Friday, March 29, 2024

सिंघु बॉर्डर हत्याकांड: चौतरफा आवाज कि यह गहरी साजिश है!

सिंघु बॉर्डर पर एक निहंग जत्थेबंदी से वाबस्ता निहंगों द्वारा पंजाब के तरनतारन जिले के रहने वाले लखबीर सिंह को बेरहमी से कत्ल किए जाने और इस जत्थेबंदी के नेता की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ वायरल हुईं फोटो के बाद पंजाब सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा को इसमें गहरी साजिश नजर आ रही है।                                   

इस हत्याकांड से संबंधित एक और वीडियो वायरल हुआ है जिसमें लखबीर तीस हजार रुपए मिलने की बात कुबूल कर रहा है। यह वीडियो लखबीर की हत्या से ठीक पहले का है। 43 सेकंड के नए वायरल वीडियो में लखबीर के चेहरे में हाथ-पैरों से खून बहता दिख रहा है। उसके पैर बंधे हुए हैं और वह जमीन पर बैठा है। वीडियो में आसपास खड़े निहंग उससे मोबाइल नंबर पूछ रहे हैं, जिसे वह टुकड़ों में बता रहा है। लखबीर यह कहते सुना जा रहा है कि उसे तीस हजार रुपए देने का वादा करके यहां भेजा गया था। हालांकि अभी साफ नहीं हो सका है कि उसे यह पैसा मिला भी या नहीं। इस वायरल वीडियो ने पूरे प्रकरण को और ज्यादा संगीन बना दिया है। यह साफ नहीं हो सका है कि किसने लखबीर को पैसे की पेशकश की और क्यों? माना जा रहा है कि पंजाब सरकार की ओर से गठित एसआईटी इस वायरल वीडियो से जुड़े एक-एक पहलू की भी खास छानबीन करेगी।                                     

गौरतलब है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री तथा गृह विभाग के मुखिया सुखजिंदर सिंह रंधावा के विशेष निर्देश पर डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने मामले की जांच के लिए एडीसीपी वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है।                               

रंधावा ने मीडिया में हुए नए खुलासों के बाद कहा है कि राज्य सरकार अपने तौर पर पूरे घटनाक्रम की मुकम्मल जांच करवाएगी वह मामले की गहराई तक पहुंचने के बाद असली साजिशकर्ताओं को बेनकाब करेगी। रंधावा के मुताबिक, “निहंग नेताओं में से एक निहंग नेता के भारत सरकार खासकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ संबंध होने के हाल ही में हुए खुलासों के मद्देनजर इस हत्याकांड ने अब बिल्कुल अलग मोड़ ले लिया है। वहीं अब निहंग नेता लखबीर सिंह की हत्या के मुख्य दोषी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।  तह तक जाने की जरूरत है कि लखबीर को सिंघु सरहद पर कौन लेकर गया था और किसने दिल्ली तक उसकी यात्रा का खर्च वहन किया जबकि उसके पास अपनी रोटी खाने तथा अमृतसर तक जाने के पैसे तक नहीं थे।” सुखजिंदर सिंह रंधावा जोर देकर कहते हैं कि सिंघु हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश है। राज्य सरकार इस साजिश का पर्दाफाश करेगी।                                   

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने खुला आरोप लगाया है कि लखबीर हत्याकांड के पीछे केंद्रीय खुफिया एजेंसियों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को एक धर्म अथवा समुदाय विशेष का आंदोलन सिद्ध करने की साजिश कर रही है। पिछले दिनों निहंगों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री की बैठक की सार्वजनिक हुई तस्वीरों में एक पूर्व पुलिस कैट गुरमीत सिंह पिंकी की उपस्थिति व एक के बाद एक सिलसिलेवार घटित घटनाएं साबित करती हैं कि केंद्र सरकार पंजाब के अमन-भाईचारे को भंग करने की साजिश में शामिल है। जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार बारूद के ढेर से खेलना बंद करे। केंद्र की एजेंसियां शुरू से ही कोशिश कर रही हैं कि किसानों के धर्मनिरपेक्ष संघर्ष को सिखों का संघर्ष घोषित किया जाए व इसीलिए आंदोलन कर रहे किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री की बैठक में बदनाम पुलिस कैट का होना केंद्र की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। सुनील जाखड़ का मानना है कि हरियाणा में पहले एसडीएम का पुलिस को किसानों के सिर फोड़ने को कहना, फिर वहां के मुख्यमंत्री का लोगों को किसानों के खिलाफ लाठियां उठाने को कहना, लखीमपुर खीरी में किसानों को केंद्रीय राज्य मंत्री की गाड़ी के नीचे देकर मारा जाना, सिंघु बॉर्डर की घटना तथा पंजाब में बीएसएफ को 50 किलोमीटर तक का अधिकार देना एक के बाद एक बड़ी साजिश की कड़ी है।           

पंजाब के अन्य उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ओम प्रकाश सोनी भी सिंघु घटना को एक बड़ी साजिश करार देते हैं।         

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं डॉ दर्शन पाल, गुरनाम चढ़नी जोगेंद्र सिंह उग्रहां ने आरोप लगाया है कि लखबीर हत्याकांड के पीछे भाजपा की साजिश है। किसान नेताओं का कहना है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह सब लखीमपुर खीरी हिंसा से ध्यान हटाने तथा किसान आंदोलन को बदनाम कर खत्म करवाने की गहरी साजिश है। इस साजिश की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। किसान मोर्चा ने साथ ही आंदोलन में शामिल लोगों से अपील की है कि वे चौकस रहें।                                   

पंजाबी जागृति मंच के संयोजक तथा सबसे बड़े पंजाबी अखबार ‘अजीत’ के संपादक वरिष्ठ पत्रकार सतनाम सिंह माणक भी लखबीर हत्याकांड में गहरी साजिश देखते हैं। उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों की कोशिश है कि किसी तरह किसान आंदोलन को तोड़ा जाए और उसमें अपने लोगों की घुसपैठ करवाई जाए। आंदोलन को असफल करने के लिए हथकंडे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। लखबीर हत्याकांड की व्यापक जांच होनी चाहिए और सच सामने लाया जाना चाहिए।                          

विश्वप्रसिद्ध सिख प्रचारक रणजीत सिंह ढंडरियावाला का भी कहना है कि इस जघन्य हत्याकांड की त्वरित जांच होनी ही चाहिए। निहंग अभी तक एक भी सबूत सामने नहीं ला पाए हैं कि लखबीर सिंह किसी धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी कर रहा था।                                                   

सर्वोच्च सिख संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की प्रधान बीबी जागीर कौर ने भी लखबीर हत्याकांड को गहरी साजिश करार देते हुए जांच के लिए एसजीपीसी की तीन सदस्यीय टीम बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस वीभत्स घटना की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है। बीबी जागीर कौर ने कहा कि अहिंसक तरीके से चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम न किया जाए।                         

इस बीच लखबीर हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग संगठन के नेता बाबा अमन सिंह ने स्वीकार किया है कि वह भाजपा के मंत्रियों तथा आला नेताओं से मिलता रहा है। मीडिया से बातचीत में उसने कहा कि वह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई भाजपा नेताओं से मिला। उसने दावा किया कि भाजपा नेताओं ने उसे दस लाख रुपए नगद तथा घोड़ों की पेशकश करके सिंधु बॉर्डर से चले जाने को कहा था। बाबा अमन सिंह ने कहा कि वह तोमर से मिलने अकेला नहीं गया था बल्कि उसकी जत्थेबंदी के दस अन्य सदस्य भी साथ थे। उसके मुताबिक 27 अक्टूबर को दिल्ली में निहंगों की बैठक बुलाई गई है जिसमें फैसला होगा कि निहंग धरने वाली जगह पर टिके रहें या चले जाएं। मीडिया से निहंग नेता बाबा अमन सिंह ने साफ कहा कि निहंग बेअदबी मामलों में इंसाफ लेने के लिए धार्मिक जंग लड़ रहे हैं और धरने पर किसानों के लिए नहीं बैठे हैं!       

बहरहाल, पंजाब तथा देश-विदेश में शिद्दत के साथ सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर केंद्रीय मंत्रियों एवं भाजपा नेताओं और निहंगों के बीच बैठकों का असली मकसद क्या था? तय है कि आने वाले दिनों में लखबीर हत्याकांड और पूरी साजिश की बाबत नए खुलासे होंगे। दिन- प्रतिदिन यह मामला और ज्यादा गंभीर रुख अख्तियार कर रहा है। 

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)

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