वाराणसी। सर्व सेवा संघ ने सत्याग्रह स्थल से यह मांग की है कि गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा संघ परिसर पर कब्जा- प्रकरण में बनारस आयुक्त कौशल राज शर्मा की संदिग्ध और एकतरफा कार्रवाई की जांच होनी चाहिए। कौशल राज शर्मा ने 28 फरवरी 2023 को गांधी विद्या संस्थान के संचालन समिति की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में आईसीएसएसआर के निदेशक के यह पूछने पर कि क्या इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव आया है, तो आयुक्त ने ऐसे किसी प्रस्ताव के मिलने से इनकार किया था।
लेकिन इस बैठक के तुरत बाद 2 मार्च 2023 (पत्रांक 2978/2022-23) को कौशल राज शर्मा ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर अभिजीत दीक्षित को पत्र लिखा है जिसमे 24 फरवरी 2023(4251-बी -261-2022_23 ) के उनके द्वारा (डॉक्टर अभिजीत दीक्षित ) भेजे गए प्रस्ताव के बारे में विस्तृत विवरण/कार्ययोजना देने को कहा गया। इस कार्ययोजना के तहत कला केंद्र के उद्देश्यों तथा कितनी अवधि के लिए गांधी विद्या संस्थान को किराया, निःशुल्क या लीज पर लेने के बारे में स्पष्टता करने को कहा गया है। गांधी विद्या संस्थान के संचालन हेतु वित्तीय उपलब्धता तथा भवनों के पुनर्विकास योजना के बारे में भी विवरण मांगा गया है।
इस पत्र में कौशल राज शर्मा ने यह भी लिखा है कि 28 फरवरी 2023 की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आपसे विस्तृत कार्ययोजना मांगी जाय। कौशल राज शर्मा के पत्र का यह अंश तोड़ – मरोड़ कर लिखा गया है। उक्त बैठक में तो खुद शर्मा ने किसी प्रस्ताव के मिलने से इनकार किया था तब फिर विस्तृत विवरण मांगने का प्रश्न कहां उठता है?
यहां यह संदेह होना स्वाभाविक है कि 28 फरवरी 2023 की बैठक के बाद 24 फरवरी 2023 का पत्र प्रयासपूर्वक प्राप्त किया गया है और अनिर्णीत बैठक का मनगढ़ंत हवाला देकर 2 मार्च 2023 का पत्र लिखा गया है। किंतु पत्र से सिद्ध होता है कि इस बैठक में गांधी विद्या संस्थान, कला केंद्र को सौंपने का कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ था। इसके बाद की किसी बैठक की खबर सर्व सेवा संघ को नहीं है और न हीं सर्व सेवा संघ को संचालन समिति की किसी बैठक का निमंत्रण ही मिला है।
सवाल यह भी उठता है कि संचालन समिति की बैठक के बिना 15 मई 2023 को एसडीम आकांक्षा सिंह के नेतृत्व में गांधी विद्या संस्थान पर बलपूर्वक कब्जा कैसे कर लिया गया? जब 15 मई 2023 को कब्जे के आदेश की प्रति मांगी गई तो उन्होंने आदेश के रूप में एक पन्ने की झलक दूर से दिखाई परंतु किसी आदेश की प्रति नही दी। इसका तात्पर्य है कि पूरे प्रकरण को कौशल राज शर्मा ने गुप्त रूप से नियोजित किया है।
जब संचालन समिति की बैठक में गांधी विद्या संस्थान कला केंद्र को सौंपने का निर्णय नहीं हुआ तो फिर किस अधिकारी के निर्णय से इसे कला केंद्र को सोपा गया, यह जांच का विषय है। इस पूरे प्रकरण में संदेश की सुई कौशल राज शर्मा की ओर है और यह एक उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच से ही पता चलेगा कि सच क्या है?
न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह का दसवें दिन में प्रवेश
न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह आज 20 सितंबर 2024 को अपने दसवें दिन में प्रवेश कर गया। सत्याग्रह का प्रारंभ सुबह 6:00 बजे सर्व धर्म प्रार्थना के साथ हुआ। आज के सत्याग्रह में ओडिशा के जगतसिंह पुर के 56 वर्षीय बिपिन बिहारी बारिक और मयूरभंज के 49 वर्षीय आर्यभट्ट मोहंती उपवास पर बैठे हैं।
बिपिन 1983 में अपने कॉलेज जीवन दौरान गांधी विचार से प्रभावित हुए और यह निश्चय कर लिया कि कभी नौकरी नहीं करेंगे। वे विगत 40 वर्षों से सार्वजनिक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने भारत ज्ञान विज्ञान समिति के तहत साक्षरता अभियान में अपना योगदान दिया है। वे 2003 में सर्वोदय से सीधे जुड़कर सक्रिय हैं और फिलहाल भुवनेश्वर सर्वोदय मंडल के सचिव हैं।
आर्यभट्ट मोहंती का जन्म सर्वोदय परिवार में हुआ। उनके माता-पिता दोनों विनोबा जी और निर्मला देशपांडे के साथ भूदान- ग्रामदान आंदोलन सक्रिय रहे। इस प्रकार भी बचपन चाहिए गांधी विचार से जुड़ गए और हरिजन सेवक संघ के माध्यम से अपनी सेवा देते हुए। फिलहाल में उत्कल सर्वोदय मंडल के जेनरल सेक्रेटरी हैं।
विपिन सोचते हैं कि सर्व सेवा संघ का सत्याग्रह एकदिन जरूर सफल होगा क्योंकि यह तप की पद्धति है। हम किसी का नुकसान नहीं चाहते, सिर्फ निर्माण चाहते हैं।उन्हें इस बात का अफसोस है कि सर्व सेवा संघ के केंद्र को बुलडोजर द्वारा नष्ट कर दिया गया। सरकार को अपने पाप का स्वयं परिमार्जन करना चाहिए। इस संदर्भ में आर्यभट्ट का कथन है कि वर्तमान सरकार गांधी संस्थाओं को नष्ट करने में लगी है। तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। सत्याग्रह जुल्म के प्रतिकार की सात्विक पद्धति है। हम अपने तरीके से लक्ष्य प्राप्त होने तक देशभर में इस अभियान को जारी रखेंगे।
अलख भाई, कृष्णा मोहंती, मिहिर प्रताप दास, डॉ. विश्वजीत, ईश्वर चंद्र, सूर्य सेठी, अजय यादव, पूजा, शशिकांत, विद्याधर, नंदलाल मास्टर, शेखू प्रसाद प्रजापति, देवाशीष बेरा, विश्वजीत घोड़ोई, राजेंद्र साहा, संगीता देवी, अंतर्यामी बरल भी सत्याग्रह में शामिल हैं। शाम 6:00 सर्व धर्म प्रार्थना एवं दीप प्रज्वलन के साथ सत्याग्रह समाप्त हुआ।
सर्व सेवा संघ सत्याग्रह के समर्थन में रैली निकाली
लोक समिति, दिहाड़ी महिला कामगार मजदूर संगठन के संयुक्त तत्वावधान में मिर्जामुराद क्षेत्र के खालीसपुर गांव में शुक्रवार को सैकड़ों महिलाओं ने रेलवे विभाग द्वारा राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ साधना केंद्र को गिराकर अवैध कब्जा करने के विरोध में लामबद्ध होकर रैली निकाली। सेवापुरी ब्लाक के दर्जनों गांव से करीब 300 महिलाएं खालिसपुर नहर के पास एकत्रित होकर गांव में रैली निकाली। उसके बाद गांव के डीह पर एकत्रित होकर सर्व सेवा संघ कैंपस को प्रशासन और सरकार के आक्रमण से बचाने के लिए सभा किया।
रैली में लोगों ने रेलवे विभाग और जिला प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए सर्व सेवा संघ पर अवैध कब्जा बंद करो, गांधी की विरासत पर हमला नही सहेंगे, हर जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है, लड़ेंगे जीतेंगे महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण, विनोवा भावे अमर रहे के नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। आक्रोशित महिलाओं ने चेतावनी दिया कि सरकार सर्व सेवा संघ की जमीन को जबरदस्ती हड़पना चाहती है। जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, हम इस धरोहर को बचाने के लिए इसी तरह विरोध करते रहेंगे।
धरना का नेतृत्व कर रहे लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि सत्याग्रह के समर्थन में यह रैली निकाली गई है क्योंकि स्थानीय एवं रेल प्रशासन ने जबरदस्ती सर्व सेवा संघ राजघाट परिसर को अवैध रूप से कब्जा कर लिया और इसके 45 भवनों को बिना किसी आदेश के कानून का उल्लंघन करते हुए बुलडोजर से गिरा दिया। जिसके खिलाफ सर्व सेवा संघ राजघाट परिसर के सामने देशभर के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता 11 सितंबर से 100 दिनों का सत्याग्रह उपवास पर बैठे हैं।
धरने में नन्दलाल मास्टर, अनीता, सोनी, रामवचन, शिवकुमार, मनीषा, संजू, पूनम, मनोरमा, सीता, बिंदु, उषा, सरिता, सुनीता, सादरून, सोबरा, रईसा, आसमां, फातमा, बिमला, सुशीला, उषा, तारा, कलावती आदि प्रमुख लोग शामिल थे। अध्यक्षता आशा और संचालन अनीता ने किया।
(प्रेस विज्ञप्ति)