Saturday, April 20, 2024

मलिक द्वारा वानखेड़े के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया झूठे नहीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि इस समय यह नहीं कहा जा सकता कि समीर वानखेड़े के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक द्वारा ट्वीट में लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे हैं। इसलिए नवाब मलिक पर एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ सामग्री प्रकाशित करने पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती, अलबत्ता उन्हें इनका तर्कपूर्ण सत्यापन कराना होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह नहीं कहा जा सकता कि मलिक द्वारा वानखेड़े के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। हाईकोर्ट के इस निर्णय पर नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा है कि ‘सत्यमेव जयते, गड़बड़ियों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।

समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी देकर मांग की थी कि नवाब मलिक को उनके परिवार के खिलाफ बयान देने पर रोक लगाई जाए। अर्जी पर सुनवाई करते हुए सोमवार को अदालत ने कहा कि नवाब मालिक को राइट टू स्पीच का अधिकार है, हम उनके बयान देने पर रोक नहीं लगा रहे हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह निर्णय समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मामले की सुनवाई के दौरान दिया। इस वाद में वानखेड़े के पिता ने 1.25 करोड़ की मानहानि की मांग की है। ध्यानदेव वानखेड़े ने यह मुकदमा तब दायर किया था जब नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के बारे में एक के बाद एक कई जानकारियां सोशल मीडिया पर शेयर कीं। उन्होंने दावा कि समीर वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद वानखेड़े है।

मानहानि के मुकदमे में ध्यानदेव वानखेड़े ने दावा किया कि नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ तब जानकारियां शेयर करना शुरु कीं जब नवाब मलिक के दामाद समीर खान को इस साल जनवरी में एनसीबी ने एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि वे ड्रग्स के धंधे में शामिल हैं। हालांकि समीर खान को इस साल 27 सितंबर को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

हाईकोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के बारे में ट्वीट 14 अक्टूबर से करना शुरु किए और पहली नजर में लगता है कि इन्हें निजी दुश्मनी के तहत किया गया है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि सारे ट्वीट वानखेड़े की सरकारी जिम्मेदारियों से जुड़े हुए थे और इन्हें लोगों की जानकारी में लाने के लिए किया गया था।

जस्टिस माधव जामदार की एकल पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह नहीं कहा जा सकता है कि एनसीपी नेता नवाब मलिक की ओर से वानखेड़े के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि समीर वानखेड़े के खिलाफ नवाब मलिक के ट्वीट द्वेष से प्रेरित लगते हैं। कोर्ट ने कहा कि नवाब मलिक की ओर से वानखेड़े परिवार के खिलाफ बयान दिए जा सकते हैं लेकिन उनको ज्यादा एहतियात रखनी चाहिए और पहले अपने आरोपों को परख लेना चाहिए।इस मामले में अब अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर वसूली करने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी लेने और धर्म बदलने और इसे छुपाकर फायदा लेने के इल्जाम लगाए हैं। शाहरुख खान के बेटे आर्यन की गिरफ्तारी के बाद से नवाब मलिक ने लगातार समीर वानखेड़े को निशाने पर लिया हुआ है और उन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक बीते डेढ़ महीने से लगातार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और उनके अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। नवाब मलिक एनसीबी और समीर वानखेड़े के खिलाफ ना बोलें इसलिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। वानखेड़े परिवार की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि नवाब मलिक के बोलने की आजादी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि नवाब मलिक को कुछ भी बोलने या ट्वीट करने के पहले ट्वीट करने के पहले चीज़ों का सत्यापन जरूर करना चाहिए।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के नाम को लेकर जो आरोप लगाए हैं। वह गलत नजर नहीं आते हैं। ऐसे में नवाब मलिक के ऊपर बोलने का प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं। मलिक ने समीर वानखेड़े पर यह आरोप लगाया था कि वह असल में मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखते हैं लेकिन सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए उन्होंने खुद को दलित समाज का बताया और उससे जुड़े हुए फर्जी दस्तावेज बनवाएं।

नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर लोगों को फर्जी तरीके से फंसाने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि समीर वानखेड़े लोगों को फंसा कर उनसे उगाही करते हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा अपनी एक प्राइवेट आर्मी भी बना रखी है। जो बॉलीवुड सेलिब्रिटी और बड़े घरों के बच्चों को अपना निशाना बनाते हैं। ताकि उन्हें ड्रग्स के झूठे मामले में फंसा कर मोटी उगाही की जा सके।

आर्यन खान ड्रग्स मामले के बाद नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर निशाना साधना शुरू किया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि जब कोरोना काल के दौरान जब पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री मालदीव और दुबई में थी। तब समीर वानखेड़े भी मालदीव गए थे और वहां उन्होंने बॉलीवुड सेलिब्रिटीज से जमकर उगाही की थी। यह उगाही तकरीबन एक हजार करोड़ से भी ज्यादा की थी।

फिलहाल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुंबई के जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ एक तरफ जहां खुद उनका ही विभाग उनके ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों, खास तौर पर उगाही के आरोपों की जांच कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ मुंबई पुलिस द्वारा गठित एसआईटी भी समीर वानखेड़े के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी हुई है। आने वाले समय में समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

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