केरल में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राज्य सचिव के. एस. शान की हत्याकांड का खुलासा करते हुए केरल पुलिस ने कहा है कि RSS कार्यकर्ता नंदू कृष्ण की हत्या का बदला लेने के लिए के एस शान की हत्या हुई थी।
27 दिसंबर रविवार को मामले का खुलासा करते हुए केरल पुलिस ने कहा कि 18 दिसंबर 2021 को अलाप्पुझा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता नंदू कृष्ण की हत्या का बदला लेने के लिए के. एस. शान की हत्या हुई थी।
केरल पुलिस ने अलाप्पुझा की एक स्थानीय अदालत में रिमांड रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि एसडीपीआई नेता एस शान की हत्या एक साजिश थी। यह इस साल फरवरी में हुई RSS कार्यकर्ता नंदू कृष्ण की हत्या के विरोध में हुई थी। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने के. एस. शान की हत्या में शामिल लोगों को छिपने में मदद की।
केरल पुलिस ने एसडीपीआई नेता के. एस. शान की हत्या करने वाले पांच सदस्यीय गिरोह सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग आरएसएस से जुड़े हैं। बता दें कि एसडीपीआई के राज्य सचिव के एस शान की हत्या के बाद, अलाप्पुझा में भारतीय जनता पार्टी अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवास की भी हत्या कर दी गई।
पेशे से वकील व भाजपा नेता 40 वर्षीय रंजीत रविवार की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए तैयार हो रहे थे कि तभी कुछ लोगों के एक समूह ने उनके घर में घुसकर गला रेतकर उनकी हत्या कर दी थी। आरोप के मुताबिक एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं ने अपने राज्य सचिव एस शान की हत्या के प्रतिशोध में रंजीत श्रीनिवास हत्या की। रंजीत श्रीनिवास साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अलाप्पुझा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी रहे थे।
वहीं भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते रविवार को राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान से मिलकर आरोप लगाया कि पुलिस भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ खुलेआम भेदभाव कर रही है। प्रतिनिधिमंडल द्वारा कहा गया कि पिनाराई विजयन शासन के दौरान विरोधियों द्वारा 22 भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी, हालांकि, हत्याओं के पीछे की साजिश का पता नहीं चला था।गौरतलब है कि जिन प्रदेशों में भाजपा अभी सत्ता की संभावना से कोसो दूर है वहां आरएसएस हत्याओं का एक सिरीज बनाती आई है। पश्चिम बंगाल का नज़ीर सामने हैं अब आरएसएस की फेहरिस्त में केरल भी जुड़ गया है।