Friday, April 19, 2024

आसिफ़ मामले में दोषियों को बचाने में लगी है मसूरी पुलिस: शाहनवाज़ आलम

ग़ाज़ियाबाद। ग़ाज़ियाबाद के एक मंदिर में पानी पीने के कारण साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा पिटाई का शिकार हुए 13 वर्षीय बच्चे आसिफ़ से अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने उसके घर जा कर मुलाक़ात की और न्याय के लिए लड़ने का आश्वासन दिया।

वीर अब्दुल हमीद मोहल्ला स्थित आसिफ़ के घर पहुंचे अल्पसंख्यक कांग्रेस के डेलीगेशन को बच्चे और उनके पिता हबीब ने पूरी घटना बताई कि कैसे श्रृंगी नन्दन यादव और उसके साथी शिवा नन्द ने उसे सम्प्रदाय सूचक गालियां देते हुए पीटा और उसका वीडियो बनाया जिसे बाद में वायरल किया। उसने यह भी कहा कि पिटाई के वक़्त वहाँ दो पुलिसकर्मी भी मौजूद थे जिनसे उसने बचाने की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने उसे नहीं बचाया। डेलीगेशन ने पाया कि मसूरी थाने ने उचित धाराओं में मुकदमा न दर्ज कर आरोपियों को बचाने की कोशिश की है।

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम, ग़ाज़ियाबाद ज़िला अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष यामीन मलिक, प्रदेश महासचिव नसीम खान, अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर अहमद खान, अलीगढ़ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष आज़म बेग, दिल्ली अल्पसंख्यक कांग्रेस मीडिया प्रभारी अख़लाक़ अहमद, प्रदेश सचिव फुरकान राणा, अकबर चौधरी के नेतृत्व में 50 से ज़्यादा लोगों के साथ पीड़ित के पिता ने मसूरी थाने जा कर तहरीर दी और दोषियों के खिलाफ मुकदमे में 153 समेत उचित धाराओं को जोड़ने और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की।

शाहनवाज़ आलम ने आरोप लगाया कि मसूरी थाना लम्बे समय से मुसलमानों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो शेयर करने वाले साम्प्रदायिक तत्वों को संरक्षण दे रहा है। अगर इस मामले में भी ऐसा हुआ तो अल्पसंख्यक कांग्रेस थाने का घेराव करेगी।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।