(ऐसे मौक़े पर जब देश ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना जैसी महा आपदा से जूझ रही है तब मानवता के सारे मूल्यों और मौजूदा दौर की ज़रूरतों को दरकिनार कर दिल्ली पुलिस बदले की कार्रवाई में जुट गयी है। वह न केवल सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ आंदोलन में सक्रिय लोगों की गिरफ़्तारियाँ कर रही है बल्कि उन्हें हर तरीक़े से प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है।
इसी कड़ी में उसने आंदोलन की ज्वाइंट कमेटी की मीडिया संयोजिका सफूरा जरगर को भी गिरफ्तार किया है। उनके बारे में बताया जा रहा है कि वह गर्भवती हैं। महिला और गर्भवती होने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी बताती है कि पुलिस किस कदर जनविरोधी और क्रूर हो गयी है। इस पूरे मसले पर तमाम शख़्सियतों और संगठनों ने एक संयुक्त अपील जारी की है। जिसे यहाँ पूरा दिया जा रहा है-संपादक)
हम नीचे हस्ताक्षरित लोग, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास करने वाले सभी देशवासियों का ध्यान एक महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ आंदोलन से आप सभी परिचित हैं। यह एक ऐतिहासिक आंदोलन था जिसके माध्यम से जामिया के छात्र और समुदाय की महिलाएं अपने संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रयत्नशील थे। इस आंदोलन का राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत महत्व और प्रभाव था।
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण इस आंदोलन के शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो जाने के बाद दिल्ली पुलिस उन लोगों के प्रति बदले की कार्रवाई कर रही है जो इस आंदोलन में सक्रिय थे। इस क्रम में नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ आन्दोलन के लिए गठित ज्वाइंट कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की मीडिया संयोजिका श्रीमती सफूरा ज़रगर और सक्रिय सदस्य मीरान हैदर को दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा कराने तथा अन्य बे बुनियाद आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया है।
इस संदर्भ में अत्यंत चिंताजनक तथ्य यह है कि श्रीमती सफूरा ज़रगर गर्भ से हैं और इस अवस्था में उन्हें देख-रेख तथा मेडिकल एड की बड़ी आवश्यकता है। कोरोना वायरस महामारी के चलते की गई ताला बंदी के दौरान इस प्रकार की कार्रवाई द्वारा इनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। हम इस संदर्भ में अपना कड़ा विरोध दर्ज कराते हैं और मांग करते हैं कि गिरफ्तार किए गए श्रीमती सफूरा ज़रगर और मीरान हैदर को संवैधानिक अधिकार दिए जाएं और उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
1. प्रेसिडेंट, फेडरेशन ऑफ़ सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (FEDCUTA)
2. प्रेसिडेंट, जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (JNUTA)
3. सेक्रेटरी, जामिया टीचर्स एसोसिएशन (JTA)
4. जामिया टीचर्स सॉलिडेरिटी एसोसिएशन (JTSA)
5. प्रोफ. नंदिता नारायन, दिल्ली यूनिवर्सिटी, फोरमर प्रेसिडेंट डीयूटीए (DUTA) एंड फेडरेशन ऑफ़ सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (FEDCUTA)
6. प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन
7. प्रेसिडेंट/ सेक्रेटरी, आल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन (AIDWA)
8. एनी राजा, जनरल सेक्रेटरी, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वीमेन (NFIW)
9. रुश्दा सिद्दीकी, वर्किंग प्रेसिडेंट, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वीमेन (NFIW), दिल्ली यूनिट
10. जस्टिस सीकर्स ग्रुप
11. पूनम कौशिक, जनरल सेक्रेटरी, प्रगतिशील महिला संगठन, दिल्ली
12. जनरल सेक्रेटरी, इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन (IPTA)
13. सफ़दर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट (SAHMAT)
14. जन नाट्य मंच (JANAM)
15. सेक्रेटरी, निशांत नाट्य मंच
16. जनरल सेक्रेटरी, आल इंडिया प्रोग्रेसिव रायटर्स एसोसिएशन (AIPWA)
17. जनरल सेक्रेटरी, जनवादी लेखक संघ (JLES)
18. जनरल सेक्रेटरी, जन संस्कृति मंच (JSM)
19. जनरल सेक्रेटरी, केंद्री पंजाबी लेखक सभा (Regd)
20. प्रेसिडेंट, पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL), दिल्ली
21. प्रेसिडेंट, एसोसिएशन फॉर राइट्स, पंजाब
22. प्रेसिडेंट, पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL), राजस्थान
23. सिटिज़न्स अगेंस्ट हेट
24. नोट इन माई नेम
25. कारवां-ए-मोहब्बत
26. अनहद (ANHAD)
27. डॉ. विकास बाजपाई, प्रोग्रेसिव मेडिकोस एंड साइंटिस्ट्स फोरम (PMSF)
28. डॉ. सोमा के पी, रिसर्चर एवं पालिसी एनालिस्ट
29. उमा चक्रवर्ती, फेमिनिस्ट हिस्टोरियन
30. पामेला फिलिपोस, जरनलिस्ट, नई दिल्ली
31. डॉ. अंजलि मेहता, ओप्थाल्मोलोजिस्ट, नई दिल्ली
32. शम्भू घटक, इंडिपेंडेंट रिसर्चर
33. डॉ. श्वेता आनंद, रिसर्चर
34. पद्मिनी कुमार, एक्टीविस्ट, नॉएडा
35. शेरना दस्तूर, इंडिपेंडेंट एक्टीविस्ट
36. वाईस प्रेसिडेंट, इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स
37. जनरल सेक्रेटरी, आल इंडिया यूनियन ऑफ़ फोरेस्ट वर्किंग पीपल
38. कल्याणी मेनन, फेमिनिस्ट लर्निंग पार्टनरशिप
39. डॉ. एन इंदिरा रानी, रिसर्चर एंड एक्टिविस्ट, हैदराबाद
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