Saturday, April 20, 2024

हथियार दलाल संजय भंडारी और आयकर अधिकारियों पर मेहरबानी

सीबीआई के तत्कालीन चीफ आलोक वर्मा को हटाकर जब नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम चीफ बनाया गया तो उच्चतम न्यायालय ने उन्हें कोई नीतिगत निर्णय लेने से रोक दिया था। इसके बावजूद नागेश्वर राव ने हथियार दलाल और सीए संजय भंडारी, उसके दो बेटों श्रेयांस और दिव्यांग तथा सुरेश कुमार मित्तल, प्रधान आयुक्त, आयकर, दिल्ली सहित नौ आयकर अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज भ्रष्टाचार का मामला बंद करने का आदेश पारित कर दिया था। ये भंडारी वही हैं जिसका राबर्ट वाड्रा से संबंध बताया जाता है। भंडारी भारत से भाग कर इंग्लैंड में रह रहा है और उसकी भारत स्थित संपत्तियां ईडी ने जप्त कर ली हैं।

इंडियन एक्सप्रेस में 27 नवंबर 2018 को एक खबर प्रकाशित हुई थी, जिसमें कहा गया था कि तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें 23 अक्टूबर के उस सरकारी आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके द्वारा उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करते हुए छुट्टी पर जाने को कह दिया गया था।

इसके बाद एक नया विवाद सामने आया, जिसमें कहा गया कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने 11 नवंबर 2018 को एक आदेश पारित करके चार्टर्ड अकाउंटेंट संजय भंडारी और दिल्ली के तत्कालीन प्रधान आयकर आयुक्त सहित नौ आयकर अधिकारियों के खिलाफ दर्ज़ भ्रष्टाचार का मामला बंद करने का आदेश पारित किया है।

जबकि नागेश्वर राव को उच्चतम न्यायालय ने 26 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि वह “अभी से कोई भी नीतिगत निर्णय (फैसले) या कोई भी बड़ा फैसला नहीं लेंगे और केवल वही नियमित कार्य करेंगे जो सीबीआई के लिए आवश्यक हैं।

वह मामला जिसके लिए 11 नवंबर को केस बंद करने का आदेश पारित किया गया था, वह जून 2016 का था जब सीबीआई ने संजय भंडारी और उनके दो बेटों श्रेयांस और दिव्यांग को एसके मित्तल, प्रधान आयुक्त, आयकर, दिल्ली सहित नौ आयकर अधिकारियों सहित भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने के आरोप में बुक किया था। यह आरोप लगाया गया था कि ये आयकर अधिकारी भंडारी से लभान्वित होने वालों की सूची में शामिल थे और न्होंने भंडारी के लोगों की  मदद करने के एवज में अवैध लाभ लिए, जिसमें पांच सितारा होटलों में रुकने, लक्जरी कारों में यात्रा करने और फ्लाइट यात्रा शामिल थे

यह मामला जनवरी 2015 में सीबीआई द्वारा दर्ज एक अन्य मामले से उपजा था, जिसमें संजय भंडारी का नाम संयुक्त आयुक्त सलॉन्ग याडन के साथ नामित किया गया था, जिसे कथित तौर पर श्रेयांस भंडारी से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। राव के फैसले ने सात जून को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के फैसले को पलट दिया, जिसमें उन्होंने मामले को बंद करने से इनकार कर दिया था और मदुरै की यात्रा के दौरान फिर से जांच के आदेश दिए थे।

राव का यह निर्णय नौ नवंबर को दिल्ली में सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा की नोटिंग से सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि मदुरै की यात्रा के दौरान, सक्षम अधिकारी (वर्मा) ने मामले को फिर से खोलने के लिए मौखिक रूप से तब कहा था जब मामले को 13 मार्च को भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो चेन्नई ने बंद कर दिया था।

आलोक वर्मा के निर्देश की अवहेलना करते हुए, राव के आदेश में कहा गया था कि “यह मामला पहले ही 13 मार्च 2018 को अंतिम रूप ले चुका है। इसलिए एचओबी (शाखा प्रमुख) तदनुसार निर्णय लें। संयोग से राव मार्च में सीबीआई के चेन्नई ज़ोन के प्रभारी संयुक्त निदेशक थे, जिन्होंने भंडारी के खिलाफ मामला बंद करने की सिफारिश की थी। अंतरिम निदेशक का पद संभालने से पहले राव को मई में दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय बुला लिया गया था।

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने वर्मा के निर्देश के खिलाफ राव के फैसले को सही ठहराया, जिसमें कहा गया था, ”जांच के बाद और सबूतों के आधार पर मामले को बंद करने के लिए पूर्व निदेशक द्वारा 13 मार्च 18 को निर्णय लिया गया था। इसके बाद, अंतरिम निदेशक के समक्ष फिर से जांच के लिए फाइल पेश क। यदि वे इसका अनुमोदन कर देते तो यह एक नीतिगत निर्णय होता जो उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के विरुद्ध होता। इसलिए, दोबारा खोलने के अनुरोध को ठुकरा दिया गया।

गौरतलब है कि जून 2015 के आखिरी हफ्ते में अख़बारों में खबरें आईं कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस रेखा मित्तल के पति और प्रधान आयकर आयुक्त सुरेश कुमार मित्तल के साथ नौ वरिष्ठ आयकर अधिकारियों पर बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। वहीं इससे पहले सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई, बैंगलौर, चेन्नई, हैदराबाद और खम्माम में 17 जगहों पर छापेमारी की थी। इन शहरों में अधिकारियों और चार्टड अकाउंटेंट संजय भंडारी के आवासीय और कार्यालय पर भी छापेमारी की गई।

छापों में सीबीआई ने 2.6 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, 16 लाख रुपये की नकदी, 4.25 किलोग्राम सोने के आभूषण, 13 किलोग्राम चांदी के सामान के अलावा 68 लाख रुपये की सावधि जमा रसीद भी बरामद की गई। ये सारा सामान अलग-अलग अधिकारियों के घर से मिला है।

प्रधान आयकर आयुक्त सुरेश कुमार मित्तल ने मद्रास हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में स्वीकर किया था कि भंडारी के सौजन्य से होटल में उनके साथ उनकी पत्नी जस्टिस रेखा मित्तल भी रुकी थीं। मद्रास हाईकोर्ट ने उनकी याचिका ख़ारिज कर दी थी।  

सीबीआई ने सुरेश कुमार मित्तल के अलावा, बैंगलोर के अतिरिक्त आयुक्त टीएन प्रकाश, चेन्नई के उपायुक्त आरवी हारन प्रसाद के उपायुक्त एस मुरली मोहन, चेन्नई के आयुक्त विजयलक्ष्मी, मुंबई के अतिरिक्त आयुक्त एस पांडियन, मुंबई के आयुक्त आईटीएटी जी लक्ष्मी बराप्रसाद, गाजियाबाद के अतिरिक्त निदेशक विक्रम गौर और मुंबई के अतिरिक्त निदेशक राजेंद्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके अलावा चार्टर्ड एकाउंटेंट संजय भंडारी और उनके बेटे श्रेयांश और दिव्यांग के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था ।

इन लोगों पर आरोप है कि इन अधिकारियों ने चार्टड अकाउंट और उनके बेटों से तमाम सुविधाएं ली और इसके बदले में उनके ग्राहकों को सहायता पहुंचाई। सीबीआई के मुताबिक इन आयकर विभाग के इन अधिकारियों ने चार्टड अकाउंटेंट संजय भंडारी और उनके बेटों से अनुचित लाभ उठाया था। दरअसल ये अधिकारी हथियार दलाल और चार्टड अकाउंटेंट संजय भंडारी के पे रोल पर रहे हैं।  अब यह तथ्य रहस्य के घेरे में है कि यह मामला बंद कर दिया गया है या अभी जांच लंबित है?

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और कानूनी मामलों के जानकार है। इन दिनों इलाहाबाद में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।