Thursday, March 28, 2024

‘थ्री इडियट्स’ के ‘वांगड़ू’ हाउस अरेस्ट, कहा- आज के इस लद्दाख से बेहतर तो हम कश्मीर में थे

लद्दाख में राजनीति एक बार फिर गर्म हो गयी है। सूत्रों के मुताबिक लद्दाख प्रशासन ने प्रसिद्ध इनोवेटर ‘सोनम वांगचुक’ के आंदोलन को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें हाउस अरेस्ट भी किया गया है। ये जानकारी खुद ‘थ्री इडियट्स वाले असली फुनसुख वांगड़ू ने दी है। सोनम वांगचुक दुख जताते हुए कहते हैं कि आज के इस लद्दाख से बेहतर तो हम कश्मीर में थे लेकिन हमें उम्मीद है कि कल का लद्दाख सुनहरा होगा।

सोनम संविधान की छठी अनुसूची और क्षेत्र के लिए अन्य सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर पांच दिवसीय अनशन पर हैं, इसके अलावा लोगों से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अपनी कार्बन गहन जीवन शैली को बदलने का आग्रह कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि लद्दाख अंधेर नगरी हो गई है। सोनम ने डर जाहिर किया कि जो हालात हैं, उससे आने वाले समय में लेह-लद्दाख के लोग आतंक की राह पकड़ सकते हैं। सोनम वांगचुक पर बनी 2009 की बॉलीवुड फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ बहुत लोकप्रिय हुई थी।

उन्होंने गणतंत्र दिवस पर अपने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख की छत पर अपना 5 दिन का उपवास शुरू किया। बात तापमान की करें तो इलाके में माइनस 20 डिग्री का तापमान है। वीडियो जारी कर सोनम ने कहा, ‘लद्दाख में सब ठीक नहीं है’। सोनम ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें समुद्र तल से लगभग 17852 फीट ऊपर खारदुंगला दर्रा जाने की अनुमति नहीं दी, जहां उन्होंने अपने अन्य समर्थकों के साथ विरोध करने की योजना बनाई थी।

वह चाहते हैं कि प्रधानमंत्री खुद क्षेत्र के लिए भूमि, पारिस्थितिकी, संस्कृति और रोजगार की रक्षा के लिए उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए तुरंत लद्दाख भर के नेताओं को एक बैठक के लिए बुलाएं। देखा जाए तो सोनम को हाउस अरेस्ट कर दिया गया है और सोनम के पास अब सोशल मीडिया के अलावा और कोई भी साधन नहीं था जिससे वो अपनी आवाज उठा सकें, इसी कारण सोनम ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर अपना दर्द बयां किया है।

सोनम वांगचुक का एक और वीडियो वायरल हो गया है। लद्दाख में समाज सुधार का काम करने वाले सोनम ने लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर पर बड़े आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने को लेकर उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। वीडियो में वो आरोप लगा रहे हैं कि लद्दाख में सिर्फ एलजी की मनमानी चल रही है और पिछले तीन साल से कोई काम नहीं हो रहा है।

सोनम वांगचुक एक शिक्षक हैं। इन्हीं से प्रेरित होकर ‘थ्री-इडियट्स’ के रैंचो का किरदार बनाया गया था। सोनम का अपना यूट्यूब चैनल है जिस पर वो कुछ समय से वीडियो अपलोड कर लद्दाख से जुड़ी जानकारी देते रहते हैं। बता दें, आर्टिकल- 370 के निरस्त होने के बाद से ही लद्दाख में भूमि, संसाधनों और रोज़गार की सुरक्षा की मांग के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। आवाज़ उठाने वाले ग्रुप्स की मांग है कि उन्हें छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। यही मांग सोनम की भी है। उन्होंने मांग को लेकर अनशन की घोषणा भी की।

 वीडियो में सोनम कहते हैं- जब मैंने घोषणा की थी कि मैं खारदोंग ला में अनशन करूंगा तो प्रशासन ने मुझसे कहा कि वहां खतरा है और आपको अपने हयाल इंस्टीट्यूट में ही अनशन करना चाहिए। 26 जनवरी की सुबह 4-5 बजे भारी पुलिस बल यहां आई। मैं हैरान था। उन्होंने बताया कि आपकी सुरक्षा के लिए ये इंतजाम किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि उसी दिन लेह के चोखांग विहारा मंदिर में लद्दाख के लोग एक दिन का अनशन कर रहे हैं ।

वो वीडियो में कहते हैं- मुझे मंदिर में बुलाया गया था। मैं मंदिर परिसर में गया। रात को कुछ पुलिसकर्मी वहां आए और जबरन धक्के मार कर मुझे ले गए। वो लोग मुझे उठाकर ले गए। 26 जनवरी के दिन ही सारे कानूनों का हनन हो रहा था। वो पुलिसकर्मी भी ऊपर से दबाव के चलते परेशान थे। यहां पुलिस का मिसयूज किया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया- प्रशासन को मेरी सुरक्षा की कोई परवाह नहीं बल्कि वो मेरी आवाज दबाना चाहते हैं। तीन साल हर आदमी दुखी है। नौकरी नहीं मिल रही है। फंड है लेकिन इसका ज्यादातर हिस्सा वापस चला जाता है। 6 हजार करोड़ रुपये का क्या करना है। इसका फैसला बस एलजी लेते हैं। 8-9 फीसदी ही जनता के चुने हुए लोगों को मिलता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि 6 शेड्यूल के लिए आवाज उठाने पर लोगों के खिलाफ एफआईआर कर दी गई है। हाल ही में लद्दाख में हुए हॉकी के मैच में कुछ युवाओं ने 6 शेड्यूल की बात कही तो पुलिस उन्हें थान ले गई। ये कहां का जुर्म है। हर पार्टी ने इसे अपने मैनिफेस्टो में रखा है लेकिन इस पर काम नहीं हो रहा। उन्होंने अमित शाह से अपील की कि वो मामले में दख़ल दें।

सोनम ने दावा किया कि आज जब मैंने इस अवैध हाउस अरेस्ट और प्रशासन की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई तो एक अधिकारी ने मुझे कागज थमा दिया। मुझसे एग्रीमेंट पर साइन करने को कहा है जिससे मैं कुछ ना बोल सकूं।अगर मैंने साइन नहीं किया तो वो कहते हैं कि मेरा डिटेंशन हो सकता है। हमारे स्कूल के तीन युवा शिक्षकों को थाने ले जाया गया है ताकि उनको बचाने के लिए मैं इस पर साइन करूं।

 (जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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