सोशल मीडिया की चर्चित शख्सियत गिरीश मालवीय समेत नौ लोगों को पहला क्रांतिकारी शिव वर्मा पुरस्कार

कल 15 अगस्त को प्रथम पीपुल्स मिशन क्रांतिकारी शिव वर्मा पुरस्कार 2020 की घोषणा की गई । पुरस्कार निर्णायक समिति ने पत्रकारिता की विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार के लिए नामों का चुनाव किया।

फोटोजर्नलिज्म श्रेणी में असम की  फोटोग्राफर : श्रीमती अंजुमन आरा बेगम को उनके ‘मां व बच्चे ने पहना पेड़ के पत्तों का मास्क’ फोटो के लिए चयनित किया गया है। कॉर्टून श्रेणी में दो कार्टूनिस्टों को संयुक्त रूप से चुना गया है। 

‘एपिडेमिक – इंफोमेडिक’ के लिए कार्टूनिस्ट गोकुल वरदाराजन ( सोशल मीडिया एवं मीडिया दरबार में प्रकाशित) और ‘पीएम केयर फंड’ पर कार्टून के लिए कार्टूनिस्ट राम बाबू मार्फत सत्यम वर्मा (निर्णायक समिति सदस्य) मज़दूर बिगुल एवं सोशल मीडिया में प्रकाशित को चयनित किया गया है।

ग्राफिक्स श्रेणी में ‘भगवान राम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को स्कूल ले जाते हुए’ को चयनित किया गया है हालांकि इसके कलाकार का नाम अभी अज्ञात है। ये ग्राफिक सांसद शशि थरूर के एक ट्वीट के साथ लगा था जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। (नोट: यह ग्राफिक इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा के उस ट्वीट के प्रतिक्रिया स्वरूप था जिसके साथ ग्राफिक में भगवान राम को मोदी मंदिर ले जाते दिख रहे हैं। 

सोशल मीडिया पत्रकारिता श्रेणी में पुरस्कार के लिए भी दो लोगों को संयुक्त रूप से चुना गया है। इंदौर के गिरीश मालवीय को कोविड 19 पर और खास तौर से माइक्रोसॉफ़्ट मालिक बिल गेट्स व विश्व स्वास्थ्य संगठन के कथित गठजोड़ पर तथा बादल सरोज (अखिल भारतीय किसान सभा, मध्य प्रदेश) सोशल मीडिया पोस्ट ‘दुनिया डरती है कोरोना से और कोरोना डरता है साबुन से’ पर के लिए। 

प्रिंट मीडिया पत्रकारिता श्रेणी में भी दो लोगों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया है। सुजाता आनंदन (नेशनल हेराल्ड) एंटी -मलेरियल वैक्सीन निर्माता सिप्ला ड्रग्स एंड फार्मा कंपनी पर रिपोर्ट के लिए तथा उसी रिपोर्ट के अज्ञात अनुवादक को उक्त रिपोर्ट का सोशल मीडिया पर हिंदी अनुवाद के लिए।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकारिता श्रेणी में यूट्यूबर – सैयद यावर हसन https://youtu.be/MUVXrfhxmso) को चयनित किया गया है। आषी टंडन (उम्र 8 साल) कानपुर मार्फत अनीता मिश्रा नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ मीडिया कैंपेन के समर्थन में फैज़ अहमद फैज़ की नज़्म ‘हम देखेंगे’ पर भरतनाट्यम् नृत्य के लिए 

कौन हैं शिव वर्मा

कॉमरेड शिव वर्मा (1904-1997) शहीद भगत सिंह से जुड़े हुए थे। ब्रिटिश शासकों ने उन्हें लाहौर षड्यंत्र-2 के लिए काला पानी की सज़ा दी थी और अंडमान निकोबार द्वीप के सेलुलर जेल में डाल दिए गए थे। वो भारत के आखिरी क्रांतिकारी थे।

आजादी की लड़ाई में काला पानी की सजा काटते हुए बिना माफी मांगे और अंग्रेजों की क्रूर यातना के आगे झुके बगैर उस जेल से जिंदा बाहर आए।

जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इकलौते ‘पोस्टर ब्वॉय’ जिसे वो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कहते हैं, विनायक सावरकर को भी काला पानी की सजा दी गयी थी। लेकिन ‘वीर’ ने उस जेल से बाहर आने के लिए अंग्रेजों से छह बार लिखित माफी मांगी थी।

पीपुल्स मिशन कंपनी

पीपुल्स मिशन, कंपनी अधिनियम (1956) के तहत गठित एक विशेष कंपनी, जिसे 2016 में ‘नॉट फॉर प्रॉफिट’ के उद्देश्यों के साथ संशोधित किया गया। इसमें रांची के कुछ साहित्यकारों, लेखकों, पत्रकारों, अर्थशास्त्रियों, कृषि विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों, ट्रेड यूनियन नेताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों को शामिल किया जा रहा है।

उपेन्द्र प्रसाद सिंह, भाषा प्रकाशन, रांची ’के मार्क्सवादी व्यवसायी इसके निदेशक मंडल (बीओडी) के अध्यक्ष हैं और अनुभवी पत्रकार-लेखक-संघ और धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ता चंद्र प्रकाश झा, प्रबंध निदेशक हैं। दोनों जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से हैं। जेएनयू के पूर्व छात्र हैं।

पीपुल्स मिशन का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MoA) आंशिक रूप से सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट पर आधारित है। UNI के कुछ पूर्व वरिष्ठ पत्रकार कर्मचारी पीपुल्स मिशन के प्रस्तावित निदेशक मंडल में हैं।

निर्णायक मंडल (जूरी) 

पुरस्कार निर्णयों के लिए गठित जूरी का नेतृत्व अनुभवी पत्रकार, लेखक और विचारक रामशरण जोशी ने किया है, जो ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (मध्य प्रदेश) के पूर्व प्रो-वाइस चांसलर भी हैं।

ज्यूरी में मीडिया ऑर्गनाइजर्स और वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। इनमें ‘मीडिया दरबार’ न्यूज पोर्टल के संपादक, सुरेंद्र ग्रोवर; मीडिया विजिल हिंदी न्यूज पोर्टल के संपादक, डॉ. पंकज श्रीवास्तव; जनचौक हिंदी न्यूज पोर्टल के संपादक, महेंद्र मिश्रा शोध पत्रिका शामिल हैं। रिसर्च जर्नल ‘जन मीडिया’ के संपादक और प्रशंसित धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ता, अनिल चमड़िया; सत्य हिंदी डॉट कॉम के संपादक, शीतल पी सिंह; शहरनामा डॉट कॉम (लखनऊ) के संपादक, सैयद हुसैन अफसर; मजदूर बिगुल अखबार के संपादक, सत्यम वर्मा शामिल थे।

सोशल मीडिया विशेषज्ञ और एक सौ से अधिक पुस्तकों के विपुल लेखक प्रो. जगदीश्वर प्रसाद चतुर्वेदी, जनज्वार ’समाचार पोर्टल के संपादक पीयूष पंत और स्तरीय पत्रकार और सांची प्रकाशन के प्रतिनिधि विनोद विप्लव- (दिल्ली, लखनऊ, मुंबई) के प्रतिनिधि।

सुरेंद्र ग्रोवर ने जूरी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर तकनीकी तरीकों से जूरी अध्यक्ष की सहायता की। जबकि पीपुल्स मीडिया के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश झा ने प्रशासनिक तरीके से पुरस्कार जूरी अध्यक्ष की सहायता प्रदान की।

कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा लागू किए गए लॉक डाउन खत्म होने पर पुरस्कार भेंट सत्र नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

पुरस्कार

शहीद भगत सिंह की कांस्य प्रतिमा, पारंपरिक शॉल, कलम और 10 हजार रुपये की टोकन राशि हर पुरस्कार विजेता को भेंट स्वरूप दी जाएगी।

(जनचौक ब्यूरो, दिल्ली की रिपोर्ट।)

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