Saturday, April 20, 2024

प्रवासी मज़दूरों की पीड़ा देख राहुल गांधी सड़क पर उतरे, राजधानी में कई जगहों पर मज़दूरों से की मुलाकात

नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सड़क पर आ गए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी एक फ़ोटो सामने आयी है जिसमें उन्हें कुछ मज़दूरों के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है। माना जा रहा है कि जिस तरह के हालात बन गए हैं और उसमें सरकार कहीं कुछ करती नहीं दिख रही है। उसमें विपक्ष की ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है। ऐसे मौक़े पर वह मौन नहीं रह सकता है। आज राहुल गांधी ने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और जिसमें उन्होंने सरकार से ज़रूरतमंदों की जेब में सीधे पैसे भेजने की माँग की। इसके साथ ही एक दूसरी घटना घटी जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र लिखकर योगी आदित्यनाथ से यूपी में 1000 बसें चलाने की अनुमति माँगी।

 ये दोनों घटनाएँ यह बताने के लिए काफ़ी हैं कि कांग्रेस प्रवासी मज़दूरों के मामले पर बेहद गंभीर है। और आज उसी का नतीजा है कि राहुल गांधी राजधानी दिल्ली की सड़कों पर निकल आए। बताया जा रहा है कि दिल्ली में उन्होंने कई जगहों पर मज़दूरों से मिलकर उनसे बात चीत की है और उनका हाल चाल जाना। इस सिलसिले में कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर से ट्वीट भी किया गया है।

अभी इसमें ताजी खबर यह आ रही है कि जिन मजदूरों से राहुल गांधी ने मुलाकात की है उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया है। हिमांशु कुमार के फेसबुक वाल से यह ताजा जानकारी मिली है।

राहुल गांधी की मजदूरों से यह मुलाकात दिल्ली के सुखदेव विहार वाले इलाके में हुई है। एएनआई ने बताया कि मजदूरों से मुलाकात के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता वहां पहुंचे और गाड़ियों में बैठाकर उन्हें उनके गंतव्यों की ओर भेज दिया गया। बताया जाता है कि इसमें एक मजदूर मोनू था जो हरियाणा से आया था और उसे झांसी जाना था।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।