सरकारों को अंतरराष्ट्रीय स्पाइवेयर व्यापार पर वैश्विक रोक लगानी चाहिए या ऐसी दुनिया का सामना करना चाहिए जिसमें राज्य प्रायोजित हैकरों से कोई मोबाइल फोन सुरक्षित नहीं है, उपरोक्त बातें मशहूर व्हिसिल ब्लोवर एडवर्ड स्नोडेन ने द गार्जियन को दिये एक इंटरव्यू में एनएसओ समूह के ग्राहकों के बारे में खुलासे के मद्देनजर चेतावनी देते हुये कही है।
बता दें कि एडवर्ड स्नोडन ने साल 2013 में यूएस नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी के गुप्त जन निगरानी कार्यक्रमों का खुलासा किया था। एनएसओ समूह और उसके ग्राहकों के बारे में अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के एक संघ द्वारा पत्रकारीय जांच के बाद हुये पेगासस परियोजना के खुलासे पर ‘द गार्जियन’ के साथ एक साक्षात्कार में टिप्पणी की करते हुये स्नोडेन ने लाभकारी मैलवेयर डेवलपर्स को ‘एक उद्योग जो अस्तित्व में नहीं होना चाहिए’ के रूप में चिन्हित किया है।
गार्जियन के साथ एक साक्षात्कार में बोलते हुए, स्नोडेन ने कहा कि कंसोर्टियम के निष्कर्षों से पता चलता है कि कैसे वाणिज्यिक मैलवेयर ने दमनकारी शासनों के लिए सबसे अधिक आक्रामक प्रकार की निगरानी के तहत अधिक से अधिक लोगों को रखना संभव बना दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि “पारंपरिक पुलिस कार्रवाई के लिए बग लगाने या किसी संदिग्ध के फोन को वायरटैप करने के लिए, कानून प्रवर्तन को “किसी के घर में घुसना, या उनकी कार में जाना, या उनके कार्यालय जाना होगा, और हमारी सोच से इसके लिये कि उन्हें वारंट मिल जाएगा।”
ये केवल 50 हजार नहीं, 50 मिलियन होने जा रहा है
एडवर्ड स्नोडन ने इंटरव्यू में लागत कुशलता की बात उठाते हुए आगे कहा कि – “वाणिज्यिक स्पाइवेयर ने इसे बहुत अधिक लोगों के ख़िलाफ़ लक्षित निगरानी के लिए लागत कुशल बना दिया। अगर वे कम लागत और बिना जोखिम के एक ही काम दूर से कर सकते हैं, तो वे इसे हर समय करना शुरू कर देते हैं, हर किसी के ख़िलाफ़, जो कि मामूली रुचि के भी हैं। यदि हम इस तकनीक की बिक्री को रोकने के लिए कुछ नहीं करते हैं, तो यह केवल 50,000 लक्ष्य नहीं होगा। यह 50 मिलियन लक्ष्य होने जा रहा है, और यह हममें से किसी की अपेक्षा से कहीं अधिक तेज़ी से होने वाला है।”
उन्होंने मोबाइल में मौजूद खामियों का व्यवसायीकरण करके स्पाइवेयर के लिये रास्ता मुहैया कराने का आरोप लगाते हुये कहा कि –“समस्या का एक हिस्सा इस तथ्य से उत्पन्न हुआ कि विभिन्न लोगों के मोबाइल फोन कार्यात्मक रूप से एक दूसरे के समान थे। जब हम आईफोन जैसी किसी चीज़ के बारे में बात कर रहे होते हैं, तो वे सभी दुनिया भर में एक ही सॉफ़्टवेयर चला रहे होते हैं। इसलिए अगर वे एक आईफोन को हैक करने का तरीका ढूंढते हैं, तो उन्होंने उन सभी आईफोन को हैक करने का तरीका ढूंढ लिया है।”
कंपनी का मक़सद पैसा बनाना है, दुनिया को बचाना नहीं
स्नोडन ने आगे कहा कि “उन्होंने व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले मोबाइल फोन मॉडल में कमजोरियों का व्यावसायीकरण करने वाली कंपनियों की तुलना ‘संक्रमणकर्ताओं’ (infectioneers) के एक उद्योग से की जो जानबूझकर बीमारी के नए उपभेदों को विकसित करने की कोशिश कर रहे थे”।
एडवर्ड स्नोडन ने स्पाईवेयर की तुलना वायरस से करते हुये कहा कि – “यह एक उद्योग की तरह है जहां उन्होंने केवल एक चीज की थी जो टीकों को चकमा देने के लिए कोविड के कस्टम वेरिएंट बना रही थी। उनके एकमात्र उत्पाद संक्रमण वैक्टर हैं। वे सुरक्षा उत्पाद नहीं हैं। वे किसी भी प्रकार की सुरक्षा, किसी भी प्रकार की रोगनिरोधी प्रदान नहीं कर रहे हैं। वे टीके नहीं बनाते, केवल एक चीज जो वे बेंचते हैं वह है वायरस”।
एकमात्र व्यवहार्य समाधान इसकी बिक्री पर एक अंतरराष्ट्रीय रोकथाम है
स्नोडेन ने कहा कि पेगासस जैसे वाणिज्यिक मैलवेयर इतने शक्तिशाली थे कि आम लोग इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकते थे। यह पूछे जाने पर कि लोग अपनी रक्षा कैसे कर सकते हैं, उन्होंने प्रतिप्रश्न करते हुये द गार्जियन से कहा “परमाणु हथियारों से खुद को बचाने के लिए लोग क्या कर सकते हैं ?”
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये कहा कि “कुछ उद्योग हैं, कुछ क्षेत्र हैं, जिनसे कोई सुरक्षा नहीं है, और इसलिए हम इन प्रौद्योगिकियों के प्रसार को सीमित करने का प्रयास करते हैं। हम परमाणु हथियारों के वाणिज्यिक बाज़ार की अनुमति नहीं देते हैं।”
उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक मैलवेयर के ख़तरे का एकमात्र व्यवहार्य समाधान इसकी बिक्री पर एक अंतरराष्ट्रीय रोकथाम है। पेगासस परियोजना से पता चलता है कि एनएसओ समूह वास्तव में एक नए मैलवेयर बाज़ार का प्रतिनिधि है, जहां यह एक लाभकारी व्यवसाय है। एनएसओ द्वारा ऐसा करने का एकमात्र कारण पैसा कमाना है, दुनिया को बचाने के लिए नहीं।”
उन्होंने कहा कि संक्रमण वैक्टर के व्यापार पर वैश्विक प्रतिबंध मोबाइल फोन में कमजोरियों के व्यावसायिक दुरुपयोग को रोकेगा, और शोधकर्ताओं को उन्हें पहचानने और ठीक करने की अनुमति देगा।
एडवर्ड स्नोडन ने समाधान के बाबत द गार्जियन से कहा कि “आम लोगों के लिए यहां समाधान सामूहिक रूप से काम करना है। यह कोई समस्या नहीं है जिसे हम व्यक्तिगत रूप से हल करने का प्रयास करना चाहते हैं, क्योंकि यह आप बनाम एक अरब डॉलर की कंपनी है। यदि आप अपनी रक्षा करना चाहते हैं तो आपको खेल बदलना होगा और जिस तरह से हम इस व्यापार को समाप्त कर रहे हैं।”
एनएसओ ग्रुप ने बयानों की एक श्रृंखला में कहा कि उसने कंपनी और उसके ग्राहकों के बारे में “झूठे दावों” को खारिज़ कर दिया, और कहा कि पेगासस स्पाइवेयर के अपने ग्राहकों के उपयोग पर इसकी दृश्यता नहीं थी। इसने कहा कि उसने केवल सरकारी ग्राहकों को सॉफ्टवेयर बेचा, और इसकी तकनीक ने आतंकवाद और गंभीर अपराध को रोकने में मदद की।
पेगासस परियोजना विवाद के बाद, एनएसओ के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, शालेव हुलियो (Shalev Hulio) ने कहा कि वह इस बात के विरोध में हैं कि लीक हुए डेटा का ‘एनएसओ से कोई संबंध है’, लेकिन उन्होंने कहा कि वह रिपोर्टों के बारे में ‘बहुत चिंतित’ हैं और उन्होंने उन सभी की जांच करने का वादा किया। उन्होंने आगे कहा कि हम समझते हैं कि कुछ परिस्थितियों में हमारे ग्राहक सिस्टम का दुरुपयोग कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कई मीडिया संस्थानों के संघ कंसोर्टियम ने 50,000 फोन नंबरों के एक लीक हुए डेटासेट का विश्लेषण किया, जिसके बारे में माना जा रहा है कि ये एनएसओ के ग्राहकों के लिए रुचि वाले व्यक्तियों से संबंधित थे। मोबाइल फोन के एक नमूने के फोरेंसिक विश्लेषण में पेगासस संक्रमण के सफल और प्रयास के दर्जनों मामले पाए गए।
जाहिर तौर पर एनएसओ समूह पेगासस के रूप में ब्रांडेड उन्नत स्पाइवेयर का निर्माण और बिक्री दुनिया की तमाम सरकारों को करता है, जो गुप्त रूप से एक मोबाइल फोन को संक्रमित कर सकता है और उसकी जानकारी को हासिल कर सकता है। ईमेल, टेक्स्ट, कंटैक्ट बुक्स, लोकेशन डेटा, फ़ोटो और वीडियो सभी निकाले जा सकते हैं, और उपयोगकर्ता को गुप्त रूप से रिकॉर्ड करने के लिए एक फ़ोन के माइक्रोफ़ोन और कैमरा को सक्रिय किया जा सकता है। वहीं एनएसओ समूह का कहना है कि यह एथिकल कॉन्सीडरेशन को गंभीरता से लेता है, इज़राइल, साइप्रस और बुल्गारिया के निर्यात नियंत्रण शासन द्वारा नियंत्रित होता है और केवल सरकारी ग्राहकों को ही बेचता है। लेकिन इसके ग्राहकों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अजरबैजान सहित दमनकारी शासन शामिल हैं।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट)