Saturday, September 30, 2023

झारखंड के चिरकुंडा में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से 70 मजदूर फंसे

रांची। झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत चिरकुंडा के डुमरीजोड़ में अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से करीब 70 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। खदान में फंसे सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के बताये जा रहे हैं। इस हादसे के बाद दो पोकलेन मशीन खदान में फंसे लोगों को निकालने में जुट गयी है। बता दें कि यह हादसा बीसीसीएल की बंद खदान में हुआ है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि 21 अप्रैल को सुबह करीब 8.30 बजे डुमरीजोड़ के पास सड़क धंस गयी। इसके कुछ देर बाद खदान धंसी। खदान के धंसते ही अवैध उत्खनन में लगे लोग इसमें फंस गये।

स्थानीय लोगों के अनुसार 21 अप्रैल की सुबह करीब तीन ऑटो में सवार होकर लोग अवैध कोयला उत्खनन के लिए आये थे। कोयला उत्खनन कर ही रहे थे कि सबसे पहले पास की सड़क धंस गयी और फिर कुछ देर बाद खदान भी धंसने लगी। खदान धंसने की जानकारी मिलते ही अवैध उत्खनन में लगे लोग भागने लगे। इसमें कुछ लोग तो खदान से बाहर निकल पाये जबकि करीब 70 से अधिक लोगों के खदान में फंसे होने की आशंका जतायी जा रही है।

खदान धंसने की जानकारी मिलते ही लोग इस ओर दौड़ पड़े। इसी बीच दो पोकलेन मशीन लाकर उसे राहत और बचाव कार्य में लगा दिया गया है। बताया गया कि इस क्षेत्र से हर दिन करीब 150 टन अवैध कोयले का उत्खनन होता है। इसके बावजूद इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

बता दें कि अवैध उत्खनन के कारण लगभग 50 से 100 मीटर गहरा भू-धंसान हुआ है।

कुछ महीने पहले भी निरसा के गोपीनाथपुर में चाल धंसने से दर्जनों लोगों की मौत हुई थी। घटना पर धनबाद जिला प्रशासन से लेकर झारखंड सरकार तक की खूब किरकिरी हुई थी लेकिन, प्रशासन इससे भी सबक नहीं ले पाया और आज फिर यह बड़ी घटना घट गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस अवैध उत्खनन के बारे में जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार को अवगत कराया गया था। फिर भी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई और रात-दिन अवैध कोयला व्यापारी धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर कोयला निकाल रहे थे जिसके कारण आज फिर यह बड़ी घटना घटी है। वहीं पूरे मामले में धनबाद के डीसी ने कहा है कि इस तरह की बातें सुनने को मिली हैं।

इसीएल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को कन्फर्म करने के लिए कहा गया है कि पता करके बताएं कि उसमें कितने लोग उत्खनन करने गए थे। पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने बताया कि वह खुद घटनास्थल पर गए थे। वहां ग्रामीणों की भीड़ है। प्रशासन के लोग मुआयना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के सभी मजदूर थे जो उत्खनन में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि अवैध उगाही के लिए लोगों की जिंदगी दांव पर डाली जा रही है। जिला प्रशासन से उन्होंने सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।

इस संबंध में धनबाद के डीसी ने कहा है कि भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के 1975 से अस्थायी रूप से बंद खनन पट्टा क्षेत्र के पास सुबह करीब साढ़े आठ बजे 60 फुट कच्ची सड़क धंस गयी। हालांकि, डीसी ने यहां किसी के फंसे होने की पुष्टि नहीं की है।

घटना के बाद लोगों में रोष व्याप्त है। ग्रामीण एवं स्थानीय लोग तस्करों की पहचान कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मामले में बीसीसीएल सीवी एरिया के महाप्रबंधक एके दत्ता का कहना है कि भू-धंसान की सूचना प्रशासन से मिली है। उसमें ओबी डालने के लिए मशीन की मांग की गई है, जिसे जल्द उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि उक्त जगह पर एक सप्ताह पहले ही भराई की गई थी। इस पर नजर रखना स्थानीय प्रशासन का काम था। फिलहाल प्रशासन उक्त जगह को मलबा डालकर ढंकने की तैयारी में है।

धंसान के कारण आस-पास के लोग काफी भयभीत हैं। हादसे के बाद लोग अपनों की खोज-खबर लेने में जुटे हैं। हर कोई यही जानने का प्रयास कर रहा है कि जमीन के नीचे कहीं उसका कोई अपना तो नहीं दबा है।

बताया जाता है कि यहां आधा दर्जन लोग अवैध खनन कर कोयला निकासी का काम करते थे। खुफिया विभाग ने भी इन लोगों के नाम के साथ अवैध खनन की सूचना जिला प्रशासन को भी दी थी, लेकिन अब तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण उन लोगों का मनोबल काफी बढ़ता गया और अवैध खनन जारी रहा। इसके कारण यह घटना घटी। मालूम हो कि डुमरीजोड़ के नीचे पुरानी चांच कोलियरी माइंस से कोयला खनन किया गया है। इस वजह से ऊपरी सतह पर ही कोयला होने के कारण लगातार अवैध कारोबारियों द्वारा अवैध तरीके से कोयला खनन कर बेचा जा रहा है।

भू धंसान का दायरा 50 मीटर के क्षेत्र में है। बताया जाता है कि चिरकुंडा थाना अंतर्गत चांच पंचायत के डुमरीजोड़-चांच लाइन पार में अचानक रेल लाइन का रास्ता तेज आवाज के साथ धंस गया। डुमरीजोड़ में लंबे समय से अवैध खनन चल रहा था। इसकी डोजरिंग बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा कराई गई थी, लेकिन तस्करों की ओर से लगातार खनन जारी था। इधर, 21 अप्रैल की सुबह 8 बजे जोरदार आवाज के साथ जमीन धंस गई।

हाई टेंशन तार समेत बिजली का पोल भी इसकी चपेट में आ गया। इसके कारण नूतनग्राम, चांच, पतलाबाड़ी, बूट बाड़ी में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। वहीं सड़क धंसने से डुमरीजोड़, बाबू डंगाल, लाइन पार, बूट बाड़ी के लोगों के समक्ष नई समस्‍या उत्‍पन्‍न हो गई है। जानकारी हो कि नूतनग्राम से चांच पोटरी जाने वाली सड़क डुमरीजोड़ के पास एक वर्ष पूर्व भी धंस गई थी। उस वक्त ही कयास लगाया जा रहा था कि यह पूरा इलाका धंसान क्षेत्र बन गया है।

बता दें कि अवैध खनन में पहले भी लोग अपनी जान गंवाते रहे हैं। अभी एक महीना पहले ही दहीबाड़ी और सी पैच में अवैध खनन के दौरान जमीन धंसने से दर्जनों लोगों की जान चली गई थी। जिला प्रशासन ने भी उस समय पांच मौतों की पुष्टि की थी। हादसे के बाद मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले की जांच और अवैध खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन उक्त घटना से उनके निर्देश की पूरी हकीकत सामने आ गई है।

इसी कुएं के रास्तेअवैध उत्खनन के लिए मजदूर खदान के भीतर जाते हैं

देर से मिली खबर के अनुसार मौके पर एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी डटे हैं। वहीं उपायुक्त संदीप सिंह भी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। इधर, भू-धंसान में कई लोगों के दबे होने की आशंका पर बीसीसीएल ने रेस्क्यू के लिए टीम बुला ली है। घटनास्थल पर जेसीबी से मिट्टी को हटाने का काम चल रहा है। मौके पर निरसा के एसडीपीओ पीतांबर सिंह खैरवार, एग्यारकुंड की सीओ अमृता कुमारी, निरसा थाना प्रभारी दिलीप कुमार यादव, चिरकुंडा थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार, पंचेत ओपी प्रभारी कुलदीप रौशन बारी, पूर्व विधायक अरूप चटर्जी आदि भी मौजूद हैं।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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