Friday, March 29, 2024

SFI, DYFI ने कर्मचारी चयन आयोग से कहा- युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना बंद करे

कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संयुक्त स्नातक स्तर पर परीक्षाओं व अन्य परीक्षाओं में अनियमिताओं के संबंध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) व भारत की जनवादी नौजवान सभा (DYFI) ने ज्ञापन भेजकर कर्मचारी चयन आयोग से आग्रह किया है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करे। 

मेमोरेंडम में आवेदनकर्ता उम्मीदवारों की व्यथा का ज़िक्र करते हुए SFI, DYFI ने कहा है कि कर्मचारी चयन आयोग की संयुक्त स्नातक स्तर पर परीक्षा व अन्य परीक्षाओं में अनियमिताएं सामने आई हैं। छात्र विश्वविद्यालयों से डिग्री हासिल करते हैं और उसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उच्च शुल्क दे कर प्रशिक्षण लेते हैं। परीक्षा देते हैं और उत्तीर्ण होते हैं लेकिन इसके बाद भी छात्रों को समय पर विभिन्न पदों पर नियुक्त नहीं किया जाता। लगभग तीन वर्ष पूर्व भी छात्रों ने बड़ी संख्या में कर्मचारी चयन आयोग को अनियमितताओं से अवगत कराया था और हाल ही में जारी किए गए परीक्षा परिणाम से उसी प्रकार की अनियमितताओं का शिकार हो रहे हैं। कर्मचारी चयन आयोग ने अभी तक अपने कार्य करने के स्तर में कोई प्रगति नहीं दिखाई है और इस दिशा में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। 

छात्रों की समस्याओं पर आंख बंद किये बैठे कर्मचारी चयन आयोग का ध्यान छात्रों की समस्याओं से कराने के उद्देश्य से SFI, DYFI ने मेमोरेंडम में लिखा है कि – ” यदि आप छात्रों की समस्याओं से अवगत नहीं हैं तो हम क्रमवार आपको सूचित करते हैं-

1. समय पर परीक्षाओं का आयोजन किया जाए व परीक्षा परिणाम लंबित न रखे जाएं।

2. विभिन्न पदों पर तय समय पर नियुक्तियां की जाएं।

3. परीक्षा परिणामों को जारी करने में पारदर्शिता बरती जाए।

4. केवल कट ऑफ नहीं बल्कि 18 नवंबर, 2019 हो हुई संयुक स्नातक स्तर परीक्षा के अंक सार्वजनिक किए जाएं।

5. 18 नवंबर, 2019 हो हुई संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा को पुनः कराया जाए।

6. चयनित आवेदनकर्ताओं के अतिरिक्त एक प्रतीक्षा सूची भी जारी की जाए।

7. 2017 में चयनित संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को शीघ्र अति शीघ्र नियुक्ति पत्र दिया जाए।

8. आयु संगणना (Age Reckoning) के कर्मचारी चयन आयोग के वार्षिक कैलेंडर के हिसाब से किया जाए जो गत वर्ष जनवरी से किया गया उसे 1 अगस्त से किया जाए। 

9. कर्मचारी चयन आयोग सामान्य सेवा 2018 (SSC GD 2018) में चयनित उम्मीदवारों को शीघ्र अति शीघ्र नियुक्ति दी जाए।

10. बकाया पदों (Backlogs) को सम्मलित कर कुल नियुक्ति पदों की संख्या बढ़ाई जाए और संविधान प्रदत्त आरक्षण नीति अनुसार नियुक्ति की जाए।

11. सामान्यकरण या मानकीकरण (Normalisation) की प्रक्रिया या युक्ति आवेदनकर्ता या उम्मीदवारों की समझ से परे है। किस प्रकार अंक कम या अधिक हो जाते हैं? इसको निरस्त करें।

बता दें कि कर्मचारी चयन आयोग देश में विभिन्न सरकारी पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति करता है। जो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सरकार के अधीनस्थ कार्यालयों में विभिन्न पदों के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति करता है। लेकिन बड़ी संख्या में रोजगार के पद खाली पड़े है। 

कर्मचारी चयन आयोग को भेजे मेमोरेंडम में SFI, DYFI  ने आगे कहा है कि बढ़ती बेरोजगारी के कारण बड़ी संख्या में देश के युवक मानसिक तनाव से जूझ रहे है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी के कारण प्रति एक घंटे में एक युवक-युवती बेरोजगारी, गरीबी के कारण आत्महत्या कर लेते हैं। भारत में जहां बड़ी संख्या में सरकारी पद रिक्त पड़े हैं वहीं उन पदों पर योग्य उम्मीदवार परीक्षा देकर और अन्य मानकों पर खरे उतरे उम्मीदवारों को क्यों नहीं नियुक्त किया जा रहा है? 

भारत युवाओं का देश है और जिन युवाओं को अपना समय व योग्यता देश हित व जनहित में लगाना चाहिए था, उनके कार्य करने के सर्वश्रेष्ठ समय को सरकार और कर्मचारी चयन आयोग जैसी संस्थाएं बर्बाद कर रही है। जहां प्रत्येक वर्ष नई नियुक्तियां होनी चाहिए वहीं कई वर्षों तक युवकों के समय को अनावश्यक तौर पर खराब किया जाता है। केंद्र की भाजपा सरकार स्वयं स्वीकार कर चुकी है कि देश में बड़ी संख्या में विभिन्न सरकारी पद रिक्त हैं। अगर हम एक तथ्य कर प्रकाश डालें तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गत वर्ष जानकारी दी थी कि करीब एक लाख से अधिक रिक्तियां सुरक्षा बलों की हैं जबकि 2018 में उत्तीर्ण हजारों उम्मीदवारों को अभी तक नियुक्त नहीं किया गया है।

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया व भारत की जनवादी नौजवान सभा ने आखिर में कहा है कि कर्मचारी चयन आयोग के समक्ष हम देश के युवाओं की तरफ से आग्रह करते हैं कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करे। उपरोक्त बिंदुओं के माध्यम से कर्मचारी चयन आयोग से मांग है कि उचित कार्यवाही कर लंबित रिक्तियों पर तुरंत नियुक्तियां करें एवं पारदर्शिता के साथ कर्मचारी चयन आयोग के कैलेंडर के अनुसार समय पर परीक्षाओं को आयोजित कर शीघ्र अति शीघ्र युवक युवतियों की नियुक्ति करे।

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