Friday, March 29, 2024

पीएमसी बैंक घोटाले के पीड़ितों ने मुंबई में किया प्रदर्शन

मुंबई में बीते वर्ष हुए पीएमसी बैंक घोटाले के बाद लाखों लोग आज तक अपने पैसों के लिए मांग और प्रदर्शन कर रहे हैं। इस घोटाले के चलते अपनी मेहनत से कमाये पैसे न मिलने के कारण कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। पर कथित राष्ट्रीय मीडिया और बिहार में वोट के बदले मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की घोषणा करने वाली भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनको भूल गयी हैं। किन्तु लोग आज भी अपने पैसों के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं। 

दरअसल बीते साल सितम्बर महीने में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया को जब इस बैंक में 6500 करोड़ रुपए के एक घोटाले के बारे में पता चला तो आरबीआई ने 24 सितम्बर को बैंक के खाता धारकों को अपने खाते से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी। शुरू में पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को सिर्फ 1,000 रुपए की निकासी की इजाजत दी गई थी। हालांकि, इसे कई चरणों में बढ़ाकर अब 50,000 रुपए कर दिया गया था। किंतु कोरोना संकट को देखते भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के ग्राहकों को राहत दी है। आरबीआई ने पीएमसी बैंक के खाते से रुपए निकालने की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया है।

जहां पीएमसी बैंक घोटाले के एक साल बाद भी लाखों लोग अपने पैसों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं, आरबीआई ने पीएमसी बैंक पर जारी सभी पाबंदियों को 22 दिसंबर, 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है।

पीएमसी बैंक की सात राज्यों में 137 शाखाएं हैं। इसके ग्राहक आमतौर पर मध्यम और निम्न वर्ग के लोग हैं।

दरअसल, मोदी शासन काल में आज़ाद भारत ने बैंक घोटालों का ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। एसबीआई, पीएनबी जैसे बड़े बैंक इसके जीवंत उदाहरण हैं। इन बैंकों को लूटने वालों के साथ तो इस सत्ता का याराना बहुत गहरा है। नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और माल्या बैंक लूट कर सरकारी एजेंसियों के सामने से हवाईअड्डे से जहाज पकड़ कर देश से भाग गये। अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था माल्या को अदालत में पेश करने का किन्तु माल्या नहीं आया। अमित शाह का गृह मंत्रालय बेबस है!

भारत में एक हजार से अधिक सहकारी बैंक हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार इनके पास क़रीब पांच लाख करोड़ रुपये, यानी भारत के बैंकिंग क्षेत्र की संपत्ति का 11 फीसदी है।

इन बैंकों में लाखों वृद्धों का पेंशन आदि आता है, कुछ छोटे, मझले लोगों की जिन्दगी भर की कमाई इन बैंकों में जमा है। जिस तरह से पीएमसी में घोटाले के कारण लाखों परिवार संकट में आ गये एक झटके में यदि इसी तरह से आगे भी किसी और सहकारी बैंक में हुआ तो और ज्यादा परिवार बर्बाद हो जायेंगे। 

हालांकि पीएमसी में घोटाले के बाद सरकार ने में बैंकिंग विनियमन(रेग्युलेशन) संशोधन बिल 2020 पास किया है। इस बिल के बाद आरबीआई पूरी तरीके से कोऑपरेटिव बैंकों के लिए ज़िम्मेदार है।

कथित राष्ट्रीय मीडिया को तो केवल सुशांत सिंह राजपूत नामक अभिनेता की मौत का शोक है। उसे चिंता है मोदी जेब में बटुआ यानी पर्स रखते हैं या नहीं। इस गोदी मीडिया को पता है कि बिना बटुआ रखे देश कैसे लूटा जाता है उसमें मास्टरी की कला कुछ लोगों के डीएनए में होता है। 

(वरिष्ठ पत्रकार और कवि नित्यानंद गायेन की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles