Thursday, April 18, 2024

गुरु गोविंद सिंह प्रकाशोत्सव: पाकिस्तान से भी शुभकामनाएं

देश-विदेश के श्रद्धालु आज बड़ी तादाद में दशम पातशाह श्री गुरु गोविंद सिंह जी का 356वां प्रकाशोत्सव पूरे उत्साह व श्रद्धा से मना रहे हैं। ज्ञात इतिहास में संत- सिपाही का सर्वोच्च रुतबा रखने वाले गुरु गोविंद सिंह सिख पंथ के दसवें गुरु थे। उन्हीं की हिदायत पर श्री गुरु ग्रंथसाहिब को पंथ के अंतिम गुरु का दर्जा मिला। श्री गुरु ग्रंथसाहिब को बकायदा गुरु मानकर श्रद्धालु उनके आगे नतमस्तक होते हैं।

29 दिसंबर को मनाए जा रहे दशम पातशाह के प्रकाशोत्सव के अवसर पर पाकिस्तान से भी सिख पंथ को बधाई संदेश और शुभकामनाएं हासिल हो रही हैं। सोशल मीडिया पर इनका तांता लगा हुआ है। अहम है कि गुरु की निशानियां श्रद्धापूर्वक संभालने वाले तत्कालीन रायकोट रियासत के हुक्मरान राय कल्लांजी के मौजूदा वंशज अथवा वारिस राय अजीज उल्लाह खान ने समूह सिख पंथ को अपनी विशेष शुभकामनाएं तथा बधाइयां दी हैं। गुरुजी के अंतिम दिनों की पवित्र निशानियां अब उनके पास महफूज हैं। वर्तमान में राय अजीज उल्लाह खान पाकिस्तान की सियासत में नए सिरे से सक्रिय हैं। वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वहां की नेशनल असेंबली के पूर्व सदस्य रहे हैं।

1947 में विभाजन के वक्त उनके पुरखे पाकिस्तान जा बसे थे लेकिन भारत स्थित अपनी जन्मभूमि और सिख गुरुओं में उनकी आस्था यथावत कायम रही। जब आनंदपुर साहिब में 300 सालां खालसा महोत्सव मनाया गया था, राय अजीज उसमें विशेष मेहमान के तौर पर शरीक हुए थे। वह ज्यादातर कनाडा रहते हैं। तत्कालीन सरकार ने उन्हें तथा उनके पास रखीं गुरु गोविंद सिंह की निशानियां (संगत दर्शन के लिए) कनाडा के सरीं से भारत लाने हेतु विशेष चार्टर्ड विमान भेजा था। आज भी वह गुरु साहिब की संभाली निशानियों के दर्शन सिख संगत को बेहद ऐहतराम के साथ करवाते हैं। हिफाजत के लिहाज से उन्होंने इन निशानियों को बैंक लॉकर में श्रद्धावत तथा मर्यादा के साथ रखा हुआ है। इन निशानियों में दशम पिता का गंगासागर, एक तलवार और रीहल शामिल हैं।

प्रकाशोत्सव पर दिए विशेष शुभकामना संदेश में राय अजीज उल्लाह खान ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह और उनके समूचे परिवार ने मानवाधिकारों, इंसानियत और सामाजिक संता के लिए ऐतिहासिक कुर्बानियां दी थीं। विश्वभर में फैल रहे अमन व सद्भाव विरोधी जहर के मद्देनजर ये कुर्बानियां समकालीन दौर में और भी ज्यादा प्रासंगिक हैं।

बेशुमार अन्य पाकिस्तानी बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों और सामाजिक सरोकारों के लिए कार्यरत लोगों ने गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर शुभकामना तथा बधाई संदेश सिख संगतो को भेजे हैं। हासिल जानकारी के मुताबिक कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया तथा जर्मन आदि के गुरुद्वारों में भी गुरु गोबिंद सिंह प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है, बड़ी तादाद में सिखों और हिंदुओं के साथ–साथ मुसलमान भी इन समारोहों में शिरकत कर रहे हैं।

पाकिस्तान के प्रदेश खैबर पख्तूनख्वा के शहर पेशावर में भी, गुरु कलगीधर सिंह सभा गुरुद्वारा भाई जोगा सिंह कमेटी की ओर से दशम गुरु के प्रकाशोत्सव को समर्पित अखंड पाठ के भोग 29 दिसंबर को डाले जा रहे हैं। वहां के गुरुद्वारे को विशेष रुप से मुस्लिम कारीगरों द्वारा सजाया गया है। पाकिस्तान के जगप्रसिद्ध गुरुद्वारों पंजा साहिब व ननकाना साहिब में गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव 5 जनवरी 2023 को पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से मनाया जाएगा। पाकिस्तान स्थित सिख पंथ के प्रथम गुरु नानक देव जी के जिस्मानी तौर पर अंतिम दिनों में कर्मस्थली रही श्री करतारपुर साहिब में भी दसवें गुरु का प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है। वहां भी प्रबंधों की देखरेख में मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

(पंजाब से अमरीक की रिपोर्ट)

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