नई दिल्ली। अमेरिका ने कहा है कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडा को जांच आगे बढ़ाने के साथ ही दोषियों को दंडित करना चाहिए। गौरतलब है कि कनाडा ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ होने का आरोप लगाया है। जबकि भारत ने इसको मजबूती से खारिज किया है। इस बीच कनाडा में कई स्थानों पर निज्जर की हत्या के खिलाफ सिखों ने प्रदर्शन किया है।
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने रिपोर्टरों को बताया कि हम कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के लगाए आरोपों को लेकर बेहद चिंतित हैं। हम अपने कनाडाई पार्टनर के नजदीकी संपर्क में हैं।
मिलर ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा कि हमारा मानना है कि कनाडा की जांच का आगे बढ़ना बेहद महत्वपूर्ण है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। हम सार्वजनिक और निजी दोनों तौर पर भारत सरकार से कनाडाई जांच में सहयोग करने की गुजारिश करते हैं।
इस बीच खबर यह आ रही है कि कनाडा स्थित भारतीय कंसुलेट के सामने सिखों ने प्रदर्शन किया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को टोरंटो में भारतीय झंडे को जला दिया। और इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कट आउट में जूतों की माला पहना दी थी। इसके साथ ही 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारी वैंकुवर कंसुलेट के सामने भी इकट्ठा हुए और उन्होंने जमकर भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
टोरंटो में सिख समुदाय के एक सदस्य जो होथा ने कहा कि “हम वहां पंजाब में सुरक्षित नहीं हैं। हम कनाडा में भी सुरक्षित नहीं हैं।”
टोरंटो में भारतीय कंसुलेट के सामने एक और सिख प्रदर्शनकारी हरपार गोसल ने कहा कि “भारतीय, वे आतंकवादी हैं। उन्होंने वैंकुवर में हमारे भाई को मार दिया। इसीलिए हम लोग यहां प्रदर्शन कर रहे हैं।”
ओटावा में 100 से थोड़ा कम ही लोग भारतीय उच्चायोग के सामने इकट्ठे हुए। और उन्होंने खालिस्तान लिखा पीला झंडा फहराया। ओटावा में प्रदर्शन कर रही रेशमा सिंह बोलिनास ने कहा कि हम सच में जस्टिस ट्रूडो के आभारी हैं…..हम इस कायरतापूर्ण कार्रवाई की तह तक जाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा को भारत पर दबाव डालकर भविष्य में होने वाली निर्दोषों की हत्या को रोकनी चाहिए।
कनाडा में तकरीबन 770000 सिख रहते हैं। यह पंजाब से बाहर किसी दूसरे देश में सिखों की सबसे अधिक जनसंख्या है। और हाल के दिनों में वहां हुए ढेर सारे प्रदर्शनों ने भारत को नाराज कर दिया है।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताया है और इसके साथ ही यात्रा करने वाले लोगों को वहां बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों को देखते हुए पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी है।
सिख फॉर जस्टिस समूह के एक सदस्य और टोरंटो में प्रदर्शनकारी कुलजीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने गंदे तरीकों का इस्तेमाल किया और कनाडा की संप्रभुता से छेड़छाड़ की। कनाडा के आरोपों ने दोनों देशों को एक दूसरे से बदला लेने के लिए उकसा दिया और नतीजे के तौर पर दोनों ने एक दूसरे के राजनयिकों को निलंबित कर दिया। और नई दिल्ली दो कदम आगे बढ़ते हुए कनाडा के लिए वीजा की प्रक्रिया को भी निलंबित कर दिया।
टोरंटो और ओटावा के कुछ प्रदर्शनकारियों ने कनाडा के भारतीय उच्चायोग में कार्यरत भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को बर्खास्त करने तक की मांग कर डाली।