राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा रूस के राष्ट्रपति पुतिन को हत्यारा कहे जाने के बाद अमेरिका और रूस के संबंधों में बेहद खटास आ गई।
हालांकि उनके प्रशासन द्वारा रूस के खिलाफ कई कदम उठाए जा रहे हैं, फिर भी डोनाल्ड ट्रंप में पुतिन के प्रति नरमी नजर आती थी और इसी कारण ट्रंप से अपनी भिन्नता दिखाने के चक्कर में बाइडन का व्यवहार डांवाडोल हो रहा है।
हालांकि बाइडन रूस के साथ निरस्त्रीकरण के किसी बड़े समझौते की पहल करने के लिए राजी हैं, फिर भी रूस के प्रति उनका व्यवहार गर्मजोशी का नही, और वे उसके कई कारनामों की बहुत आलोचना करते हैं।
रूस के प्रति कठोर रुख अपनाते हुए बाइडन ने कहा है कि अमेरिका के पुतिन की ओर पलटी खाने के दिन गए। ट्रंप ने पुतिन से सीधे टकराव की कोशिश की और कई बार उनकी प्रशंसा भी की। बाइडन ने अपनी इसी शैली को ट्रंप के विपरीत दिखाने की भरसक कोशिश की है।
17 मार्च को प्रसारित एक इंटरव्यू में, यह पूछे जाने पर कि क्या वह पुतिन को हत्यारा मानते हैं, बाइडन ने हामी भरी। बुधवार को अमेरिका के गुप्तचर विभाग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार पुतिन ने ट्रंप के चुनाव में फिर विजय होने के लिए कारगर दखल दिए जाने के लिए मंजूरी दी थी।
उसी दिन पुतिन ने अमेरिका से अपने राजदूत को बुला लिया, और 18 मार्च को उन्होंने अमेरिका में दास प्रथा, अमेरिकी के आदिवासियों की हत्याओं और रूस द्वारा दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर परमाणु बम से हमला करने जैसी बातों का जिक्र किया।
इसके जवाब में व्हाइट हाउस के सूत्रों ने बताया कि आपसी हितों के मामलों में बाइडन, पुतिन के साथ मिलकर काम करते रहेंगे। साथ ही इस बात पर भी बल दिया कि पुतिन की संदेहास्पद कारगुजारियां के मामले में वह कोई ढील नहीं बरतेंगे। रूस के द्वारा 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किए जाने की वर्षगांठ के अवसर पर बाइडन की वीडियो कॉल के दौरान की गई टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पुतिन ने कहा कि कोई भी किसी के व्यवहार से ही उसके बारे में समझ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके विरोधी के शब्द अमेरिका की निजी समस्याओं का संकेत देते हैं। साथ ही उन्होंने आपसी हितों के मामले में बाइडन से फोन पर बातचीत करने की भी पेशकश की।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि बाइडन को ईरान के परमाणु कार्यक्रम कार्यक्रम, बल्कि इससे बढ़कर परमाणु अप्रसार पर संयुक्त प्रयास करते रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बाइडन को पुतिन को हत्यारा कहने पर कोई अफसोस नहीं। पर यह पूछे जाने पर कि क्या क्या ऐसा कहने पर कुछ दिक्कतें नहीं होंगी, वे कुछ भी कहने से गुरेज कर गईं।
साकी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन, राष्ट्रपति पुतिन को काफी समय से जानते हैं। दोनों ही काफी समय से वैश्विक मंच पर मौजूद हैं और अमेरिका और रूस के बीच बार बार उठते मामलों पर दोनों ने काम किया है। और बाइडन मानते हैं कि वे दोनों भविष्य में भी इसी प्रकार काम करते रहेंगे पुतिन के कथन (कोई भी किसी के व्यवहार से उसके बारे में समझ सकता है) को साकी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बाइडन अमेरिका की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
उन्होंने कहा कि बाइडन मानते हैं कि अमेरिका की सर्वोत्तम खूबियों में एक यह भी है कि अमेरिकी आत्म निरीक्षण ईमानदारी से करते हैं और विकास के लिए सतत् प्रयत्नशील रहते हैं और हमेशा कुछ न कुछ करने को रहता ही है।
पुतिन ने अमेरिका दी जापान पर परमाणु बम से हमला करने, अमेरिका की दास प्रथा और वहां के मूल लोगों की हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका इन दुखती बातों का बोझ महसूस करता ही रहता है।
अमेरिका द्वारा नस्ली अत्याचार और अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिकों की हत्याओं का हवाला देते हुए पुतिन ने कहा कि ऐसे कारणों ने ही ब्लैक लाइव्स मैटर जैसे आंदोलन को जन्म दिया।
अमेरिका की राष्ट्रीय गुप्तचर एजेंसी के निदेशक के कार्यालय से ( पुतिन द्वारा नवंबर में पुनर्निर्वाचन में असफल रहे प्रयास में पुतिन द्वारा दखल देने की मंजूरी देने की सूचना) लीक होने के बाद ही दोनों के बीच सख्त बयानबाजी शुरू हुई। (हालांकि) क्रेमलिन ने इस रिपोर्ट को आधारहीन बताया है।
इस रिपोर्ट के लीक होने के बाद, पूछे जाने पर बाइडन ने कहा कि पुतिन इसकी कीमत चुकाएंगे।
बाइडन प्रशासन ने चेतावनी दी है कि चुनाव में दखल देने और सौर वायु के मामले में हेरा फेरी जैसी बातों के कारण रूस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
इन बढ़ते दबावों के कारण रूस और अमेरिका के संबंध वापिस उसी बिंदु पर आ गए हैं जहां वे राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासन काल के अंतिम दिनों में थे। वह बहुत सर्द दौर था, ट्रंप द्वारा पुतिन को लुभाने के प्रयासों के दौर से बिलकुल अलग।
यह पूछे जाने पर की बाइडन के बयानों पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है, पुतिन ने कहा कि मैं उन्हे कहूंगा, दुरुस्त हो जाइए। और मैं उनके स्वास्थ्य के लिए भी, बिना किसी तंज या मजाक के, उन्हे शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि जहां और जब तक बातें मॉस्को के हित में रहेंगी, रूस अमेरिका से सहयोग करता रहेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में बहुत से खरे और ईमानदार लोग रूस के साथ शांति बनाए रखना चाहते हैं।पुतिन ने कहा कि मुझे पता है कि अमेरिका और वहां के नेता सामान्य तौर पर हम से संबंध बनाए रखना चाहते हैं सिवाए उन मामलों के जिनमे अमेरिका के हित होते हैं और जिनमे शर्ते हों। लेकिन हमें अपने हितों की रक्षा करनी आती है और हम उनके साथ उन्ही मामलों में काम करेंगे जिनमें हमारा हित होगा और जो हमारे लाभ की शर्तों पर होंगे। और उन्हे इस का ध्यान रखना होगा। बाद में वीरवार को इस बारे में चर्चा करते हुए पुतिन ने कहा कि वे विदेश मंत्रालय को बाइडन के साथ अगले कुछ दिनों में मीटिंग तय करने के लिए कहेंगे, जिनमे कोरोना संक्रमण, क्षेत्रीय विवादों और अन्य विषयों पर चर्चा की जा सके।
उन्होंने कहा कि हमें अपने संबंध बनाए रखने चाहिए। पिछली बार बाइडन ने पहल की थी और अब मैं बाइडन को बातचीत चलते रखने का निमंत्रण देता हूं। यही हमारे दोनो देश के लोगों के हित में होगा और दूसरे देशों के हितों में भी। क्योंकि हमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए क्योंकि दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियां होने के कारण वैश्विक सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेवारी है।
यूक्रेन के क्रिमियन प्रायद्वीप पर कब्जा करने, चुनाव में गड़बड़ी करने, सौदों में हेरा-फेरी करने और हाल ही में रूस के विपक्ष के नेता एलेक्सी नेवालनी को जहर दिए जाने (जिसका इल्जाम उसने क्रेमलिन पर लगाया है) के बाद जेल में डालने जैसे मामलों के कारण रूस के अमेरिका और यूरोपियन संघ के साथ संबंध शीत युद्ध के बाद जैसी खराब स्थिति तक पहुंच गए हैं। रूस ने इन आरोपों का खण्डन किया है।
महावीर सरबर (हिंदी अनुवादक)
मूल लेख THE HINDU में प्रकाशित