सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की 5 उच्च न्यायालयों के चीफ जस्टिस के नामों की सिफारिश

Estimated read time 1 min read

प्रयागराज। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 5 हाईकोर्ट- इलाहाबाद, राजस्थान, गौहाटी, पंजाब-हरियाणा और झारखंड- के लिए चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना और बी आर गवई की सदस्यता वाले कॉलेजियम ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित किए हैं, जिन्हें गुरुवार (28 दिसंबर) शाम आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया गया।

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण भंसाली को इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की गई है। वहीं, राजस्थान हाईकोर्ट के ही जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव को इस हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है।

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस विजय बिश्नोई को गौहाटी हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस और ओडिशा हाईकोर्ट के जस्टिस बीआर सारंगी को झारखंड हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश की गई है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस अरुण भंसाली को लेकर सिफारिश में कहा है, “जहां तक मामलों के निपटारे के माध्यम से न्यायपालिका में उनके योगदान का संबंध है, हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने लगभग ग्यारह वर्षों के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 1230 से ज्यादा कथित निर्णय लिखे हैं।

उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट में न्याय प्रदान करने में व्यापक अनुभव प्राप्त किया है। उन्हें ठोस कानूनी कौशल वाला एक सक्षम न्यायाधीश माना जाता है, इसलिए वह देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नत होने के लिए वह बिल्कुल उपयुक्त विकल्प होंगे।”

जस्टिस विजय बिश्नोई ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने लगभग ग्यारह वर्षों के कार्यकाल के दौरान 652 कथित निर्णय लिखे हैं। जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने अपने 14 वर्षों से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान 505 से ज्यादा कथित निर्णय लिखे हैं।

जस्टिस बीआर सारंगी ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने 10 वर्षों से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान 1056 से ज्यादा सूचित निर्णय लिखे हैं। जस्टिस शील नागू मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने 12 वर्षों से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान 499 से ज्यादा कथित निर्णय लिखे हैं।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author