Saturday, April 20, 2024

ब्राह्मणवाद का विरोध करने पर कन्नड़ अभिनेता से 4 घंटे पुलिस पूछताछ

कन्नड़ अभिनेता और एक्टिविस्ट चेतन कुमार से आज शुक्रवार को बेंगलुरू पुलिस ने लगभग 4 घंटे तक पूछताछ किया है। इसकी जानकारी खुद चेतन कुमार ने अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किया है। 

 गौरतलब है कि ब्राह्मणवाद के ख़िलाफ़ बयान देने के बाद ब्राह्मण डेवलपमेंट बोर्ड और विप्र युवा वेदिका ने पुलिस में उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज़ करवाया था। जिसके बाद 15 जून को बेंगलुरु  पुलिस द्वारा उन्हें नोटिस भेजा गया था।

चेतन कुमार ने अपनी सफाई में कहा है कि वो ब्राह्मणों की नहीं, बल्कि ब्राह्मणवाद की आलोचना करते हैं। जैसे कि कन्नड़ दुनिया में कई ब्राह्मण खुद ब्राह्मणवाद का विरोध करते रहे हैं। 

बता दें कि हाल ही में कन्नड़ फ़िल्म अभिनेता उपेंद्र द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की कोरोना में मदद के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर एक्टिविस्ट अभिनेता चेतन कुमार ने कहा था कि इस आयोजन में सिर्फ़ पुरोहित वर्ग के लोगों को बुलाया गया था। 

ब्राह्मणवाद असमानता की मूल जड़ बताते हुये चेतन कुमार ने उपेंद्र की आलोचना की थी। वहीं अभिनेता उपेंद्र का कहना है कि केवल जातियों के बारे में बात करते रहने से जातिवाद बना रहेगा।

चेतन ने ट्विटर पर डाले गये अपने वीडियो में कहा था, ”हज़ारों सालों से ब्राह्मणवाद ने बासव और बुद्ध के विचारों को मार डाला है। 2500 साल पहले बुद्ध ने ब्राह्मणवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी। बुद्ध विष्णु के अवतार नहीं हैं और ये एक झूठ है और ऐसा कहना पागलपन है।”

इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि- ”ब्राह्मणवाद स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना को अस्वीकार करता है। हमें ब्राह्मणवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए, #आंबेडकर। सभी समान रूप से पैदा होते हैं, ऐसे में यह कहना कि सिर्फ़ ब्राह्मण ही सर्वोच्च हैं और बाक़ी सब अछूत हैं, बिल्कुल बकवास है। यह एक बड़ा धोखा है- #पेरियार।’

चेतन कुमार को अन्य पिछड़े समुदायों से समर्थन मिल रहा है। बामसेफ उनके समर्थन में उतर आया है। वहीं कन्नड़ फिल्म उद्योग से जुड़ी हस्तियाँ इस मामले पर चुप्पी ओढ़े हुये हैं। 

डॉक्टर माता-पिता की संतान 37 वर्षीय चेतन कुमार का जन्म अमेरिका में हुआ है। जब चेतन येल यूनिवर्सिटी से पढ़कर वापस भारत आये फ़िल्म के निर्देशक केएम चेतन्य ने उन्हें अपनी ”आ  दिनागलु”  में कास्ट किया। जोकि साल 2007 में रिलीज हुयी थी। कन्नड़ अभिनेता चेतन कुमार अपनी फिल्मों से ज़्यादा अपनी राजनीतिक विचारधारा और सामाजिक राजनीतिक पक्षधरता के लिये जाने जाते हैं। आदिवासियों को जंगल से हटाये जाने के मुद्दे पर वो कोडगु ज़िले में धरने पर बैठे थे।  विस्थापित होने वालों को रहने के लिये वैकल्पिक जगह मुहैया कराने की मांग की थी। 

इतना ही नहीं ‘मी टू’ मामले में श्रुति हरिहरन का साथ देने पर पूरा कन्नड़ फिल्म उद्योग उनके विरोध में उतरकर उन्हें ही विलन बना दिया। बता दें कि  कई भाषाओं में काम करने वाली दक्षिण भारतीय अभिनेत्री श्रुति हरिहरन ने अर्जुन सरजा के ख़िलाफ़ ‘अनुचित’ व्यवहार का आरोप लगाया था। 

तब चेतन कुमार ने ‘फ़िल्म इंडस्ट्री फॉर राइट्स एंड इक्वेलिटी’ (FIRE) नाम से एक मंच बनाया था, जो फ़िल्मों में काम करने वाले लोगों के आर्थिक और शारीरिक उत्पीड़न जैसे मसलों पर काम करता है।

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