहा था, अगर अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र ‘गौतम दास’ मोदी को क्या दिक्कत है? हालांकि बयान देने के बाद पवन खेड़ा ने अपने आस-पास मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री का मिडिल नेम सही पुकारा है? खेड़ा ने इस पर कहा कि ‘नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है?’
हालांकि कांग्रेस नेता ने बाद में पूछा, ‘क्या यह गौतम दास या दामोदर दास है?’ इस दौरान पवन हंसते हैं और यह कहते हुए तंज करते हैं कि भले ही नाम दामोदर दास है, लेकिन उनके काम गौतम दास के समान हैं। बाद में एक ट्वीट में पवन खेड़ा ने स्पष्ट किया कि वह वास्तव में प्रधानमंत्री के नाम को लेकर भ्रमित थे।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पिछले दिनों गौतम अडानी के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, पीएम मोदी को नरेंद्र ‘गौतम दास’ मोदी के नाम से संबोधित किया था। पवन खेड़ा के इस बयान को लेकर उत्तर प्रदेश और असम समेत कई जगहों मामले दर्ज़ किए गये हैं। असम में खेड़ा के खिलाफ़ दीमा हसाओ में मामला दर्ज़ कराया गया है। इसी पर कार्रवाई करते हुए असम पुलिस ने पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे अपमानजनक बताते हुए कहा कि पवन खेड़ा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिससे जहाज़ से उतारने, गिरफ़्तार करने या हिरासत में लेने की ज़रूरत हो। अगर वे सभी उन पर प्रधानमंत्री के बारे में मज़ाक करने का आरोप लगा सकते हैं, तो यह निंदनीय अतिशयोक्ति है। हमारे पास भारत में “ले-मेजेस्टे” का कोई अपराध नहीं है। आप एक ओरल बार्ब के लिए एक राजनीतिक व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि विपक्ष संसद में मुद्दे उठाए तो नोटिस दिया जाता है। महाधिवेशन के पहले छतीसगढ़ के हमारे नेताओं पर ED का रेड कराया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि आज मीडिया चेयरमेन को जहाज़ से ज़बरदस्ती उतारकर गिरफ़्तार किया गया। भारत के लोकतंत्र को मोदी सरकार ने हिटलरशाही बना दिया।
( जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट)