ब्लैक फंगस पर जरूरत के मुताबिक गंभीर नहीं है सरकार: प्रियंका गांधी

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नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज ब्लैक फंगस के सिलसिले में पीएम मोदी से जरूरी अपील की है। उन्होंने फेसबुक पेज पर जारी अपनी जिम्मेदार कौन? श्रृंखला में कहा है कि  “महोदय, ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस गम्भीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला लाइपोसोमाल अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग इस दवा के लिए गुहार लगा रहे हैं। हाल ही में इंदौर की एक बच्ची का उसके पिता के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराने की गुहार वाला वीडियो देखकर सबको बहुत दुख हुआ। अभी दिल्ली में सेना के दो अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इस इंजेक्शन की कमी की खबर आई”।

उन्होंने कहा कि समय की माँग है कि इस सम्बंध में आप त्वरित निर्णय लें जिससे लोगों की जान बचाई जा सके। इस बीमारी को लेकर आपकी सरकार का रवैया इसकी गम्भीरता के अनुरूप नहीं रहा है। प्रियंका गांधी का कहना था कि मरीजों की संख्या के हिसाब से राज्यों को उपलब्ध कराए गए इंजेक्शन की संख्या बेहद कम है।

उन्होंने कहा कि “देश भर में 22 मई तक इस फंगल बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या 8848 बताई गई थी। इसके बाद 25 मई को मरीजों की संख्या बढ़कर 11,717 हो गई। सिर्फ तीन दिन में ही 2869 मरीज बढ़ गए। म्यूकोर माइकोसिस जैसी बीमारी जिसमें 50 फीसदी तक मृत्यु दर होती है। इसको लेकर लापरवाही नहीं की जा सकती”।

बीमारी की गंभीरता और उस पर आने वाले खर्च के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि “ब्लैक फंगस के इलाज में इंजेक्शन पर ही लाखों रुपयों का खर्च आ रहा है। यह इंजेक्शन अभी आयुष्मान योजना के तहत भी कवर नहीं हो रहा है। मेरा आपसे आग्रह है कि इस बीमारी के इलाज को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाए या इसके इंजेक्शन की आपूर्ति मरीजों को निशुल्क कराई जाए”।

उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या कारण है कि 25 मई के बाद से केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या नहीं बताई है। जबकि केंद्र सरकार राज्यों को कितने इंजेक्शन भेज रही है इसकी सूचना लगातार सार्वजनिक कर रही है। जब कोरोना मरीजों की संख्या बताई जा रही है तो ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या क्यों नहीं बताई जा रही है?

अपील के आखिर में उन्होंने कहा कि जानकारी से जागरूकता फैलती है और लोग सचेत हो जाते हैं। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या की जानकारी लोगों को हर रोज उपलब्ध कराई जाए। सरकार मरीजों की बढ़ती संख्या के आधार पर इस इंजेक्शन का उत्पादन और उपलब्धता बढ़ाये ताकि इस गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भटकना न पड़े।

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