Tuesday, April 23, 2024

अडानी को कौन बचा रहा है?

यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब सभी खोज रहे हैं। यूरोपीय और अमेरिकी उद्योगपति/वित्तीय संस्थान तो अडानी के लिए थंब डाउन कर चुके हैं। चीनियों की तो खुद की हालत खराब है !…. भारत वाले निजी रिटेल इन्वेस्टर्स को तो अडानी की हकीकत मालूम ही है इसलिए उन्होंने उसका एफपीओ( FPO) ही सब्सक्राइब नहीं किया !……तो फिर कौन है जिसके दर पर जाकर अडानी माथा टेक रहे हैं।अडानी दुनिया के सबसे धनी परिवार के यानी यूएई के शाही परिवार की शरण में हैं।

पिछले एक डेढ़ हफ्ते से गौतम अडानी, ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह समेत उनकी पूरी टीम अबू धाबी में है। फंड जुटाने के लिए अडानी की अडानी इंटरप्राइजेज या ग्रुप की दूसरी कंपनी में कैपिटल इंफ्यूजन के लिए अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कॉप्स आईएचसी(IHC) के साथ बात चल रही है।

मदद के बदले में दुबई के शेख मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा अडानी के देश भर में फैले हुए पोर्ट और सीमेंट बिजनेस में हिस्सेदारी मांग रहे हैं।

आपको याद दिला दें कि कुछ हफ्ते पहले जब अडानी अपने एफपीओ( FPO) को लेकर आए थे, तो हिंडनबर्ग खुलासे के कारण उनके शेयर कोई नहीं खरीद रहा था। रिटेल कैटेगरी में सिर्फ 12 परसेंट कोटा ही सब्सक्राइब हुआ था।

एफपीओ (FPO) की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले अबू धाबी की इस कंपनी ने अडानी के एफपीओ (FPO) में 3600 करोड़ रूपये का निवेश कर बाजी पलटने की कोशिश की। अंतिम दिन अडानी ग्रुप ने घोषणा की कि उनका एफपीओ (FPO) पूरी तरह से सबस्क्राइब हो गया है, जिसे बाद में अडानी ने खुद ही वापस ले लिया।

तब भी सवाल उठे थे कि आखिर आईएचसी (IHC) ने एफपीओ में पैसे क्यों लगाए? क्योंकि बाजार में तो एफपीओ से भी सस्ते भाव में शेयर मिल रहे थे।

इससे पहले साल 2022 में आईएचसी ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों में 2 अरब डॉलर का निवेश किया था। शेख को खुश करने के लिए अडानी ग्रुप की अडानी स्पोर्ट्सलाइन कंपनी ने यूएई टी20 लीग में भाग लेने का फैसला किया था। 

एक बात और जानना ज़रूरी है, देश भर में जो लुलु मॉल खुलने जा रहे हैं उसके पीछे भी यूएई के शाही परिवार का पैसा लगा हुआ है। शेख तहनून बिन जायद अल नहयान के अबू धाबी की एक निवेश फर्म ने लुलु हाइपरमार्केट्स की होल्डिंग कंपनी लुलु ग्रुप इंटरनेशनल में लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (7,600 करोड़ रुपये) का निवेश किया है।

फ़ाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ तीन साल पहले तक इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी का नाम ज़्यादा लोगों ने नहीं सुना था। फ़ाइनेंशियल टाइम्स के साथ बातचीत में खाड़ी देशों में काम करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय बैंकर ने कहा है कि किसी को नहीं पता है कि ये कंपनी इतनी तेज़ी से कैसे बढ़ी। बाज़ार पूंजी के मामले में ये कंपनी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों सीमंस और जनरल इलेक्ट्रिक से ज़्यादा बड़ी हो गई हैं।

इस कंपनी के शेयर मूल्यों में साल 2019 से अब तक 42000 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है।आज मध्य पूर्व में ये कंपनी सिर्फ़ सऊदी अरब की शाही तेल कंपनी अरामको से पीछे है। अबू धाबी की इंटरनेशनल हॉल्डिंग कॉप्स के बारे में जब बीबीसी ने अपने एक लेख में जब खुलासा किया, उसके बाद ही बीबीसी की दफ्तर पर छापा डाल दिया गया।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी निजी इक्विटी अरबपति टॉम बैरक ने अदालत की गवाही के दौरान कहा था कि उन्होंने कई बार गौतम अडानी को यूएई के शाही परिवार के सदस्य शेख तहनून के साथ बैठे हुए देखा है।

(गिरीश मालवीय आर्थिक मामलों के जानकार हैं।)

जनचौक से जुड़े

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

मोदी के भाषण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं, आयोग से कपिल सिब्बल ने पूछा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'कांग्रेस संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी' वाली टिप्पणी पर उन पर निशाना साधते...

Related Articles

मोदी के भाषण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं, आयोग से कपिल सिब्बल ने पूछा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'कांग्रेस संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी' वाली टिप्पणी पर उन पर निशाना साधते...