Wednesday, March 29, 2023

भोपाल गैस कांड पीड़ितों को SC का अतिरिक्त मुआवज़े से इनकार, केंद्र से कहा-RBI के पास पड़े 50 करोड़ से दिया जाए मुआवज़ा

Janchowk
Follow us:

ज़रूर पढ़े

भोपाल गैस कांड में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 में घटित भोपाल गैस कांड में पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवज़े की मांग वाली केंद्र सरकार की साल 2010 की अर्जी खारिज कर दी है।

केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में अतिरिक्त मुआवज़े के लिए यूसीसी की उत्तराधिकारी कंपनियों से 7844 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवज़े का निर्दश देने की गुहार लगाई थी। इसके साथ ही कोर्ट को दिए गए एक अपने वादे के मुताबिक पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी तैयार नहीं करने के लिए केंद्र की खिंचाई की है।

दरअसल केंद्र की ओर से 2010 में ऐसी क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की गई थी, जिसमें 1984 में हुई त्रासदी के लिए 7400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवज़े की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि ये याचिका कानून के सामने नहीं ठहरती और इस मामले के तथ्यों में भी दम नहीं है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि समझौते के दो दशकों बाद केंद्र की ओर से इस मुद्दे को उठाने का कोई औचित्य नहीं है।

सर्वोच्च न्यायालय ने य़े भी कहा कि सरकार की ओर से किए गए वादों को पूरा करने के लिए आरबीआई के पास पड़ी 50 करोड़ की राशि का इस्तेमाल किया जाए। बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना, अभय एस ओका, विक्रम नाथ और जेके महेश्वर की बेंच ने 12 जनवरी को ही इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की आधी रात को यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली मिथाइल गैस के रिसाव के बाद एक भयंकर त्रासदी हुई थी। 1989 में कंपनी ने 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर का मुआवजा दिया था।

मध्य प्रदेश सरकार के डेटा के मुताबिक, इस कांड से 5,74,376 लोग प्रभावित हुए थे और 3,787 लोग मौत के मुंह में सो गए थे। 2006 में दाखिल एक हलफनामे में सरकार ने यह माना कि गैस रिसाव से करीब 558,125 लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए और आंशिक तौर पर प्रभावित होने की तादाद लगभग 38,478 थी। वहीं 3,900 लोग तो बुरी तरह प्रभावित हुए और विकलांगता के शिकार हो गए।

इस इलाके में आज भी लोग उस त्रासदी का असर झेलने को मजबूर हैं। उनके बच्चे तक भी किसी ना किसी शारीरिक समस्या का सामना कर रहे हैं। यहां के ज्यादातर लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है और काफी बच्चे दिव्यांग पैदा होते हैं।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों का कोल्हान आदिवासियों के खिलाफ बर्बर युद्ध अभियान

रांची। झारखंड का कोल्हान वन क्षेत्र में इन दिनों युद्ध सा माहौल बना हुआ है। खासकर 1 दिसम्बर 2022...

सम्बंधित ख़बरें