Saturday, April 20, 2024

माओवादी के नाम पर गिरफ्तार नाजिर मुंडा की रिहाई को लेकर आंदोलन की चेतावनी

विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन, झारखंड इकाई के संयोजक दामोदर तुरी और मनोनीत संयोजक शैलेन्द्र सिन्हा ने एक संयुक्त  प्रेस बयान जारी कर बताया है कि पिछली 25 जनवरी, 2021 को अपराह्न 3  बजे दिन में सामाजिक कार्यकर्ता नाजीर मुण्डा को सरायकेला-खरसावां जिले के पुलिस प्रशासन द्वारा कुचाई थाना अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया, तथा मनगढ़ंत कहानी बनाते हुए नाजिर मुण्डा को भाकपा माओवादी संगठन के महराज प्रमानिक दस्ता का सदस्य बताया गया। पुलिस द्वारा कहा गया है की नये कृषि कानून के खिलाफ पोस्टर्स सहित नक्सली पोस्टर्स उनके दो पहिया वाहन से बरामद किया गया है। पुलिस ने 27 जनवरी 2021 को 17 एवं 18 सीएल एक्ट जैसी संगीन धाराओं में नाजीर मुण्डा को जेल भेज दिया है। प्रेस बयान में बताया गया है कि नाजीर मुण्डा पर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। 

बता दें कि नाजिर मुण्डा सर‌ायकेला-खरसावां जिले के कुचाई थाना अंतर्गत धुनाडीह गांव, टोला गुगडूदिरी के रहने वाले हैं। वे ईचा खरक‌ई डैम परियोजना के खिलाफ आंदोलन में अपना योगदान दे रहे थे। ज्ञात हो कि ईचा खरक‌ई डैम परियोजना के खिलाफ 1978 ई० से ही जनता आंदोलनरत है। क्योंकि इस  परियोजना से 124 गांवों से लगभग 2 लाख जनता को घर से बेघर होना पड़ेगा। बता दें कि चुनाव से पहले हेमंत सोरेन ने अपनी चुनावी सभा में बोल चुके हैं कि अगर हम सत्ता में आते हैं तो इस परियोजना को रद्द कर देंगे। लेकिन हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बने एक साल से ऊपर हो चुके हैं, लेकिन परियोजना तो रद्द नहीं हुई, ऊपर से आंदोलनकारियों के ऊपर पुलिस प्रशासन के जुल्म, अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। इसी कड़ी में सामाजिक कार्यकर्ता नाजिर मुण्डा की गिरफ्तारी है।

प्रेस बयान में कहा गया है कि आंदोलन को कुंद करने के लिए नक्सलवाद, माओवाद का झूठा आरोप लगाकर आंदोलनकारी जनता व कार्यकर्ताओं को भयभीत किया जा रहा है, ताकि इस विनाशकारी परियोजना का रास्ता साफ हो सके। नाजिर मुण्डा को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें थाने में 24 घंटा से अधिक रख कर शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना की गयी, जो  डीके बासु के गाइड लाइन का घोर उल्लंघन है। संगठन ने पोस्टर एवं बैनर रखने के आरोपों को झूठा बताया है। और इसपूरे घटना की उसने निंदा की है। इसके साथ ही विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन, झारखंड इकाई अविलंब बिना शर्त नाजिर मुण्डा की रिहाई की मांग की है। उसने कहा कि विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन अह्वान करती है कि अगर मुण्डा को रिहा नहीं किया गया तो पूरे झारखंड क्षेत्र में सरकार व पुलिस  प्रशासन के खिलाफ जनांदोलन तेज किया जाएगा।

(वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।