Saturday, April 20, 2024

तेरह हाईकोर्टों को मिलेंगे नए चीफ जस्टिस

देश के 13 उच्च न्यायालयों को नए मुख्य न्यायाधीश मिलेंगे क्योंकि चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र को पदोन्नति के लिए आठ नामों की सिफारिश भेजी है। इसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल शामिल हैं। कॉलेजियम ने पांच मुख्य न्यायाधीशों को विभिन्न उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश भी की है। इस निर्णय को उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर भी कॉलेजियम का हिस्सा हैं। केंद्र कॉलेजियम की सिफारिशों को स्वीकार कर लेता है तो जस्टिस बिंदल इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बन जाएंगे। उनके अतिरिक्त सात अन्य न्यायाधीशों को मुख्य न्यायाधीश बनाने की भी सिफारिश की गई है।

उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि कॉलेजियम की 16 सितंबर 2021 को हुई बैठक में न्यायाधीशों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश पद पर प्रमोट करने की सिफारिश की गई है।

कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बिंदल के अलावा न्यायमूर्ति रंजीत वी मोरे, सतीश चंद्र शर्मा, प्रकाश श्रीवास्तव, आर वी मलीमथ, रितु राज अवस्थी, अरविंद कुमार और प्रशांत कुमार मिश्रा के नामों की सिफारिश क्रमश: मेघालय, तेलंगाना, कलकत्ता, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में की है।

वेबसाइट पर अपलोड एक अन्य बयान के अनुसार, अन्य हाई कोर्टों में ट्रांसफर करने के लिए पांच मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सूची भी उपलब्ध करवाई गई है। इसके मुताबिक कॉलेजियम ने यह भी सिफारिश की है कि त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एए कुरैशी को राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया जाए। राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती को त्रिपुरा हाईकोर्ट, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने, मेघालय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विश्वनाथ सोमद्दर को सिक्किम हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के अलावा कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके गोस्वामी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर डाले गए तीसरे वक्तव्य में कहा गया है कि कॉलेजियम ने 16 सितंबर को हुई बैठक में हाई कोर्टों के 17 न्यायाधीशों के ‘तबादले/पुन: तबादले’ की सिफारिश की है। देश में मौजूद 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के कुल 1,080 पद हैं जिनमें से 1 मई 2021 तक तक 420 पद रिक्त थे।

कॉलेजियम ने16 सितंबर, 2021 को हाईकोर्ट के 17 जजों के ट्रांसफर/री-ट्रांसफर की सिफारिश की है। इनमें  1. जस्टिस जसवंत सिंह, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से उड़ीसा हाईकोर्ट 2. न्यायमूर्ति सबीना, राजस्थान हाईकोर्ट से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट 3. न्यायमूर्ति टी.एस. शिवगनम, मद्रास हाईकोर्ट जज से कलकत्ता हाईकोर्ट 4. न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा, उत्तराखंड हाईकोर्ट से उड़ीसा हाईकोर्ट 5. न्यायमूर्ति एम.एम. श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राजस्थान हाईकोर्ट 6. जस्टिस सौमेन सेन, कलकत्ता हाईकोर्ट से उड़ीसा हाईकोर्ट 7. न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, पटना उच्च न्यायालय से आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय 8. न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां [मूल हाईकोर्ट: गौहाटी], बॉम्बे हाईकोर्ट से तेलंगाना हाईकोर्ट 9. जस्टिस परेश आर. उपाध्याय, गुजरात हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट 10. न्यायमूर्ति एम.एस.एस. रामचंद्र राव, तेलंगाना हाईकोर्ट से पंजाब एंड हरियाणा 11. जस्टिस अरिंदम सिन्हा, कलकत्ता हाईकोर्ट से उड़ीसा हाईकोर्ट 12. न्यायमूर्ति ए.एम. बदर [मूल हाईकोर्ट: बॉम्बे], केरल हाईकोर्ट से पटना हाईकोर्ट 13. जस्टिस यशवंत वर्मा, इलाहाबाद हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट 14. न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल [मूल हाईकोर्ट: मध्य प्रदेश], इलाहाबाद हाईकोर्ट से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट 15. जस्टिस चंद्र धारी सिंह, इलाहाबाद हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट 16. न्यायमूर्ति अनूप चितकारा, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट 17. जस्टिस रवि नाथ तिलहरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट से आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का नाम शामिल है।

देश के कई हाईकोर्ट जजों की कमी से जूझ रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकृत 160 जजों के मुकाबले अभी केवल 93 जजों से काम चल रहा है। देशभर के हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पद भरने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को इलाहाबाद के 16 सहित 12 हाईकोर्ट के लिए 68 जजों को नियुक्त करने के लिए नाम भेजे थे। इससे इलाहाबाद, राजस्थान और कोलकता समेत इन सभी 12 हाईकोर्ट में रिक्त पदों के कारण बड़ी संख्या में लंबित हो रहे मुकदमों की परेशानी दूर हो पाएगी।

इसके पहले कॉलेजियम ने देश के उच्च न्यायालयों में जजों के 68 पदों पर नियुक्ति के लिए एकमुश्त नामों को हरी झंडी दे दी, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी इन्हें मंजूरी नहीं दी है। यह पहला मौका है जब एक साथ इतनी बड़ी तादाद में कॉलेजियम ने निचली कोर्ट के जजों व वकीलों की हाईकोर्ट जजों के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की थी।

आठ अगस्त से एक सितंबर के बीच कॉलेजियम ने विभिन्न हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पदों के लिए 100 से ज्यादा नामों पर विचार किया था। इनमें से 12 उच्च न्यायालयों के लिए 68 नामों का चयन कर सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। जजों की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीजेआई एनवी रमन की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम द्वारा की गई इस सिफारिश पर केंद्र सरकार ने निर्णय नहीं लिया है।

इन 68 नामों में से कर्नाटक के दो नाम व जम्मू-कश्मीर के एक नाम को तीसरी बार भेजा गया है, जबकि 10 नामों की सिफारिश दूसरी बार की गई है। इन 13 नाम को छोड़कर 55 नाम ऐसे हैं, जिनकी सिफारिश पहली बार की गई है।

इन सिफारिशों के पहले 17 अगस्त को कॉलेजियम ने ऐतिहासिक निर्णय करते हुए तीन महिला जजों समेत नौ जजों की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की सिफारिश की थी। इन नामों को केंद्र सरकार ने भी उल्लेखनीय गति से मंजूरी दे दी थी और 31 अगस्त को इन सभी नौ जजों को एकसाथ सुप्रीम कोर्ट जजों के रूप में शपथ दिलाई गई थी।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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