झारखंड: मनरेगा में लाई गई केंद्र सरकार की नयी तकनीक का भी भ्रष्टाचारियों ने निकाल लिया तोड़

Estimated read time 1 min read

झारखंड। केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के बजट में कटौती के साथ उसमें तकनीकी पेंच लगा दिया है। सरकार ने ऑनलाइन मोबाइल हाजिरी प्रणाली शुरू की है जिसके तहत नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सॉफ्टवेयर (एनएमएमएस) द्वारा मज़दूरों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है। साथ ही आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम (एबीपीएस) से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी भुगतान को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

इन दोनों तकनीकों के कारण बड़े पैमाने पर मनरेगा मज़दूर काम व अपनी मज़दूरी से वंचित हो रहे हैं। वहीं इस नयी तकनीक वाली योजना में भ्रष्टाचारी और बिचौलिए विभागीय तालमेल से अब नये कीर्तिमान स्थापित करने में लग गए हैं।

एक तरफ तर्क दिया जा रहा है कि एनएमएमएस और एबीपीएस से मनरेगा में किए जा रहे घोटाले और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। लेकिन इसका तोड़ भी घोटालेबाज और भ्रष्टाचारियों ने निकाल लिया है। सरकार की इस पारदर्शी तकनीक को धता बताते हुए झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के विभिन्न गांवों के विभिन्न योजना स्थलों के सर्वे और ग्रामीणों के साथ बातचीत में ऐसे तथ्यों के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।

जिले के सोनुआ प्रखंड में देखने को मिला कि एनएमएमएस के लिए तस्वीर ली जा रही है एक अन्य योजना में, मजदूर काम कर रहे हैं दूसरी योजना में, और मस्टर रोल तैयार हो रहा है किसी तीसरी योजना में।

मनरेगा मजदूरों से बात करते जेम्स हेरेंज और बलराम

कहना ना होगा कि पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक जनवरी से प्रारंभ किये गए एनएमएमएस (नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) का भी बिचौलियों द्वारा जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी और कर्मी अप्रत्यक्ष तौर पर इस चोरी में शामिल हैं।

प्रखण्ड के असनतलिया पंचायत अंतर्गत गोलासाईं गांव में संजय गुन्डुआ की जमीन में 100 x 100 x 10 फीट के तालाब निर्माण में 19 से 28 अप्रैल तक मस्टर रोल संख्या 798 एवं 946 सृजित किया गया है। जिसमें निरीक्षण की तिथि तक कोई कार्य नहीं किया गया है, लेकिन मेट द्वारा फर्जी तरीके से उनका NMMS एप्प के जरिये 3 दिनों से फोटो अपलोड किया जा रहा है, अर्थात हाजरी दर्ज की जा रही है।

यह काम गोलासाईं गांव के जोह्न गुन्डुआ, पिता गिरेन्द्र गुन्डुआ के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन उक्त योजना के मस्टर रोल में जिन 9 मजदूरों के नाम अंकित हैं, उनमें से किसी भी मजदूरों द्वारा स्थल पर कार्य नहीं किया गया है। वे सिर्फ तस्वीर खींचवाने के लिए तालाब में जाते हैं।

वहीं एदेलबेड़ा गांव के लक्ष्मी मांझी (जॉब कार्ड 2090), गीता मांझी, कपुरमानी मांझी, रिमसी मांझी, सुमी मांझी, सुकमारी मांझी व पाली मांझी सरीखे मजदूर जो मात्र फोटो खींचाने के लिए जाते हैं, वे वास्तविक रूप से ग्राम एदेलबेड़ा में बुधराम मांझी की जमीन पर मिश्रित बागवानी में 25 तारीख से ठेकेदार जोह्न गुन्डुआ के मौखिक आदेश पर काम कर रहे हैं।

मनरेगा की योजना स्थलों पर जेम्स हेरेंज और बलराम

जबकि इस अवधि में उक्त योजना में कोई मस्टर रोल सृजित नहीं है। बल्कि मस्टर रोल पहले सृजित किया गया था, जो 11 से 24 अप्रैल तक के लिए था। लेकिन इस अवधि में उस योजना में किसी तरह का कार्य नहीं किया गया।

जब लक्ष्मी मांझी के जॉब कार्ड को ऑनलाइन चेक किया गया तो उनके नाम से काम की मांग पंजीकृत है, जो कि ग्राम हरिमारा में हरीश गागराई की जमीन पर बकरी शेड में सृजित है, जिसके बारे उनको कोई जानकारी नहीं हैl इन मजदूरों में से किसी भी मजदूर के पास उनका जॉब कार्ड नहीं था।

दूसरी तरफ पोड़ाहाट पंचायत के ग्राम उदनचोका में बंदिया की जमीन में 100 x 100 x 10 फीट के तालाब निर्माण की योजना में 18 से 24 अप्रैल तक 29 मजदूरों के नाम से मस्टर रोल सृजित किया गया था। परन्तु योजना स्थल पर सिर्फ 17 मजदूर ही कार्य किये, लेकिन यहां 7 मजदूरों के नाम पर प्रतिदिन हाजरी बनी है।

इसके पहले भी इस योजना में एक सप्ताह के अन्दर 30 से अधिक मजदूरों के नाम मस्टर रोल सृजित किये गये। इस योजना स्थल पर कोई भी मेट, मजदूरों की मदद व उनकी हाजरी बनाने के लिए कार्यस्थल पर नहीं पहुंचे।

मनरेगा मजदूरों से बात करते जेम्स हेरेंज और बलराम

सोनुआ प्रखण्ड के बलजोरी, बारी, देवनबिर, गोविंदपुर, सोनापोस जैसे पंचायतों में इस वित्तीय वर्ष में एक भी मनरेगा मेट की नियुक्ति पंचायतों द्वारा नहीं की गई है। यह इस बात का साफ संकेत है कि उन सभी पंचायतों में मनरेगा योजनाएं ठेकेदारों के माध्यम से संचालित की जा रही हैं, जो अनुसूची II के धारा 21 का घोर उल्लंघन है।

इस बावत झारखण्ड नरेगा वाच के राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व राज्य सलाहकार सदस्य सह वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता बलराम ने बताया कि इन गम्भीर मामलों को लेकर एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार कर सरकार के उच्चाधिकारियों को दिया जाएगा।

बता दें कि जेम्स हेरेंज और बलराम ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के विभिन्न गांवों के मनरेगा की विभिन्न योजना स्थलों के दो दिवसीय भ्रमण और ग्रामीणों के साथ बातचीत करने के बाद ऐसे तथ्यों का खुलासा किया है।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You May Also Like

More From Author